राज्यसभा में मार्शल को पहनाई गई सेना जैसी वर्दी, विवाद हुआ तो सभापति बोले- विचार करेंगे
राज्यसभा में जो मार्शल होते हैं वो सभापति के निर्देश पर काम करते हैं. आम तौर पर इनका काम सभापति और उपसभापति की मदद करना होता है और जब संसद में हंगामे की स्थिति बनती है तो उसे कंट्रोल करने के लिए सभापति मार्शल को आदेश देते हैं.
नई दिल्ली: मौजूदा शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के भीतर एक बड़ा बदलाव दिखा है. सदन के भीतर तैनात मार्शलों की ड्रेस अब सेना की वर्दी जैसी दिखने लगी है. सोमवार को जब राज्यसभा में शीतकालीन सत्र शुरू हुआ तो सभापति वेंकैया नायडू के साथ खड़े मार्शलों ने नई ड्रेस पहन रखी थी. सभापति के दोनों और खड़े मार्शल सिर पर टोपी लगाए थे और ड्रेस करीब करीब सेना की वर्दी जैसी लग रही थी. अब मार्शल की ड्रेस में हुए इस बदलाव पर विवाद हो गया है.
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने उठाए सवाल
दरअसल पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीपी मलिक ने मार्शल की नई ड्रेस पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. वीपी मलिक ने ट्वीट करके कहा है, ‘’मिलिट्री यूनिफॉर्म की नकल करना और किसी गैर-सैन्यकर्मी के द्वारा उसे पहनना अवैध है. यह सुरक्षा व्यवस्था को खतरा है. उम्मीद है कि उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा सचिवालय जल्द कोई उचित फैसला लेंगे.’’
इतना ही नहीं वीपी मलिक ने कहा, ‘’राज्य सभा और आर्मी की ट्रेडिशन को मिक्स नहीं करना चाहिए. देखने पर कोई भी ये अंदाज़ा नहीं लगा पाएगा कि ड्रेस में राज्य सभा का मार्शल खड़ा है या आर्मी ऑफ़िसर. इस तरह से राज्यसभा की सुरक्षा पर भी असर पड़ सकता है. सुरक्षा कर्मी कैसे पहचान पाएंगे कि अंदर जाने वाला यूनिफॉर्म में राज्यसभा का मार्शल है या इंडियन आर्मी का ऑफ़िसर. राज्यसभा को अपने रीति रिवाज़ इंडियन आर्मी के साथ मिक्स नहीं करने चाहिए.’’
Copying and wearing of military uniforms by non military personnel is illegal and a security hazard. I hope @VPSecretariat, @RajyaSabha & @rajnathsingh ji will take early action. https://t.co/pBAA26vgcS
— Vedmalik (@Vedmalik1) November 18, 2019
विचार करने के बाद लेंगे फैसला- सभापति वेंकैया नायडू
वहीं, इस पूरे विवाद पर उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि उनको मार्शल के ड्रेस कोड को लेकर कई राजनेताओं की तरफ से और समाज के प्रबुद्ध लोगों की तरफ से कई सुझाव मिले हैं. लिहाज़ा वह सभी सुझाव सेक्रेटेरिएट को दे दिए गए हैं और उसपर विचार करने के बाद फैसला किया जाएगा.
कैसी है नई ड्रेस?
सेना के कमांडर सरीखे गहरे नीले रंग की वर्दी और कैप्टन वाली हैट के साथ राज्सभा में मार्शलों को नई ड्रेस मिली. मार्शलों की कैप में सुनहरे रंग की पट्टी और राज्यसभा सचिवालय का मोनोग्राम लगाया गया है. राज्यसभा सचिवालय से मिली जानकारी के मुताबिक सालों बाद ड्रेस में बदलाव किया गया है. अब तक मार्शलों की साल में दो तरह की वर्दी हुआ करती थी. ठंड के दिनों में मार्शल काले रंग का गलाबन्द शूट पहनते थे. साथ ही सिर पर पगड़ी पहनी जाती थी. जबकि गर्मी के दिनों में गलाबन्द फुल बाजू का सफारी शूट पहना जाता था.
कौन होते हैं मार्शल?
राज्यसभा में जो मार्शल होते हैं वो सभापति के निर्देश पर काम करते हैं. आम तौर पर इनका काम सभापति और उपसभापति की मदद करना होता है और जब संसद में हंगामे की स्थिति बनती है तो उसे कंट्रोल करने के लिए सभापति मार्शल को आदेश देते हैं. इतना ही नहीं सदन के अंदर की व्यवस्था बनाए रखने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इन्ही पर रहती है.
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