पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब अख्तर ने एक टीवी कार्यक्रम में पाकिस्तान की टीम में रहे हिंदू स्पिनर दानिश कनेरिया के साथ भेदभाव का खुलासा किया था. अख्तर ने दावा किया था कि कुछ पाकिस्तानी क्रिकेटर कनेरिया के साथ खाना खाने से भी हिचकते थे क्योंकि वो हिंदू हैं. शोएब अख्तर का ये बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इसके बाद दानिश कनेरिया ने बयान जारी कर अख्तर के दावे का समर्थन करते हुए कहा कि पाकिस्तानी की टीम में उनके खेलने के दौरान कुछ खिलाड़ी थे जो हिंदू होने की वजह से उन्हें निशाना बनाते थे, लेकिन उन्होंने कभी अपना धर्म बदलने का दबाव महसूस नहीं किया. इसके साथ ही कनेरिया ने इस मामले को राजनीतिक रंग न देने की अपील भी की थी.




कनेरिया के मामले ने तूल पकड़ा तो पाकिस्तान के दिग्गज़ बल्लेबाज़ों में शुमार रहे मोहम्मद यूसुफ ने ट्वीट कर शोएब अख्तर की आलोचना की. यूसुफ ने लिखा, 'मैं पाकिस्तान टीम में अल्पसंख्यक खिलाड़ियों के साथ भेदभाव के बारे में की गई टिप्पणियों की निंदा करता हूं. मैं टीम का सदस्य रहा हूं. मुझे टीम, प्रबंधन और प्रशंसकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है.'




इस विवाद के वायरल होने के बाद शोएब अख्तर ने अपने यू ट्यूब चैनल पर सफाई दी. उन्होंने कहा कि उनका मकसद अच्छी बातें कर समाज को बेहतर बनाना है, लेकिन बहुत बड़ा विवाद पैदा कर दिया गया. उन्होंने विवाद की वजह पर अपनी बात रखी. शोएब अख्तर ने कहा, ' मैं देखना चाहता था लोग कैसे रिएक्ट करते हैं. बहरहाल माशा अल्लाह, आपने मेरे उस बयान पर ठीक-ठाक रिएक्शन दिया और ठीक-ठाक गलत खबरें फैलाईं.' उन्होंने कहा, 'मैंने दानिश कनेरिया मामले में जो कुछ कहा उसे 'टीम कल्चर' के तौर पर नहीं कहा. यह अलिखित अनुबंध है कि हमें प्रत्येक खिलाड़ी का सम्मान करना होगा, फिर चाहे वह कोई भी हो. कुछ खिलाड़ियों ने कुछ हिचक दिखाई, लेकिन यह हमारी टीम का आचरण नहीं था.' अख्तर ने कहा, ‘ये सिर्फ एक या दो खिलाड़ी थे और इस तरह के खिलाड़ी दुनियाभर में हैं जो नस्ली टिप्पणी करते हैं ’


शोएब अख्तर ने कहा, 'समाज के रूप में हमें समझना चाहिए कि ऐसा नहीं होना चाहिए. मैं इस समाज का हिस्सा हूं और मैंने ऐसा किया. मैंने उन्हें कहा कि अगर आप इस तरह बात करोगे (कनेरिया के धर्म को लेकर) तो मैं आपको बाहर फेंक दूंगा क्योंकि यह हमारी संस्कृति नहीं है.' उन्होंने कहा, 'हमारा ये कल्चर नहीं है. ये बात साबित करने के लिए मेरा एक दूसरा साथी भी वहां बैठा हुआ था. उसने कहा कि शोएब बिल्कुल ठीक कह रहा है और आपको ऐसी बात बिल्कुल नहीं करनी चाहिए.' अख्तर ने कहा, ‘एक देश के रूप में हम इस तरह के भेदभाव के विचारों को हावी नहीं होने दे सकते. हमने इसे वहीं रोक दिया. समाज के रूप में पिछले 10 से 15 साल में हमारे अंदर काफी सुधार आया है.’



उन्होंने साथ ही कहा कि पाकिस्तान ने कभी कनेरिया को टीम से बाहर नहीं किया. अख्तर ने कहा, ‘पाकिस्तान ने कभी दानिश कनेरिया को बाहर नहीं कया. उसे ईसीबी (इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड) के कारण बाहर किया गया. उसके साथ मैच फिक्सिंग का मुद्दा जुड़ा था और ईसीबी ने इसके लिए उसे सजा दी. पाकिस्तान ने उसके साथ कभी कुछ गलत नहीं किया.’