नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि आर्थिक मंदी एवं बेरोजगारी की समस्या से ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने तथा संविधान को कमजोर करने की साजिश हो रही है. गणतंत्र दिवस पर अपने संदेश में सोनिया गांधी ने कहा है कि 70 वर्ष पूर्व देश के लोगों की आकांक्षाओं व इच्छाओं के अनुरूप भारत के संविधान को देश व देशवासियों ने अपनाया व लागू किया. हमारे संविधान की प्रस्तावना में सबके लिए न्याय, समानता, आज़ादी, धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना रेखांकित है.


सोनिया ने एक बयान में देशवासियों को 71वें गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा, '70 वर्ष पूर्व देश के लोगों की आकांक्षाओं व इच्छाओं के अनुरूप भारत के संविधान को देश व देशवासियों ने अपनाया व लागू किया. हमारे संविधान की प्रस्तावना में सबके लिए न्याय, समानता, आज़ादी, धर्मनिरपेक्षता व भाईचारे की भावना रेखांकित है.'


उन्होंने कहा, "संविधान का हर अक्षर केवल एक शब्द मात्र नहीं, पर हर नागरिक का जीवनदर्शन व सरकारों के लिए शासन चलाने का जीवंत रास्ता है. ' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'यह रास्ता गांधी जी के नेतृत्व में करोड़ों स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी से लिखा गया है, जहां हर भारतवासी को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता के अधिकार सुनिश्चित किए गए हैं."


उन्होंने आरोप लगाया, 'सच्चाई यह है कि आज देश के संविधान व संवैधानिक मूल्यों पर षडयंत्रकारी हमला बोला जा रहा है. संवैधानिक मान्यताओं पर संस्थागत तौर से अतिक्रमण किया जा रहा है व संवैधानिक संस्थाओं को व्यक्तिगत निरंकुशता की बलि चढ़ायी जा रही है.' सोनिया ने कहा, ' ऐसे में संविधान की रक्षा के लिए एकजुट होकर खड़े होना हर देशवासी का कर्तव्य है." उन्होंने कहा, 'आज खेती और किसान बर्बादी की कगार पर हैं. देश का भविष्य - देश का नौजवान रोजगार और सम्मान के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. मंदी और तालाबंदी के चलते छोटे छोटे व्यवसायी व दुकानदार अपने आपको असहाय महसूस कर रहे हैं.' कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया, ' अर्थव्यवस्था बदहाल है, आर्थिक प्रगति चौपट है व व्यापारिक मंदी हर पायदान पर दस्तक दे रही है. पर आवाज उठाने वाले हर व्यक्ति पर सरकारी तंत्र का दमनचक्र चलाया जा रहा है.'


उन्होंने आरोप लगाया, 'आर्थिक बदइंतजामी, प्रशासनिक दिवालियेपन, बेतहाशा महंगाई, चौतरफा मंदी, असहनीय बेरोजगारी जैसी विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए देशावासियों को धर्म, क्षेत्रवाद और भाषा के आधार पर बांटने तथा संविधान को कमजोर करने की साजिश की जा रही है.' सोनिया ने दावा किया, ' देश में अप्रत्याशित तौर से अशांति, भय व असुरक्षा का वातावरण पैदा किया गया है. आम नागरिक महसूस कर रहा है कि मौजूदा शासन के हाथों में संवैधानिक मूल्य सुरक्षित नहीं हैं.'


उन्होंने कहा, 'आज संविधान की रक्षा का दायित्व हर देशवासी के कंधे पर है.' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'आइये, निजी स्वार्थों व राजनैतिक लोलुपताओं से परे हट राष्ट्र निर्माण का नव संकल्प लें. हर देशवासी संविधान की सुरक्षा और देश की एकता को मजबूत करने के कर्तव्यबोध को आत्मसात करे. यही संविधान के प्रति सच्ची प्रतिबद्धता व राष्ट्रभक्ति का सूचक है."