नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शन को रोकने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित देश के कई शहरों में धारा 144 लगाया गया है. इसके बावजूद लोग गुरुवार को बड़ी संख्या में प्रदर्शन करने सड़कों पर निकले. कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में गुरुवार को इतिहासकार रामचन्द्र गुहा को पुलिस ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया. ऐसे में हम आपको यहां बताने जा रहे हैं कि अगर प्रदर्शन के दौरान आपको पुलिस एरेस्ट (गिरफ्तार) या डिटेन (हिरासत) करती है तो आपके क्या अधिकार हैं.


अरेस्ट के बाद के कानूनी अधिकार




  1. जब तक जुर्म साबित नहीं होता है तब तक आरोपी कानून की नजर में अपराधी नहीं माना जाता है और इस दौरान उसे संविधान के आर्टिकल 21 के तहत जीने का अधिकार है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए पुलिस कस्टडी में गिरफ्तार व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार न हो इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं.

  2. दी कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर (सीआरपीसी) की धारा 50 (1) के तहत पुलिस अगर किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करती है तो उन्हें गिरफ्तारी का कारण बताना होगा.

  3. गिरफ्तार के दौरान पुलिस सिविल ड्रेस में नहीं रह सकती है और ड्रेस के साथ उनके नेम प्लेट पर नाम साफ अक्षरों में लिखा होना चाहिए.

  4. इसके बाद पुलिस को एक एरेस्ट मेमो बनाना होगा जिसमें गिरफ्तार किए गए व्यक्ति से साइन करवाना होगा. इस मेमो में पुलिस अधिकारी की रैंक, गिरफ्तार करने का टाइम और विटनेस के हस्ताक्षर भी होंगे.

  5. गिरफ्तार हुए व्यक्ति को यह अधिकार है कि वह इसकी जानकारी अपने परिजनों को दें

  6. इसके बाद आप मेडिकल चेकअप की मांग कर सकते हैं. इससे ये फायदा होता है कि गिरफ्तार व्यक्ति के पास ये सबूत हो जाता है कि उसके शरीर पर कोई चोट नहीं है. बाद में पुलिस अगर ज्यादती करती है तो इसका पता मेडिकल रिपोर्ट से चल जाता है.

  7. इसके साथ ही गिरफ्तार व्यक्ति की हर 48 घंटे पर मेडिकल जांच होनी चाहिए.

  8. पुलिस को 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को मजिस्ट्रेट के सामने पेश करना होगा.

  9. महिलाओं को सिर्फ महिला पुलिसकर्मी गिरफ्तार करेंगी.


हिरासत के बाद के कानूनी अधिकार




  1. हिरासत के दौरान पुलिस लोगों को पुलिस गाड़ी में लेकर पुलिस स्टेशन ले जाती है और कुछ घंटों के बाद छोड़ देती है.

  2. हिरासत में लिए गए व्यक्ति के साथ मारपीट नहीं की जा सकती है.

  3. उनके सामानों को पुलिस नहीं ले सकती है.