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आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे उद्धव ठाकरे का ऐसा रहा है सियासी सफर

सूबे के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे शपथ लेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब राजनीतिक पार्टी शिवसेना का कोई नेता महाराष्ट्र की कमान संभालने वाला है.

शिवसेना प्रमुख उद्धाव ठाकरे गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. शपथ ग्रहण समारोह मुंबई के ऐतिहासिक शिवाजी मैदान में संपन्न होगा. इस शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने के लिए तमाम नामी सियासी हस्तियों को न्योता भेजा गया है. सूबे के 18वें मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे शपथ लेंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब राजनीतिक पार्टी शिवसेना का कोई नेता महाराष्ट्र की कमान संभालने वाला है. आइए जानते हैं उद्धव ठाकरे के सियासी सफर से जुड़ी अहम बातें.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं उद्धव ठाकरे शिवसेना के वर्तमान प्रमुख हैं. वह शिवसेना संस्थापक बालासाहेब और मीनाताई ठाकरे के बेटे हैं. उद्धव ठाकरे की शादी रश्मि ठाकरे से हुई है. उनके दो बेटे- आदित्य और तेजस हैं. आदित्य ठाकरे युवा सेना के अध्यक्ष हैं और विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्य भी हैं. उद्धव ठाकरे ने कई दशकों तक किसानों और आम लोगों के कल्याण के लिए किया है.

उद्धव प्रमुख मराठी अखबार 'सामना' के प्रधान संपादक भी हैं, जिसे बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित किया गया था.

आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे उद्धव ठाकरे का ऐसा रहा है सियासी सफर

27 जुलाई 1960 को मुंबई (तब बंबई) में जन्मे उद्धव ठाकरे ने जेजे स्कूल ऑफ आर्ट्स से स्नातक की डिग्री हासिल की है. वह एक लेखक और पेशेवर फोटोग्राफर भी हैं, जिनका काम विभिन्न पत्रिकाओं में दिखाई देता है और उनकी तस्वीरों को कई प्रदर्शनियों में दिखाया भी गया है.

अब तक कैसा रहा उद्धव ठाकरे का राजनीतिक सफर

2002 के बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव के दौरान उन्हें पार्टी के प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई, और यहां शिवसेना ने अच्छा प्रदर्शन किया. यह पहली बार था जब किसी ने राजनीति के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व गुणों और स्वभाव को देखा. उन्होंने पार्टी के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया और 2003 में पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में उनका नाम घोषित किया गया. 2004 में बालासाहेब ठाकरे ने उन्हें अगले पार्टी प्रमुख के रूप में घोषित किया.

उद्धव ठाकरे की जिंदगी के रचनात्मक पहलू

साल 2010 में उद्धव ठाकरे की आई फोटो बुक 'महाराष्ट्र देशा' में लुभावने हवाई दृश्य से भरी महाराष्ट्र के अद्भुत सांस्कृतिक कपड़े, भौतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य की एक झलक है. साल 2011 में आई किताब 'पहावा विठ्ठल' में ग्रामीण महाराष्ट्र के विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया है. उन्होंने बड़े मुद्दों के लिए एक गहरी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं उन्होंने अपनी फोटोग्राफी प्रदर्शनियों के माध्यम से किसानों के लिए सूखे से राहत और वन्य जीवन संरक्षण के लिए धन भी जुटाया है.

आज महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने जा रहे उद्धव ठाकरे का ऐसा रहा है सियासी सफर

अब तक क्या रही हैं उद्धव ठाकरे की उपलब्धियां

देर से राजनीति में प्रवेश करने पर, उनकी पार्टी और महाराष्ट्र की राजनीति में खुद को साबित करने के लिए उनके पास केवल कुछ ही साथ रहे. उनके कुशल मार्गदर्शन में, उनकी पार्टी ने 2002 के बीएमसी चुनावों में भाग लिया. अपने उत्कृष्ट राजनीतिक कौशल के साथ उद्धव ठाकरे ने ज़मीनी कार्यकर्ताओं को प्रभावी तरीके से चलाने में भी कामयाबी हासिल की है और उन्हें संगठित रूप से आगे बढ़ाया है.

अन्य उपलब्धियां

  • सोशल वर्क के साथ उनकी पार्टी गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी छाप छोड़ने में सफल रही.
  • उन्होंने बारिश के मौसम के दौरान गठित मुंबई के गड्ढों को भरने का प्रयास किया.
  • उनके कुशल नेतृत्व में शिवसेना ने मलेरिया के लिए परीक्षण और उपचार केंद्र शुरू किए हैं और दवाएं वितरित की.
  • मुंबई में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई अस्पतालों का निर्माण किया और कार्य करना शुरू कर दिया है.
  • उद्धव ठाकरे ने मुंबई में रक्तदान मेगा शिविर का आयोजन कर के अभिनव सामाजिक कार्य की शुरुआत की.

शिवसेना प्रमुख प्रचारक के रूप में काम करते हुए 2002 के बीएमसी चुनाव में शिवसेना के लिए जीत हासिल की. इसके बाद उनकी पार्टी लोकसभा और राज्य चुनावों में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है, जहां वह पिछले 5 सालों से सत्तारूढ़ गठबंधन में भागीदार थी. उन्होंने स्थानीय निकायों, जिला परिषदों और अन्य स्थानीय चुनावों सहित महाराष्ट्र में सभी तरह के राजनीतिक पहलूओं को शामिल करने के लिए पार्टी आधार और नेटवर्क का विस्तार किया है.

महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के किसानों के लिए एक सफल ऋण राहत अभियान का आयोजन किया. साल 2007 में लंबे सूखे के बाद क्षेत्र के किसान भारी कर्ज में डूबे हुए थे.  उद्धव ठाकरे ने राज्य और केंद्र सरकार में अंतर करने में विफल रहने पर अपनी स्थितियों में सुधार करने की दिशा में कदम बढ़ाया.

उन्होंने किसानों के विकास और कल्याण के लिए अपने संघर्ष का ध्यान केंद्रित किया है. इसने न केवल उनके जनाधार का विस्तार किया है, बल्कि उन्हें राज्य का नेतृत्व करने के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार भी बनाया है.

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