कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक ओर जहां राजनीति में BJP से टक्कर ले रही हैं तो वहीं दूसरी ओर हिन्दू संगठनों से भी उनकी ठनी हुई है. ममता बनर्जी मालदह में 200 आदिवासी युवतियों की 5 मार्च को शादी करवाएंगी. अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको सामूहिक विवाह और हिन्दू संगठनों से ममता की ठनने के बारे में क्यों बता रहे हैं? आरोप है कि 2 फरवरी को मालदह में ही विश्व हिंदू परिषद ने सामूहिक विवाह का एक कार्यक्रम रखा था जिसमें 200 आदिवासी युवतियों को विवाह होना था लेकिन बीच में झारखंड देशम पार्टी के कुछ लोगों ने पहुंचकर हंगामा कर दिया था.


इस कार्यक्रम के आयोजकों पर आरोप था कि आदिवासी युवतियों पर दबाव डालकर जबरन हिन्दू धर्म में परिवर्तन करवाया जा रहा था और इसके बाद शादी करवाई जा रही थी
जिसपर आदिवासी समुदाय को नाराजगी थी और इस शादी को आदिवासी समुदाय की तरफ से खारिज भी कर दिया गया था.


पश्चिम बंगाल में अप्रैल महीने में निकाय चुनाव तो 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में ममता बनर्जी के लिए आदिवासियों को अपने पाले में करने का ये अच्छा मौका था जिसे वो किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहती थीं. यही वजह है कि अब 5 मार्च को सरकारी स्तर पर सामूहिक विवाह का ये कार्यक्रम रखा गया है. राज्य की रूपश्री योजना के तहत इन आदिवासी युवतियों के विवाह को सम्पन्न किया जाएगा और इस दौरान मुख्यमंत्री खुद मालदह में मौजूद रहेंगी.


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