80 किमी की रफ्तार से 11 हजार वाहन की क्षमता, 3 घंटे में 20 मिनट का सफर ... ऐसे गेमचेंजर साबित होगी सोनमर्ग की Z-मोड़ टनल
भारतीय सेना चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख क्षेत्र में और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बड़ी आसानी से पहुंच सकेगी ये सुरंग देश कि रक्षा में काफी अहमियत रखती है.

गगनगीर-सोनमर्ग को जोड़ने वाली सोनमर्ग टनल का 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्घाटन किया. आजादी के सौ साल पूरे होने पर यानी 2047 तक विकसित भारत के सपने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए देश को आगे बढ़ने में ये टनल गेंमचेंजर साबित हो सकती है. ऐसा मानने के पीछे दरअसल खास वजह भी है. 2,717 करोड़ की लागत से तैयार ये टनल सालभर श्रीनगर और लद्दाख के बीच बिना बाधा के यातायात प्रवाह सुनिश्चित करेगी. बर्फबारी हो या फिर ऊबड़-खाबड़... उन सभी क्षेत्रों को दरकिनार करते हुए ये टनल यात्रियों के लिए एक सुरक्षित रास्ता है.
ये श्रीनगर से लेकर लेह तक स्थानीय कृषि वस्तुओं की बिना किसी बाधा के आवाजाही की सुविधा देती है, जिससे न सिर्फ यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा बल्कि तेज़ कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा. कश्मीर के गांदरबल जिले के गगनगीर में पहाड़ी ग्लेशियर थजीवास के नीचे न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड तकनीक से सोनमर्ग टनल तैयार हुई है.
इस टनल से स्थानीय अर्थव्यवस्था, जम्मू कश्मीर के पर्यटन को जहां एक तरफ काफी फायदा होगा. वहीं दूसरी तरफ, भारतीय सेना के यातायात वाहन, रक्षा की मशीनों को LAC और POK तक पहुंचने में बेहद आसानी होगी. इसके साथ ही, भारतीय सेना चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख क्षेत्र में और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में बड़ी आसानी से पहुंच सकती है. सोनमर्ग की ये सुरंग देश कि रक्षा में काफी अहमियत रखती है.
कई मायने में महत्वपूर्ण सोनमर्ग टनल लद्दाख और करगिल के साथ ही लेह में कई सड़कें काफी ऊबड़-खाबड़ है. इन जगहों पर बर्फबारी और बारिश के दौरान लैंड स्लाइड होती है. इससे यातायात काफी प्रभावित होता है और रास्ते बंद हो जाता हैं. इसके चलते बड़े हदसे होने का डर रहता है. इस आपदा के समय और सामान्य दिनों में (Z) मोड़ वाली सोनमर्ग सुरंग से लोगों को यातायात में आसानी होगी.
प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सोनमर्ग टनल का उद्घाटन करते हुए अपने भाषण इसकी अहमियत बताते हुए कहा कि भारत कि नई तरक्की और हर देशवासी को साल 2047 तक डेवलप नेशन में जुड़ने के हर देशवासियों से अपील की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सबका साथ, सबका विकास की भावना से काम करती है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य में ऊंचे पुल, रोपवे और सुरंगों का सेंटर बना रहा है.
इस टनल से जहां जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, श्रीनगर-लेह गगनगीर, करगिल वहां के स्थानों में सोनमर्ग टनल इंडियन आर्मी को रक्षा से जुड़ी जरूरतों को पूरा करने, क्षेत्रीय विकास, पर्यटन- व्यापार में तेजी से विकास लाने में मदद करेगी, तो वहीं सर्दियों में राष्ट्रीय राजमार्ग ( NH-1) श्रीनगर से लेह को जोड़ने वाला रास्ते में लैंड स्लाइड और बर्फबारी के कारण जो रास्ता बंद हो जाते है, उस स्थिति से बचने के लिए यह सुरंग महत्वपूर्ण रहेगी.
हर घंटे हजार वाहन जाने की क्षमता
इस जेड मोड़ टनल में 80 किलोमीटर की रफ्तार से गाड़ियां फर्राटा भर पाएगी और प्रति घंटे 1 हजार वाहन आसानी से चलाई जा सकती है. जोजिला टनल, Z-मोड़ सुरंग से जुड़ा जाएगा और जहां पहले 3 घंटों का वक्त लगता था वो अब महज 20 मिनट में पूरा होगा. जोजिला टनल का निर्माण हो रहा है और ये अगले तीन साल यानी 2028 तक पूरा होने का अनुमान है. साथ ही, साढ़े सात मीटर चौड़ा रास्ता बनाया भी बनाया गया है, ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में बचा जा सके.
जेड मोड़ वाली सोनमर्ग सुरंग इस समय राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के नियंत्रण में है और इसे बनाने का ठेका भारतीय निर्माण फर्म APCO इंफ्राटेक के पास है.
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