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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
34 हेलीकॉप्टर का करार.... सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख के क्षेत्रों में राहत के साथ दुश्मन के हर कदम पर भी होगी नजर
रक्षा मंत्रालय की ओर से भारतीय सेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए कुल 34 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव एमके 3 के अधिग्रहण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 8073 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट हुआ.
भारत की सैन्य व्यवस्था को मजबूत करने और दुश्मनों के सभी कदम पर नजर रखने के लिए जल्द ही 34 नए उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर उपलब्ध होंगे. उसके बाद दुश्मनों के हर कदम पर सेना नजर रखेगी. चाहे वो काफी ऊंचाई वाले क्षेत्र हो या फिर समुद्री वाली जगह हो. सभी जगहों पर भारत के सैन्य-बल को मजबूत करने पर काम किया जा रहा है. इसके लिए सुरक्षा कैबिनेट समिति की ओर से पिछले सप्ताह ही खरीद परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है. उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर का नाम ध्रुव एमके-3 है. इसके जल्द ही सैन्य में शामिल होने की उम्मीद है. दरअसल 34 ध्रुव एमके-3 हेलीकॉप्टर बर्फीले और ऊंचाई वाले जगह सियाचिन,ग्लेशियर और लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहले ही अपना प्रदर्शन साबित कर चुका है, लेकिन अब ये जल और थल दोनों के लिए उपयोगी है.
ध्रुव एमके-3 को आइसीजी संस्करण समुद्री निगरानी बचाव और सैनिकों के परिवहन के लिए भी डिजाइन किया गया है. रक्षा मंत्रालय की ओर से भारतीय सेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए कुल 34 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव एमके 3 के अधिग्रहण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ 8073 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट किया गया है.
कुल 34 हेलीकॉप्टरों का करार
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल)हेलीकॉप्टर फैक्ट्री भारत की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर निर्माण कंपनी है. ये कंपनी लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (एलयूएच)का उत्पादन करती है. एलयूएच एक स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित तीन-टन वर्ग,उच्च गतिशीलता की अनूठी विशेषताओं वाला एकल इंजन का बहूद्देश्यीय उपयोगिता हेलीकॉप्टर है. ये कारखाना प्रति वर्ष लगभग 30 हेलीकॉप्टरों का उत्पादन करता है. इससे चरणबद्ध तरीके से प्रति वर्ष 60 और फिर 90 तक बढ़ाया जा सकता है. रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंत्रिमंडल समिति के स्वीकृति के बाद 34 उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर के अधिग्रहण के लिए बीते दिनों हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड बेंगलुरु के साथ खरीद हुई. ये भारतीय-आईडीडीएम-स्वदेशी रूप से तैयार,विकसित व निर्मित है. इसके लिए सरकार की ओर से 8073.17 करोड़ रुपये के संयुक्त मूल्य के दो कांट्रैक्ट पर सहमति बनी. भारतीय सेना को 25 ध्रुव एमके-3 हेलीकॉप्टर और भारतीय तटरक्षक बल को 09 हेलीकॉप्टर दिए जाएंगे.
इसके लिए ऑपरेशनल रोल उपकरण के साथ ध्रुव एमके 3 रक्षा विनिर्माण में स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. भारतीय सेना के लिए स्पेशल तैयार किया गया एएलएच ध्रुव एमके 3 यूटिलिटी संस्करण,राहत एवं बचाव, सैन्य परिवहन,आंतरिक कार्गो, रेकी और हताहत हुए लोगों को निकालने की दृष्टि से डिजाइन किया गया है. भारतीय तटरक्षक के लिए एएलएच एमके 3 समुद्री भूमिका में संस्करण के हिसाब से, समुद्री निगरानी,तलाशी व बचाव तथा कार्गो एवं कार्मिक परिवहन हेतु बाहरी कार्गो ले जाने की क्षमता और चिकित्सा हताहत निकासी के लिए उपयोग की दृष्टि से खास तौर पर तैयार किया गया है. इस हेलीकॉप्टर ने समुद्र और जमीन दोनों पर प्रतिकूल वायुमंडलीय परिस्थितियों में भी अपना क्षमता साबित कर चुका है.
रोजगार का भी देगा साधन
ये परियोजना अपनी अवधि के दौरान श्रम के लिए अनुमानित 190 लाख मानव-घंटे का रोजगार पैदा करेगी, इसकी उम्मीद है. इसमें 200 से अधिक सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम से उपकरणों की आपूर्ति भी शामिल कराई जाएगी. 70 स्थानीय विक्रेता स्वदेशीकरण की प्रक्रिया में इसे शामिल करेंगे. इस पहल से क्षेत्र में रोजगार सृजन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना भी है. इससे 'आत्मनिर्भर भारत'के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी. हेलीकॉप्टर के आने से जहां एक ओर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में राहत और बचाव के कार्य हो सकेंगे तो दूसरी ओर समुद्री गतिविधियों पर भी नजर रखी जा सकेगी . आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में भी यह कदम काफी अहम साबित होने वाला है. माना जा रहा है कि ये रात में भी खोज और बचाव कार्यों के दौरान कम दृश्यता को कम करने में भी काफी सक्षम होगा. एएलएच के एमके 3 पार्ट पूरी तरह से ग्लास कॉकपिट है और इसका उपयोग खोज और बचाव,विशेष अभियान और तटीय निगरानी के लिए किया जा सकेगा.
सैन्य-बल को किया जा रहा मजबूत
बीते कुछ साल में भारत की सैन्य स्थिति काफी मजबूत हुआ है. चाहे वो बात आर्मी की हो या वायु सेना की या फिर नौसेना की . भारत को मजबूत करने के सारे कदम उठाए जा रहे है. एक मजबूत, सुरक्षित, आत्मनिर्भर और समावेशी भारत बनाने के लिए सरकार के दृष्टिकोण से सैन्य-बल को मजबूत की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए है. सीमा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नारी शक्ति का उपयोग करने और पूर्व सैनिकों का कल्याण सुनिश्चित करने का अभूतपूर्व गति से काम चल रहा हैं. 2023 का वर्ष भारतीय सेना के लिए परिवर्तन का वर्ष था.आगे का साल भी परिवर्तन का वर्ष ही होगा और यह भारतीय सैन्य के लिए बेहद खास रहने वाला है. यकीनन देश की सेना काफी मजबूत हुई है और उनके पास सुरक्षा के लिए आधुनिक हथियार व अन्य चीजें उपलब्ध कराई गई है.
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