असंगठित क्षेत्र के कामगारों को बड़ी राहत, बढ़ेगी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) में क्लेम की डेडलाइन
यह उन अप्रत्याशित जोखिमों, हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं की स्थिति के लिए है, जो मानव जीवन में कभी भी घट सकती हैं और ये योजनाएं मानव जीवन की सुरक्षा के महत्व को स्वीकार करती हैं.
केंद्र सरकार कल्याणकारी निर्णयों को लगातार बढ़ा रही है. किसान सम्मान निधि योजना हो या फिर उज्ज्वला से लेकर पक्के मकान तक देने की बात, सरकार का प्रयास गरीबों और वंचितों के जीवनस्तर में सुधार का रहा है. भारत में असंगठित क्षेत्र और उसके मजदूरों का दायरा बहुत बड़ा है. 21 करोड़ से भी ज्यादा लोग इस क्षेत्र में काम करते हैं. इसके मजदूरों को राहत देने के लिए सरकार फिर से प्रयास कर रही है और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री बीमा योजना (PMSBY) के तहत क्लेम करने की डेडलाइन बढ़ाई जा सकती है. इससे हजारों मजदूरों को काफी फायदा होगा.
असंगठित क्षेत्र के कामगारों की सुरक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएमएसबीवाई की शुरुआत 2015 में 9 मई को किया था. इसके साथ ही प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा और अटल पेंशन योजना की शुरुआत भी वहीं उसी वक्त की गयी थी. ये तीनों योजनाएं नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं, जो अप्रत्याशित घटना और वित्तीय अनिश्चितताओं से मानव जीवन को सुरक्षित करने की आवश्यकता को पूरा करने के लिए हैं. सरकार की इन योजनाओं को शुरू करने के पीछे यह सोच है कि देश के असंगठित वर्ग के लोग वित्तीय रूप से सुरक्षित रहेे, और इसीलिए उन्होंने दो बीमा योजनाएं- पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई- शुरू कीं. असंगठित क्षेत्र के लोग बुढ़ापे में असहाय ने रहें, इसके लिए साथ ही साथ सरकार ने वृद्धावस्था की जरूरतों को पूरा करने में मदद के लिए अटल पेंशन योजना- एपीवाई भी शुरू की. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि वर्ष 2014 में राष्ट्रीय वित्तीय समावेशन मिशन का विचार आया था. इसके पीछे उद्देश्य था कि यह सुनिश्चित हो कि भारत के प्रत्येक नागरिक की पहुंच बैंकिंग सुविधाओं, वित्तीय साक्षरता और सामाजिक सुरक्षा कवरेज तक बढ़े. इसी पहल के आधार पर, प्रधानमंत्री इन तीन जन सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की.
ये तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं नागरिकों की भलाई के लिए समर्पित हैं. यह उन अप्रत्याशित जोखिमों, हानियों और वित्तीय अनिश्चितताओं की स्थिति के लिए है, जो मानव जीवन में कभी भी घट सकती हैं और ये योजनाएं मानव जीवन की सुरक्षा के महत्व को स्वीकार करती हैं. इन योजनाओं का उद्देश्य वंचित पृष्ठभूमि के लोगों को आवश्यक वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है. इसके पीछे भी लोक-कल्याण की वही सोच है, ताकि उनकी वित्तीय कमजोरी दूर हो सके. पिछले साल अप्रैल तक पीएमएसबीवाई के तहत 34.2 करोड़ नामांकन किए गए हैं.
बीमा योजना की खासियत
PMSBY के तहत किसी को भी 2 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा मिलता है. इसमें दुर्घटना में हुई मृत्यु, स्थायी पूर्ण विकलांगता और स्थायी आंशिक विकलांगता के लिए बीमा किया जाता है. इसका प्रीमियम केवल 12 रुपए प्रति वर्ष है और इसके लिए एकमात्र शर्त आपका बैंक में खाता होना और भारतीय नागरिक होना है. यह एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है. दुर्घटना के कारण मृत्यु या दिव्यांगता के लिए यह कवरेज प्रदान करती है. हरेक साल इसे नया कर सकते हैं. 18-70 वर्ष के आयु वर्ग के व्यक्ति जिनके पास एक व्यक्तिगत बैंक या डाकघर खाता है, योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं. इस योजना में आप नामांकन करना चाहते हैं तो वह आपके बैंक की शाखा/बीसी प्वाइंट या बैंक की वेबसाइट पर या डाकघर बचत बैंक खाते के मामले में डाकघर में जाकर किया जा सकता है. योजना और उससे जुड़े हरेक पहलू के बारे में विस्तृत जानकारी (हिंदी, अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाओं में) https://jansuraksha.gov.in पर उपलब्ध है. इस योजना के तहत अब तक 10 करोड़ लोग नामांकन कर चुके हैं यानी बीमा ले चुके हैं.
करोड़ों श्रमिकों को होगा फायदा
सरकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों के द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत जीवन बीमा या दुर्घटना बीमा का क्लेम करने की डेडलाइन को बढ़ाने पर काम कर रही है. क्लेम करने की फाइल की डेडलाइन दरअसल पिछले महीने ही समाप्त हो गयी थी. श्रम मंत्रालय ने इससे पहले पिछले साल यानी 2023 के अगस्त में एक सुविधा की शुरुआत की थी. उसके तहत सोशल सिक्योरिटी पोर्टल ई-श्रम पर अगस्त 2021 में डेटाबेस की शुरुआत से लेकर मार्च 2022 तक पंजीकृत असंगठित क्षेत्र के कामगार क्लेम फाइल कर सकते थे. वे इंश्योरेंस कवर का लाभ उठा सकते थे. वैसे, इसमें एकमात्र शर्त ये थी कि लाभ सिर्फ उन्हीं मामलों में मिल सकता था, जिनमें संबंधित घटना अगस्त 2021 में ई-श्रम पर पंजीयन के बाद और मार्च 2022 से पहले घटी हो. इसके तहत क्लेम फाइल करने की डेडलाइन पिछले महीने समाप्त हो गई. सरकार को इसकी डेडलाइन बढ़ाने पर इसलिए सोचना पड़ा, क्योंकि इस सुविधा के तहत बेहद कम क्लेम फाइल किए गए हैं. अभी तक असंगठित क्षेत्र के कम ही कामगारों ने सुविधा का लाभ उठाने के लिए क्लेम किया है. इसके लिए लोगों के बीच सुविधा के बारे में जानकारी के अभाव को जिम्मेदार समझा जा सकता है. इसी कारण सरकार क्लेम करने की डेडलाइन को बढ़ाने के बारे में विचार कर रही है, ताकि असंगठित क्षेत्र के ज्यादा से ज्यादा कामगार बीमा कवरेज का लाभ उठा सकें. अगर ऐसा होता है तो इससे असंगठित क्षेत्र के करोड़ों कामगारों को सीधा फायदा हो सकता है. गस्त 2021 से मार्च 2022 के बीच ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्रों के करीब 27 करोड़ कामगारों का पंजीयन हुआ है. सरकार के डेडलाइन बढ़ाने से इस क्षेत्र के कामगारों में उम्मीद बढ़ेगी.