समुद्रयान मिशन, मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन और प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना... 2047 से पहले विकसित भारत की ओर बढ़ते कदम
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का उद्देश्य भारत में एक करोड़ से अधिक घरों के छतों पर सोलर प्लेट के इस्तेमाल से उन घरों में बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है.
अयोध्या में 22 जनवरी को नए मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई. इस भव्य समारोह से लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को नया तोहफा दिया. उन्होंने एक करोड़ घरों की छतों पर सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित करने के लिए नए कार्यक्रम की घोषणा की है. इस नई योजना का नाम 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' रखा गया है. प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना को लाने से देश में नई क्रांति आएगी. साथ ही, बिजली बिल में आने वाली की खपत को कम करने में सहायता मिलेगी और देश के गरीब और मध्यवर्गीय लोग इसका लाभ उठा सकेंगे.
सौर ऊर्जा से होगा 'सूर्योदय"
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना के लिए पीएम मोदी की तरफ से एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, “सूर्य की ऊर्जा का इस्तेमाल कर घरों में अपने बिजली के बिल को कम करने और उन्हें अपनी बिजली की जरूरतों के लिए वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकता है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद मेरा संकल्प और भी दृढ़ हुआ है कि भारत के लोगों के घरों की छत पर उनका स्वयं का सोलर सिस्टम हो. इससे न केवल उनका गरीब और मध्यवर्गीय लोगों के बिजली बिल में कमी आएगी बल्कि भारत ऊर्जा के विकास क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आत्मनिर्भर बनेगा. ये पर्यावरण के लिए भी बेहद अनुकूल और बेहतर व्यवस्था होगी'.
गरीब और मध्यवर्गीय परिवारों को लाभ
पीएम मोदी की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर इस योजना को लेकर जानकारी दी गई है. इसके अनुसार ये उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लाभ गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को दिया जाएगा, क्योंकि ये वर्ग अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बिजली बिल का भुगतान करने के लिए करता है. इसकी एक और मुख्य वहज ये भी है कि बिजली एक ऐसी समस्या है, जिस पर हर चुनाव के समय खूब राजनीति की जाती है. हर चुनाव के पहले लोगों को आश्ववासन दिया जाता है कि आप हमें वोट देंगे तो हम आपके शहर में बिजली की समस्या को दूर करेंगे. लेकिन चुनाव खत्म होते ही सारी बातें भुला दी जाती है. पीएम मोदी की ओर से इस समस्या का समाधान सोचने की दिशा में ही यह योजना लागू की जा रही है.
इससे देश के एक बहुत बड़े वर्ग को राहत मिलेगी और 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने, ईंधन ऊर्जा पर अपनी निर्भरता खत्म करने और पर्यावरण की सुरक्षा करने जैसे कई सारे काम एक साथ हो सकेंगे. भारत विकासशील देश से विकसित देश बनने के उद्देश्य से अपना हर कदम सोच-समझ कर बढ़ा रहा है. फिर चाहे वो 2025 में आने वाला समुद्रयान मिशन हो या भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन. अब प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना भी इसी का हिस्सा है. इस योजना का उद्देश्य भारत में एक करोड़ से अधिक घरों के छतों पर सोलर प्लेट के इस्तेमाल से उन घरों अपनी बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है. हालांकि, इस योजना की शुरूआत कहां से की जायेगी, इसको लेकर अभी तक कोई जानकारी नहीं दी गई है.
सोलर रूफटॉप प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति
22 जनवरी को घोषित सरकार का ये कदम पहला नहीं है. इससे पहले भी जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने 2014 में कुर्सी संभाली थी तब उनके द्वारा रूफटॉप सोलर प्लॉन को लॉन्च कर दिया गया था. सरकार का लक्ष्य 2022 तक 40 हजार मेगावाट या 40 गीगावाट की सोलर क्षमता हासिल करने का था. नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of New and Renewable Energy) की वेबसाइट के मुताबिक, दिसंबर 2023 तक भारत की सोलर एनर्जी क्षमता लगभग 73.31 गीगावॉट के करीब पहुंच गई है. वहीं, दिसंबर 2023 तक रूफटॉप सोलर क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट के करीब है.
केंद्र के पास हाल के समय में जो राष्ट्रीय रूफटॉप योजना उपलब्ध है, उसके मुताबिक किसी घर पर अगर सोलर रूफटॉप योजना का इस्तेमाल किया जाता है, तो सरकार उसकी कुल लागत का 40% सहायता प्रदान करती है. इससे पहले देश में स्वच्छ ऊर्जा के तौर पर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत सरकारी संस्थानों की छतों पर सोलर प्लेट लगाए गए हैं, जिनसे सौर ऊर्जा का निर्माण होता है और वहां बिजली की जरूरत को पूरा किया जा सकता है.
इसके साथ ही किसानों को भी सौर उर्जा संचालित मोटर पंप दिए जा रहे हैं ताकि बिजली की खपत को कम किया जा सके. PMSY सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने की बात करता है और यs न केवल योजना के सुचारू कार्यान्वयन में सहायता करता है बल्कि सौर ऊर्जा के आधारभूत इन्फ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने के प्रति मालिकाना भाव और जिम्मेदारी की भावना को भी बढ़ावा देता है.
प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना विकास के एक प्रतीक के रूप में है, जो भारत के ग्रामीण इलाकों में लाखों लोगों के जीवन में रोशनी लाने के संकल्प के साथ शुरू हुआ है. सूर्य की ऊर्जा का इस्तेमाल करके, ये पहल देश के लिए एक उज्जवल, स्वच्छ और अधिक ऊर्जा-सुरक्षित भविष्य का मार्ग दिखाती है.