Clean Energy Mission Innovation: स्वच्छ ऊर्जा क्रांति की दिशा में भारत तेजी से कदम बढ़ा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल 'मिशन इनोवेशन' के तहत भारत के साथ दुनिया के बाकी देश भी स्वच्छ ऊर्जा को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं.
भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करना तय किया है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस बात पर ज़ोर देते हुए कहा है कि अधिक सुरक्षित और टिकाऊ भविष्य के लिए मिलकर काम करने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. जलवायु परिवर्तन की लगातार बढ़ती चुनौतियाँ एक देश, संगठन, कंपनी या किसी भी व्यक्तिगत प्रयास के नियंत्रण से परे हैं.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ये बातें 25 मई को संयुक्त 8वें मिशन इनोवेशन मिनिस्ट्रियल (MI-8) और 14वें क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल (CEM-14) की वेबसाइट और लोगो लॉन्च कार्यक्रम के दौरान कही.
भारत जुलाई में करेगा एमआई-8 की मेजबानी
भारत सीईएम-14 के साथ साझा तौर से एमआई-8 की मेजबानी करेगा. एमआई-8 का आयोजन 19 से 21 जुलाई के बीच होना है. मिशन इनोवेशन मिनिस्ट्रियल में एमआई सदस्य देशों, यूरोपीय संघ और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के मंत्रियों और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ ही उद्योग, अनुसंधान, शिक्षा, नागरिक संगठनों और दुनिया के इनोवेटर्स के प्रमुख हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाले उच्च-स्तरीय आमंत्रितों की भागीदारी होगी. इस साल के मिनिस्ट्रियल सम्मेलन का फोकस 'स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर प्रायोगिक प्रदर्शन की दिशा में अनुसंधान और विकास की निरंतरता को आगे बढ़ाना' है.
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि एमआई की वार्षिक मिनिस्ट्रियल बैठक की मेजबानी ऊर्जा सुरक्षा और पहुंच सुनिश्चित करते हुए भारत के लिए महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा प्रतिबद्धताओं को कार्रवाई में बदलने में महत्वपूर्ण होगी.
मिशन इनोवेशन पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत की जलवायु कार्रवाई पर राष्ट्रीय आकांक्षा के दृष्टिकोण के अनुरूप है. इसे पंचामृत कहा जाता है, जिसे नवंबर 2021 में ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित सीओपी26 शिखर सम्मेलन के दौरान रेखांकित किया गया था.
पंचामृत कार्य योजना के तहत भारत ने कुछ लक्ष्य तय किए हैं, जो इस प्रकार हैं:
- 2030 तक भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट (GW) तक ले जाना
- 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के जरिए 50% ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना
- 2030 तक कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन कम करना
- 2030 तक कार्बन की तीव्रता को 45% से कम करना
- 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्त करना
पीएम मोदी के विजन से मिशन इनोवेशन
मिशन इनोवेशन (MI) 23 देशों और यूरोपीय कमीशन (यूरोपीय संघ की ओर से) की एक वैश्विक पहल है. 'मिशन इनोवेशन' शब्द प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से निकला है. मिशन इनोवेशन स्वच्छ ऊर्जा क्रांति में तेजी लाने और पेरिस समझौते के लक्ष्यों और नेट जीरो तक पहुंचने की दिशा में प्रगति कर रहा है. भारत मिशन इनोवेशन के संस्थापक सदस्यों में से एक था. मिशन इनोवेशन का मुख्य मकसद सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा को सस्ती, आकर्षक और सुलभ बनाने के लिए अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन में एक दशक की कार्रवाई और निवेश को प्रोत्साहित करना है.
2015 में मिशन इनोवेशन के पहले चरण की घोषणा
पेरिस में जलवायु परिवर्तन पर आयोजित COP-21 शिखर सम्मेलन में 30 नवंबर 2015 को मिशन इनोवेशन (2015-2020) के पहले चरण की घोषणा की गई थी. इस वक्त तमाम वैश्विक नेता जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वाकांक्षी प्रयासों के लिए पेरिस में जमा हुए थे. अब सभी सदस्य देश प्रयास कर रहे हैं और 5 वर्षों में यानी 2020 से 2025 तक स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन पर सरकारी धन को दोगुना किया जाए. इसके साथ ही स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन पर कार्यक्रमों में अंतर्राष्ट्रीय और निजी क्षेत्र की भागीदारी, सहयोग और निवेश बढ़ाने पर भी ज़ोर दिया जाए.
मिशन इनोवेशन के पहले चरण में भारत की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है. इस चरण में भारत ने कई कार्य किए हैं:
- स्मार्ट ग्रिड, ऑफ ग्रिड एक्सेस टू इलेक्ट्रिसिटी और सस्टेनेबल बायोफ्यूल जैसी तीन एमआई इनोवेशन चुनौतियों का नेतृत्व किया
- पहचाने गए इनोवेशन चैलेंज क्षेत्रों में फंडिंग अवसर की घोषणाएं कीं
- ग्लोबल कूलिंग पुरस्कार के लिए वित्तीय और तकनीकी योगदान दिया
- दो एमआई चैंपियंस बना
- विश्लेषण और संयुक्त अनुसंधान समूह, नवाचार चुनौतियों और एमआई 2.0 विकास बैठकों के लिए कई कार्यशालाओं की मेजबानी की
मिशन इनोवेशन का दूसरा चरण
पहले चरण के 5 साल के सफल कार्यकाल के बाद और इनोवेशन्स में तेजी लाने के लिए स्वच्छ ऊर्जा निवेश की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचानने के बाद, मिशन इनोवेशन (MI 2.0) का दूसरा चरण 2 जून, 2021 को लॉन्च किया गया. एमआई 2.0 का फोकस कार्रवाई के दशक (2021-2030) और नई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ाने और सभी के लिए स्वच्छ ऊर्जा को सस्ती, आकर्षक और सुलभ बनाने पर है. इससे पेरिस समझौते और नेट जीरो के लिए तय लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने ये भी जानकारी दी कि वैश्विक क्लीन एनर्जी ट्रांसमिशन के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सार्वजनिक-निजी एक्शन के जरिए इनोवेशन्स को तेज करने और प्रौद्योगिकियों की लागत को कम करने के लिए मिशन और इनोवेशन प्लेटफॉर्म की एक सीरीज़ शुरू की गई है.
मिशन इनोवेशन के दूसरे चरण में भारत की भागीदारी
मिशन इनोवेशन के दूसरे चरण के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी जलवायु और ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रमुख सदस्यों और सहयोगियों के साथ सक्रिय भागीदारी कर रहा है. इसके तहत भारत एकीकृत बायोरिफाइनरीज मिशन का सह-नेतृत्व कर रहा है. साथ ही भारत स्वच्छ हाइड्रोजन मिशन का सदस्य है. हम ग्रीन पावर्ड फ्यूचर मिशन के लिए सहयोग के तौर पर महत्वपूर्ण सदस्य है. भारत जीरो-एमिशन शिपिंग मिशन और अर्बन ट्रांज़िशन मिशन का कोर ग्रुप मेंबर भी है. इसके अलावा कार्बन डाइऑक्साइड रिमूवल मिशन के सहायता समूह के सदस्य के रूप में भारत बेहद सक्रिय है.
मिशन इनोवेशन के तहत इनोवेशन प्लेटफॉर्म में भी भारत का काफी योगदान है. भारत एमआई क्लीन टेक एक्सचेंज का नेतृत्व करता है. साथ ही सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल्स के लिए किफायती हीटिंग और कूलिंग ऑफ बिल्डिंग और इनोवेशन पर इनोवेशन कम्युनिटीज का सह-नेतृत्व भी करता है. भारत मिशन इनोवेशन संचालन समिति और तकनीकी सलाहकार समूह का सदस्य होने के साथ ही मिशन इनोवेशन सचिवालय को जरूरी संसाधन मुहैया कराता है. इससे स्पष्ट है कि स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिहाज से वैश्विक पहल मिशन इनोवेशन में भारत की भागीदारी हर स्तर पर है.
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