भारत के आयुध भंडार में एक और उपलब्धि, स्वदेशी क्रूज मिसाइल बरसाए कम ऊंचाई से दुश्मन की तबाही
भारतीय रक्षा मंत्रालय और डीआरडीओ ने हाल में ही ओडिशा तट पर स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज मिसाइल की सफल उड़ान का परीक्षण किया है. ये कम ऊंचाई से जाकर दुश्मन के ठिकाने को तबाह करने में सक्षम है
![भारत के आयुध भंडार में एक और उपलब्धि, स्वदेशी क्रूज मिसाइल बरसाए कम ऊंचाई से दुश्मन की तबाही Cruise missile made with indigenous technology, capable of destroying enemy targets by going from low altitude. भारत के आयुध भंडार में एक और उपलब्धि, स्वदेशी क्रूज मिसाइल बरसाए कम ऊंचाई से दुश्मन की तबाही](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/04/19/a852d153ab38cfc0f1ae05717761c37f1713504922370702_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानी डीआरडीओ ने हाल में ही ओडिशा तट पर स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज मिसाइल की सफल उड़ान का परीक्षण किया है. इस सफल परीक्षण के दौरान, मिसाइल ने अपनी निर्देशन क्षमता, लक्ष्य का स्थानांतरण और लक्ष्य की निश्चितता में प्रदर्शन किया है. ये परीक्षण भारतीय रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. ऐसे कदमों से भारतीय रक्षा प्रणाली दिन-प्रतिदिन मजबूत होती जा रही है. डीआरडीओ के प्रमुख ने इस परीक्षण को ऐतिहासिक बताते हुए इसे रक्षा तंत्र के विकास में एक अग्रणी कदम बताया. ये परीक्षण भारतीय सैन्य शक्ति को मजबूत करेगा और राष्ट्र की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
आत्मनिर्भरता और रक्षा अनुसंधान
मिसाइल की सफल उड़ान भारतीय रक्षा क्षेत्र में तकनीकी स्वायत्तता को बढ़ावा देगी और देश को अपना सुरक्षा तंत्र आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी. इस परीक्षण के माध्यम से, भारतीय रक्षा उद्योग ने अपनी क्षमता को साबित किया है और विश्व स्तर पर अपने रक्षा उत्पादों को प्रदर्शित किया है. इस सफल परीक्षण के बाद, सरकारी अधिकारीगण ने रक्षा तंत्र के विकास और मौजूदा हथियारों की तकनीकी स्वायत्तता को बढ़ावा देने की सराहना की है. भारत ने अपने रक्षा उत्पादों में विश्वस्तरीय गुणवत्ता और प्रौद्योगिकी को साबित किया है. परीक्षण के दौरान प्रक्षेपास्त्र की सभी उप-प्रणालियों ने आशानुरूप प्रदर्शन किया. मिसाइल के प्रदर्शन की निगरानी के लिए एकीकृत परीक्षण रेंज-आईटीआर ने विभिन्न स्थानों पर रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग प्रणाली यानी की ईओटीएस और टेलीमेट्री जैसे कई रेंज सेंसर लगाए थे. भारतीय वायुसेना के एसयू-30-एमके-I विमान द्वारा प्रक्षेपास्त्र की उड़ान पर नजर रखी गई.
हर ठिकाने का खत्म करेगा प्रक्षेपास्त्र
मिसाइल ने मार्गदर्शक समुद्री प्रणाली का उपयोग करके लक्षित पथ का अनुसरण किया और बहुत कम ऊंचाई वाली समुद्री-स्किमिंग उड़ान का प्रदर्शन किया, यानी कि यह कम ऊंचाई पर जाते हुए दुश्मन के टारगेट को तबाह कर सकता है. इस सफल उड़ान परीक्षण ने गैस टर्बाइन अनुसंधान प्रतिष्ठान यानी की जीटीआरई, बेंगलुरु द्वारा विकसित स्वदेशी संचालन प्रणाली के विश्वसनीय प्रदर्शन को भी स्थापित किया है. बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए प्रक्षेपास्त्र उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर लगाया गया था. इस प्रक्षेपास्त्र को अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योगों के योगदान के साथ बेंगलुरु स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, की प्रयोगशाला और वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान की ओर से इसे विकसित किया गया.
परीक्षण के दौरान विभिन्न रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन प्रयोगशालाओं के कई वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने इसके सफल परीक्षण में योगदान दिया. स्वदेशी तकनीक से निर्मित क्रूज़ मिसाइल के सफल उड़ान-परीक्षण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बधाई दी. रक्षामंत्री ने कहा कि स्वदेश संचालित लंबी दूरी की सबसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल विकास भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास की एक प्रमुख उपलब्धि है. यकीनन देश की रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में एक अहम कदम साबित होगा.
सेना की मजबूती के लिए उपाय
भारतीय सेना को मजबूत बनाने के लिए नवीनतम पहल किए गए हैं, जो उनकी ताकत और प्रभाव को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. नई सुरक्षा और रक्षा के उपकरणों के अध्ययन और उनके विकास की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. इस नई पहल के तहत, भारतीय सेना को अद्यतन और उन्नत युद्धास्त्रों की पहुंच मिल रही है. इसके अलावा, नए रक्षा और सुरक्षा तंत्र के निर्माण में भारत की अपनी योग्यता को सुधारा जा रहा है. सरकार ने इस प्रयास को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो देश की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा. इसके साथ ही, भारतीय सेना को नए युद्धास्त्रों और रक्षा उपकरणों के प्रयोग में प्रशिक्षित किया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रयास से भारतीय सेना की ताकत में वृद्धि होगी और देश को अपने पड़ोसी देशों के प्रति सशक्त स्थिति मिलेगी. इसके माध्यम से, भारत ने अपने सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो देश की रक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देगा.
मजबूत रक्षा प्रणाली
भारत ने अपनी रक्षा प्रणाली को काफी मजबूत किया है अभी हाल में भी भारत ने अग्नि-प्राइम मिसाइल का परीक्षण किया. जो लक्ष्य पर दूर से भी निशाना लगा सकती है. भारत अपनी सैन्य-क्षमता को लगातार मजबूत करने के लिए काम कर रहा है. बीते दिनों परीक्षण के बाद भारतीय सेना में बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम को शामिल किया गया. भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में डीआरडीओ काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. डीआरडीओ की मदद से भारतीय रक्षा क्षमता को और भी मजबूत और सुरक्षित बनाने में काम किया जा रहा है. भारत की लगातार बढ़ती ताकतों से पड़ोसी देशों में काफी खलबली देखी जा सकती है. भारत के बढ़ते मिसाइलों और हथियार के जखीरा से पड़ोसी देश पाकिस्तान को काफी दिक्कत है. हाल में ही उसने यूएन में इसका रोना रोया था. ये सच है कि कई देशों से भारत ने खतरनाक मिसाइलें और परमाणु हथियार खरीदे हैं. इससे रक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम किया जा रहा है. भारत अपने यहां भी मेक इन इंडिया के तरह रक्षा जरूरतों के कई उपकरण और हथियार भी खुद बना रहा है. अपाचे हेलिकाॅप्टर से लेकर कई मिसाइल इसका प्रमाण है. एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व की सबसे ताकतवर सेनाओं में भारत को चौथा स्थान मिला है. बीते कुछ सालों में भारतीय सैन्य व्यवस्था काफी मजबूत हुई है.
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