घरेलू रक्षा क्षेत्र में 75% तक बढ़ाई जाएगी खरीददारी, राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने के साथ इकॉनोमी रफ्तार की तैयारी
बेंगलुरु के येलहंका में एयरो इंडिया कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार ने रक्षा क्षेत्र घरेलू उद्योंगो को बढ़ावा देने के लिए 2023-24 के बजट में लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड पूंजी निवेश करने का फैसला किया है. यह पिछले वर्ष के बजट से 68 प्रतिशत अधिक है.
![घरेलू रक्षा क्षेत्र में 75% तक बढ़ाई जाएगी खरीददारी, राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने के साथ इकॉनोमी रफ्तार की तैयारी Defence Minister Rajnath Singh says India to Increase Defence Procurement From Domestic Vendors To 75 percent घरेलू रक्षा क्षेत्र में 75% तक बढ़ाई जाएगी खरीददारी, राष्ट्रीय सुरक्षा बढ़ाने के साथ इकॉनोमी रफ्तार की तैयारी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/16/649eb805bc8ce0ccb1d5a092067ab4b71676533898627120_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग और सरकार के बीच 'ट्रस्ट' फैक्टर तेजी के साथ बढ़ा है. इसकी वजह से स्थानीय रक्षा विक्रेताओं से सामानों की खरीददारी 68 फीसदी से बढ़ाकर 75 फीसदी की जाएगी. 75 फीसदी रक्षा पर खर्च का मतलब करीब 1 लाख करोड़ रुपये होगा.
एयरो इंडिया कार्यक्रम 2023 (Aero India 2023) के दौरान भारत के सैन्य सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए बुधवार को कुल 226 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि हम अमृत काल ( Amrit Kaal) यानी आगामी 25 वर्षों के दौरान अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरे देशों से रक्षा उत्पाद की खरीद को कम करना चाहते हैं. उन्होंने निवेशकों से कहा कि अगर आप एक कदम आगे बढ़ेंगे तो सरकार आपसे वादा करती है कि वो आपके सहयोग के लिए 10 कदम आगे आएगी.
आप विकास के लिए जमीन की बात करते हैं हम आपको उड़ान भरने के लिए पूरा आसमान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में घरेलू उद्योंगो को बढ़ावा देने के लिए तीन-चौथाई पूंजी हासिल करना भविष्य के लिए अभुतपूर्व निर्णय है....
आईडीईएक्स इन्वेस्टर हब' (आईएचएच) की शुरुआत
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) ने बुधवार को रक्षा क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए 'आईडीईएक्स इन्वेस्टर हब' (आईएचएच) की शुरुआत की. इसके तहत प्रमुख भारतीय निवेशकों ने 200 करोड़ रुपये के निवेश करने का संकल्प लिया. इसके अलावा रक्षा मंत्री ने एयरो इंडिया 2023 के अंतर्गत वार्षिक रक्षा नवाचार कार्यक्रम 'मंथन' के तहत 'साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरों को देखते हुए 'डिफेंस इंडिया स्टार्टअप चैलेंज (डिस्क 9)' के नौवें संस्करण की शुरूआत करते हुए कहा कि आईडिस्क देश भर से युवा टैलेंट के पुल को एक मंच पर लाने का सफल प्लेटफॉर्म है. उन्होंने बताया कि आईआईएच का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में निवेश को बढ़ाना है और साथ ही निवेशकों को नवाचार के क्षेत्र में एकीकृत दृष्य व अवसर प्रदान करना है.
आपको बता दें कि रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार (आईडीएक्स) रक्षा उत्पादन विभाग की अग्रणी पहल है, जिसका उद्देश्य रक्षा नवाचार में लगे स्टार्ट-अप और ऐसी अन्य संस्थाओं को प्रोत्साहित करना है. अधिकारियों ने कहा कि 'आईडीईएक्स इन्वेस्टर हब' का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में निवेश में तेजी लाना और निवेशकों को अवसरों और नवाचारों के बारे में एक एकीकृत दृष्टिकोण देना है.
डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन ने iDEX के साथ किया पहला समझौता
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि 'मंथन' में डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (DIO) ने एयरो इंडिया कार्यक्रम के दौरान निवेशकों के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके साथ ही 'डिस्क 9' का गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (i4C) डिवीजन के साथ iDEX का पहला सहयोग है. डीआईओ ने रक्षा क्षेत्र को और मजबूत करने के लिए इसरो, इन-स्पेस (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र), और आईएसपीए (भारतीय अंतरिक्ष संघ) के साथ समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए हैं. इसके अलावा भविष्य में स्टार्ट-अप चुनौतियों को संभावित रूप से लॉन्च करने के लिए सीमा सड़क संगठन के साथ भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है. आयोजन के दौरान, Innovate 4 Defence इंटर्नशिप (i4D) का चौथा संस्करण भी उद्घाटन किया गया. इसके तहत देश भर के छात्रों से स्टार्टअप के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं.
मौजूदा रक्षा प्रणालियों के का स्वदेशी निर्माण पर दिया जोर
सिंह ने स्वदेशी रक्षा अनुसंधान, डिजाइन, विकास और विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए '110 प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स' का भारतीय सेना का संग्रह भी जारी किया है. 'समस्या विवरण' में आयुध, निगरानी और अग्नि नियंत्रण प्रणाली से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ब्लॉकचैन (Blockchain), मेटावर्स (Metaverse), रोबोटिक्स (Robotics), क्वांटम टेक्नोलॉजी (Qunatum Technology), साइबर और गोला-बारूद के आधुनिकीकरण' जैसे विभिन्न क्षेत्रों में भारतीय सेना की तकनीकी चुनौतियों और आवश्यकताओं को उजागर किया गया है.
इसके अलावा, उनमें नई तकनीकों को शामिल करना, मौजूदा रक्षा प्रणालियों को उन्नत बनाना और हथियारों और आयुधों का स्वदेशी निर्माण आदि शामिल है. रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए विज्ञप्ति में कहा गया है कि ये प्रयास भारतीय सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में स्वदेशी समाधानों को और मजबूती करेगा. इससे 'आत्मनिर्भर भारत' कार्यक्रम के तहत रक्षा क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास फलीभूत होंगे. आईडीईएक्स, प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) और सेना प्रौद्योगिकी बोर्ड (एटीबी) सहित विभिन्न अनुसंधान के माध्यम से भारतीय सेना द्वारा उद्योग और शिक्षा का संचालन किया जाएगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)