Delhi MCD School: दिल्ली नगर निगम ने प्राथमिक स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है. इसमें स्कूलों में खेलकूद से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ ही सुरक्षा और स्वच्छता पर ख़ास जोर दिया गया है. एमसीडी स्कूलों के लिए विजन @ 2047 के तहत बच्चों को लैंगिक समानता के प्रति भी जागरूक किया जाएगा.


एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि विजन @2047 के तहत प्राइमरी शिक्षा को बेहतर करने के लिए स्कूलों में आमूल-चूल बदलाव किए जाएंगे. इनमें तकनीक से लेकर बुनियादी ढांचे तक शामिल हैं.


विजन@2047 के नाम से रोडमैप तैयार


एमसीडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का विजन लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे बढ़ रहे हैं. एमसीडी के स्कूलों को भी इस नजरिए से भविष्य के लिए तैयार किया जाएगा. दिल्ली में प्राइमरी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए एमसीडी के शिक्षा विभाग ने विजन@2047 के नाम से रोडमैप तैयार किया है. इस दिशा में आगे बढ़ते हुए एमसीडी अपने सभी स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सभी प्रावधानों को लागू कर रहा है.


एमसीडी स्कूलों में मातृभाषा में शिक्षा


विजन@2047 कके तहत शुरुआती स्तर पर दिल्ली एमसीडी स्कूलों में मातृभाषा में शिक्षा देने को प्रोत्साहन दिया जाएगा. इसके साथ ही शुरुआती स्तर से ही लैंगिक समानता को लेकर बच्चों को शिक्षित करने पर फोकस किया जाएगा. इसके लिए दो पाली में चलने वाले स्कूलों को एक पाली में कर दिया जाएगा. यानी इन स्कूलों को-एड स्कूलों में बदला जाएगा. इस नीति के तहत कोशिश होगी कि बच्चे शुरुआत से ही अपॉजिट जेंडर को लेकर संवेदनशील बने और एक-दूसरे का सम्मान करना सीखें.


'नो स्कूल बैग पॉलिसी' पर काम


हम सब जानते हैं कि छोटे-छोटे बच्चों पर भारी-भारी बैग का कितना बड़ा बोझ रहता है. दिल्ली नगर निगम इस समस्या से निपटने के लिए विजन@2047 के तहत 'नो स्कूल बैग पॉलिसी' की दिशा में लगातार कदम उठाएगा. इसके लिए बच्चों को किताबों के दो सेट दिए जाएंगे, एक स्कूल के लिए होगा और दूसरा घर के लिए. इससे बच्चों पर बस्ते का बोझ कम होगा.


सभी एमसीडी स्कूल बनेंगे स्मार्ट


तकनीक की मदद से सभी स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में बदला जाएगा. एमसीडी अपने स्कूलों को अपग्रेड कर रहा है. हर स्कूल को इंटरनेट सुविधा, प्रोजेक्टर और साउंड सिस्टम के साथ कंप्यूटर से लैस किया जा रहा है. बदलते शैक्षक वातावरण को देखते हुए ऑडियो विजुअल साधनों के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी. म्यूनिसिपल स्कूलों को विश्वसनीय तकनीकी बुनियादी ढांचे से लैस किया जा रहा है. छात्रों के पास स्थानीय भाषाओं में अच्छे प्रशिक्षकों और व्यक्तिगत शिक्षण उपकरणों तक पहुंच सुनश्चित किया जाएगा. स्कूलों को कनेक्टिविटी के लिए मुफ्त वाई-फाई जोन से लैस किया जाएगा और स्कूलों में पेपर वर्क को कम किया जाएगा.


साफ पानी और स्वच्छता पर ज़ोर


बच्चों की किताबी शिक्षा के अलावा दूसरी गतिविधियों में भी रुचि बढ़े, इसके लिए एमसीडी ने हर स्कूल में एक संगीत और एक आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षक को नियुक्त करने की योजना बनाई है. इन गतिविधियों के लिए अलग से समय निर्धारित किया जाएगा. एमसीडी सुनिश्चित करेगा कि हर स्कूल में बच्चों और कर्मचारियों को पीने का साफ पानी मिले. इसके लिए आरओ सिस्टम और वाटर कूलर लगाए जाएंगे. हर स्कूल में जरूरी उपकरणों के साथ एक मल्टी परपस हॉल बनाया जाएगा और क्लासरूम को छात्रों की संख्या के हिसाब से तैयार किया जाएगा.


सुरक्षा के लिए जरूरी कदम


सुरक्षा को देखते हुए हर स्कूल में कम से कम एक सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती की जाएगी. स्कूल परिसर में सीसीटीवी के जरिए ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे. शिक्षा विभाग कर्मचारियों के साथ-साथ छात्रों को प्रशिक्षित करने के लिए आपदा जोखिम प्रबंधन सुरक्षा उपकरण और तकनीक अभियान भी शुरू करेगा. एमसीडी के शिक्षा विभाग में लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (LMS) भी लागू किया जाएगा. इसके जरिए छात्रों और शिक्षकों के प्रदर्शन संबंधी डेटा की पारदर्शिता और सटीकता बनाए रखने में मदद मिलेगी.विजन @ 2047 के मुताबिक एमसीडी 2047 तक चरणबद्ध तरीके से अलग-अलग क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्राथमिक स्कूलों को विकसित भारत के लिहाज से तैयार करेगा.


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