(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
डीजल-पेट्रोल से निर्भरता होगी कम, पर्यावरण संरक्षण के कदम के साथ इलेक्ट्रॅानिक कार की ओर बढ़ रहा भारत
2023 में बेंगलुरु ने मुंबई, दिल्ली और पुणे को पीछे छोड़ते हुए इलेक्ट्रिक कार पंजीकरण के मामले में भारत का अग्रणी शहर बन चुका है. बेंगलुरु में ना केवल इलेक्ट्रिक कारें बल्कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन भी लोकप्रिय हो रहे हैं.
आज के समय में वाहनों के लिए ईंधन काफी जरूरी है. बिना ईंधन के वाहन चार कदम भी नहीं चल सकता है. वर्तमान के समय वाहनों में के लिए डीजल-पेट्रोल की काफी जरुरत है. डीजल-पेट्रोल के साथ सीएनजी के साथ वाहन चलता है. लेकिन अब इसके लिए एक अन्य वैकल्पिक व्यवस्था की कोशिश पूरी दुनिया कर रही है. दुनिया के साथ भारत भी अब इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की ओर बढ़ते जा रहा है. हाल में ही एक आंकड़ा सामने आया है कि इलेक्ट्रिक कार पंजीकरण में भारत के अग्रणी शहर में सबसे आगे बेंगलुरु है. बेंगलुरु को सिलिकॅान सीटी भी कहा जाता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 2023 में 87,927 इलेक्ट्रिक कार पंजीकृत किया गया. इस तरह भारत के कई शहर को बेंगलुरु ने इलेक्ट्रिक कार के मामले में पीछे कर दिया है. बेंगलुरु में इलेक्ट्रिक कार 8,690 रजिस्ट्रर्ड किया गया है. जबकि दिल्ली में 8,211 , हैदराबाद में 6,408, मुंबई - 5,425 और पुणे में 3,991 वाहन इलेक्ट्रिक कार का रजिस्ट्रर्ड करता है. 2023 में बेंगलुरु ने मुंबई, दिल्ली और पुणे को पीछे छोड़ते हुए इलेक्ट्रिक कार पंजीकरण के मामले में भारत का अग्रणी शहर बन चुका है. बेंगलुरु में ना केवल इलेक्ट्रिक कारें बल्कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन भी लोकप्रिय हो रहे हैं. ऐसे कदम पूरे भारत भर से उठाए जा रहे है.
विकास की ओर अग्रसर है भारत
भारत में इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की ओर का इस तेजी से बढ़ता हुआ रुख वास्तव में एक बेहतरीन कदम है. ये विकास तकनीकी उन्नति, पर्यावरणीय अनुकूलता और यातायात सुरक्षा में सुधारों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है. इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग प्रदूषण मुक्त यातायात के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर है. इन वाहनों में इंटरनल कंबस्टन इंजनों के बजाय बैटरी पर आधारित प्रेरित मोटर होता है, जो वायु प्रदूषण को कम करता है और वायरनमेंट की सामग्री को भी कम करता है. इससे हमारे शहरों की हवा में जल्दी ही सुधार हो सकता है, जिससे जनता के स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों की अधिक प्रयोगशीलता और उच्च ऊर्जा कार्यक्षमता का अर्थ है कि इनका चलना अधिक अर्थपूर्ण और अधिक लाभकारी हो सकता है. ये ना केवल यात्रा को सुगम और आरामदायक बनाता है, बल्कि इससे उपयोगकर्ताओं की ऊर्जा खपत भी कम होती है. जिससे उनकी खर्च में भी कमी होती है. इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते उपयोग से सड़क सुरक्षा भी बढ़ सकती है. इन वाहनों में सटीक नियंत्रण और सुधारी गई सुरक्षा विशेषताएं होती हैं, जो अन्य प्रकार के वाहनों से अधिक सुरक्षित और काफी आसान बना सकती है. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रसार से ये भी संभव है कि नई रोजगार के अवसर बन सकता है. नई तकनीक के विकास और इसके उपयोग के साथ-साथ उत्पादन और सेवा क्षेत्र में नौकरियों का अवसर भी बढ़ सकता है.
भविष्य के लिए बेहतर विकल्प
इलेक्ट्रॅानिक वाहन खरीदने के लिए सरकार के स्तर से भी प्रोत्साहित किया जा रहा है.पिछले कुछ सालों में इलेक्ट्रिक वाहनों के बिक्री में काफी तेजी भी देखी जा रही है. इसका एक कारण इसकी कम कीमत भी है. इसके साथ ऐसे वाहनों में पेट्रोल और डीजल का इस्तेमाल नहीं होता है. ईंधन के रूप में मात्र चार्ज किया जाता है. इलेक्ट्रिक से चार्ज होने के बाद लोग अपने वाहन का उपयोग कर सकते हैं. ऐसे वाहनों में मेंटेनेंस काफी कम होती है. ऐसे वाहनों में काफी कम पार्टस होते है जो मूवमेंट करते हैं. इलेक्ट्रिक वाहन काफी बेहतरीन परफार्मेंस होता है.
इसमें ना तो फ्यूल का खर्च है और ना ही पर्यावरण के लिए धुएं की उत्सर्जन की होती है. इलेक्ट्रिक वाहन या कार को चलाने में आसानी होती है और ये पूरी तरह से साइलेंट होती है. पेट्रोल और डीजल के आत्मनिर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन को भविष्य के लिए बेहतर विकल्प माना जा रहा है. इलेक्ट्रिक वाहन के टैक्स भी काफी कम होता है. जिस प्रकार से लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद-बिक्रप हो रही है, माना जा रहा है कि आने वाले समय में इसकी मांग काफी तेजी से रहने वाली है. इलेक्ट्रिक वाहन के एक बार चार्जिंग के बाद वो 150 से 250 किलोमीटर तक आसानी से जा सकती है.
पर्यावरण संरक्षण में हो सकती है सहायक
इलेक्ट्रिक वाहनों के खरीद- बिक्री बढ़ने और उसके चलन से पर्यावरण के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. शहरों और ग्रामीण स्तर पर सड़कों पर दौड़ने वाले वाहन कार्बन मोनो डाइआक्साइड छोड़ते है. जिसका असर सीधे तौर पर पर्यावरण पर भी होता है. पर्यावरण से सीधे तौर पर मनुष्य जुड़ा है. इलेक्ट्रिक वाहन के आने से पेट्रोल और डीजल की खपत नहीं होगी जिस कारण पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक बेहतरीन कदम साबित होगा. हर दिन पेट्रोल और डीजल की खर्च से राहत मिलेगी. इसलिए भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का क्रेज दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है.