Future Of Esports: पिछले तकरीबन 1 दशक में देश काफी बदला है. इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों में भी बदलाव देखने को मिला है. खासकर, Esports क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ है. इसकी शुरुआत वैसे तो 2000 के अंतिम शुरू हो गई थी, लेकिन उस वक्त बड़े पैमाने पर यह देखने को नहीं मिलता था. उस वक्त कॉलेज फेस्टिवल या लोकल टूर्नामेंट के दौरान कभी-कभार दिख जाता था. बहरहाल, बदलते वक्त के साथ काफी कुछ बदला, अब Esports तकरीबन 250 करोड़ रुपये का उद्योग बन चुका है. यही नहीं बल्कि 6 लाख से ज्यादा खिलाड़ी इसमें अपनी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वैसे तो यह आंकड़े काफी कुछ बयां करता है, लेकिन ऐसे लोग जो Esports को बहुत अच्छे से नहीं समझते उन्हें समझाने के लिए अलग उदाहरण देना होगा. बहरहाल, ऐसे में सबसे बढ़िया उदाहरण कॉमनवेल्थ ईस्पोर्ट्स चैंपियनशिप (Commonwealth Esports Championships) है. इसके अलावा एशियन गेम्स 2022 (Asian Games 2022) में कई Esports इवेंट्सट में भारत की भागीदारी है.


 Esports इवेंट्सट के 18 शुरूआती सदस्यों में भारत शामिल


दरअसल, ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब एशियाई खेलों में किसी Esports इवेंट्सट में भारत हिस्सा ले रहा हो, पिछली बार साल 2018 में इसका आयोजन किया था. जकार्ता में हुए इस आयोजन में भारत भी शामिल था. इतना ही नहीं, Esports इवेंट्सट के 18 शुरूआती सदस्यों में एक था. भारत के तीर्थ मेहता ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहे थे, लेकिन इस बार भारती पर उम्मीदों का ज्यादा भार होगा क्योंकि ऑफिशियली मान्यता प्राप्त खेल के तौर पर शामिल किया जा रहा है. भारतीय खिलाड़ी 5 अलग-अलग प्रतिष्ठित कॉन्टिनेन्टल टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे. इसमें फीफा 22 (FIFA 22), स्ट्रीट फाइटर वी (Street Fighter V), हर्थस्टोन (Hearthstone), लीग ऑफ लीजेंड्स (League of Legends) और डीओटीए 2 (DOTA 2) शामिल है.


साल 2020 में हुआ था वर्चुअल ओलंपिक सीरीज़ का आयोजन


वहीं, एशियाई खेलों (Asian Games) के अलावा, इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games) में Esports को पायलट इवेंट के तौर पर शामिल किया गया, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने DOTA 2 और रॉकेट लीग (Rocket League) में हिस्सा लिया. गौरतलब है कि इससे पहले अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympics Committee) ने टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) से पहले वर्चुअल ओलंपिक सीरीज़ (Esports Tournament) का आयोजन किया था. इसके अलावा साल 2007 से ओसीए इवेंट्स (OCA Events) में Esports को शामिल किया गया था.


 भारत के अलावा 46 देशों में Esports को नियमित खेल के तौर पर मान्यता


भारत के अलावा कोरिया, थाईलैंड, फिनलैंड, इटली, ब्राजील, नेपाल, इंडोनेशिया, तुर्कमेनिस्तान, मैसेडोनिया, श्रीलंका, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका, सर्बिया उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान, मलेशिया, वियतनाम और जॉर्जिया जैसे  तकरीबन 46 देशों ने Esports को नियमित खेल के तौर पर मान्यता दी है. इस बात में कोई शक नहीं कि भारतीय Esports खिलाड़ी वर्ल्ड लेवल पर मान्यता प्राप्त टूर्नामेंटों में अपना जलवा दिखा रहे हैं, जो भारत में इस बदलाव को बयां करने के लिए काफी है. दरअसल, पारंपरिक खेलों की तुना में Esports गेमिंग किसी लिहाज से कम नहीं है, लेकिन इस क्षेत्र में काफी बदलाव होना अभी बाकी है.


152 देशों में 500 मिलियन से अधिक Esports फैंस


बहरहाल, पिछले कुछ सालों में इस खेल के प्रति लोगों में गजब का जोश देखा गया है. आंकड़े बताते हैं कि 152 देशों में 500 मिलियन से अधिक Esports फैंस कई अलग-अलग स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न टूर्नामेंटों को ऑनलाइन देखते हैं. वहीं, इसका सबसे बड़ा माध्यम भारत में यूट्यूब, फेसबुक गेमिंग, लोको और रूटर है. इसके अलावा स्ट्रीमर भी अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं और साथ ही आज दौर में यह करियर के तौर पर तेजी से उभर रहा है. YouGov Global Profiles के आंकड़े बताते हैं कि हर चौथा इंसान सप्ताह में कम से कम 7 घंटे अपने मोबाइल फोन पर वीडियो गेम खेलने में बिताता है. वहीं, अगर भारत की बात करें तो देश में तकरीबन 19 फीसदी आबादी एक हफ्ते में 1-7 घंटे मोबाइल गेम खेलने में और 11 फीसदी 7-14 घंटे के बीच बिताती है.


साल 2025 तक Esports मार्केट 1100 करोड़ रूपए तक पहुंच जाएगा


दरअसल, सस्ते और व्यापक रूप से आसान मोबाइल डेटा और पॉकेट-फ्रेंडली स्मार्टफोन इन संख्याओं के तेजी से बढ़ने का कारण है. वहीं, बड़ी तादाद में लोगों के मोबाइल गेमिंग की ओर रुख करने के साथ, भारत ऐप डाउनलोड के मामले में सबसे बड़ा मोबाइल गेमिंग बाजार बन गया है. देश में Esports एथलीटों और टीमों की संख्या कोरोना वायरस संक्रमण के बाद तकरीबन डबल हो गई है. सभी आयु वर्ग के लोग राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर प्रमुख टूर्नामेंटों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसके अलावा कुछ Esports इवेंट्स टाइटल टूर्नामेंटों ने 2 करोड़ रुपये तक के बड़े पुरस्कार पूल की घोषणा की है. ऐसे में लोगों का इस झुकाव लाजिमी है. बहरहाल, ऐसा माना जा रहा है कि यह बाजार 46 फीसदी की वार्षिक दर से बढ़ेगा और इस तरह साल 2025 तक Esports मार्केट 1100 करोड़ रूपए तक पहुंच जाएगा.


खिलाड़ी और अभिनेता समेत बड़ी हस्तियां दिखा रहे दिलचस्पी


Esports में पर्याप्त निवेश महज टूर्नामेंट, प्लेटफ़ॉर्म या समुदायों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि Esports इकोसिस्टम के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में इसके गेमर्स और कंटेंट क्रिएटर्स ने भी बहुत सारे ब्रांड और बाद के प्रायोजकों को फायदा हुआ है. दरअसल, विभिन्न रैपर्स, खिलाड़ी, अभिनेता और अन्य जानी पहचानी हस्तियां भी दर्शकों के साथ जुड़ाव बढ़ाने और राजस्व उत्पन्न करने के तरीके के रूप में Esports को देख रही है. रैपर रफ्तार ने अपने भांगड़ा बूगी कप के लिए Fortnite के साथ भागीदारी की तो क्रिकेटर युजवेंद्र चहल ने रूटर के साथ एक कंटेंट क्रिएटर के तौर पर साइन किया. वहीं, टाइगर श्रॉफ Esports प्रीमियर लीग के ब्रांड एंबेसडर हैं. इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि यह भारत में वक्त के साथ कितना लोकप्रिय हो गया है. 


करियर के तौर पर Esports


Esports बेहतर कमाई का जरिया होने के साथ-साथ करियर के तौर पर भी उभर रहा है. भारतीय युवा इसे करियर के तौर पर देख रहे हैं. जानकार बताते हैं कि आने वाले वक्त में भारत Esports का बड़ा बाजार बनकर उभरेगा. जिसके बाद युवा Esports मार्केटिंग, कोचिंग, Esports जर्नलिस्ट, गेम डिज़ाइनर करियर की तरफ ज्यादा आकर्षित होंगे. 


पेरिस ओलंपिक में शामिल हों Esports- इमैनुएल मैक्रॉन


दरअसल, पिछले दिनों फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (Emmanuel Macron) ने भी सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वह चाहते हैं कि 2024 के पेरिस ओलंपिक (Paris Olympics 2024) में Esports को शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रतिस्पर्धी गेमिंग को ओलंपिक और आगामी राष्ट्रमंडल खेलों (Commonwealth Games) में भी शामिल किया जाए. अगर ऐसा होता है तो भारत इसमें शामिल होने में सबसे आगे होगा. बहरहाल, आंकड़े बताते हैं कि इस दशक में भारत Esports सेक्टर के सबसे बाजारों में एक होगा.


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