Fastest 5G Rollout: हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में 5जी नेटवर्क पहुंचाने की दिशा में पिछले 8 महीने में जबरदस्त काम हुआ है. इसी का नतीजा है कि 8 महीने के भीतर ही देश के हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों में 5जी नेटवर्क का शुभारंभ हो चुका है.
उत्तराखंड के गंगोत्री में 24 मई को 5जी नेटवर्क की नवीनतम इकाई शुरू हो गई. इसके साथ ही गंगोत्री में 5जी नेटवर्क पहुंच गया. इसके साथ ही भारत में 5जी नेटवर्क स्थलों की संख्या दो लाख हो गई. गंगोत्री में स्थित 5जी साइट का उदघाटन केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया.
5जी नेटवर्क साइट की संख्या दो लाख
गंगोत्री में साइट के साथ ही भारत ने इस दिशा में एक अहम पड़ाव पार कर लिया. भारत में 5जी नेटवर्क स्थलों की संख्या दो लाख हो गई. ये मुकाम 8 महीने से भी कम वक्त में हासिल किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अक्टूबर 2022 को देश में 5जी सेवाओं की शुरुआत की थी.
8 महीने के भीतर 700 जिले कवर
इसके शुरू होने के महज 8 महीने के भीतर ही देश के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में 5जी नेटवर्क पहुंच चुका है. इस अवधि में 5जी नेटवर्क के दो लाख साइट बनाए गए, जिससे देश के 700 जिले कवर हो जा रहे हैं. किसी देश में हर इलाके में 5जी नेटवर्क के पहुंचने में लगे वक्त की तुलना करें तो भारत में जिस तरह से 8 महीने के भीतर पूरे देश में 5जी नेटवर्क पहुंचा है, ये पूरी दुनिया में 5जी के सबसे तेज शुभारंभ में से एक है. एक अक्टूबर 20022 को 5जी सेवा की शुरुआत के पांच महीनों में पहले एक लाख स्थानों पर 5जी उपकरण लगाए गए थे और उसके तीन महीने के भीतर ही एक लाख और 5जी नेटवर्क साइट स्थापित कर दिया गया.
पूरी दुनिया में सबसे तेज शुभारंभ में से एक
देहरादून से इस कार्यक्रम का हिस्सा बने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'दूरसंचार क्रांति' का साक्षी बन रहा है. उन्होंने जानकारी दी कि भारत में 5जी का शुभारंभ दरअसल पूरी दुनिया में इसके सबसे तेज शुभारंभ में से एक रहा है जिसके तहत हर मिनट एक साइट स्थापित की गई है.
6जी प्रौद्योगिकी के विकास में अगुवाई का विजन
6जी सेवाओं के बारे में जानकारी देते हुए संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 6जी प्रौद्योगिकी के विकास में अगुवाई करने का विजन लेकर भारत आगे बढ़ रहा है और प्रधानमंत्री मोदी के इस विजन के अनुरूप भारत के पास 6जी प्रौद्योगिकी में 100 से भी अधिक पेटेंट हैं. ये देश के प्रतिभाशाली इंजीनियरों और इनोवेटर्स के उत्कृष्ट कौशल को दर्शाता है. अश्विनी वैष्णव ने ये भी बताया कि अमेरिका जैसे विकसित देश भारत के 4जी/5जी टेक्नोलॉजी स्टैक में काफी रुचि दिखा रहे हैं.
चारधाम में अब 5जी मोबाइल कवरेज सुनिश्चित
गंगोत्री में शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड के चार धाम बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री में 5जी मोबाइल करवेज सुनिश्चित हो गई. चारधाम यात्रा मार्ग के ज्यादातर टावर भी अब इससे जुड़ चुके हैं. इन चार धामों में फाइबर कनेक्टिविटी है. हाई इंटरनेट बैंडविड्थ के जरिए चारधाम की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को बिना किसी बाधा के 5जी सेवा अब मिल सकेगी. इससे सुविधा की वजह से ज्यादा तीर्थयात्री होने के बावजूद मंदिर परिसर में और उसके आसपास के साथ ही यात्रा मार्ग पर 'वॉयस और वीडियो कॉल' की गुणवत्ता अब से काफी बेहतर होगी. इसके अलावा, घांघरिया से लेकर हेमकुंड साहिब तक पूरे ट्रेकिंग पथ यानी 6 किमी पर भी मोबाइल सेवाएं उपलब्ध करा दी गई हैं.
तीर्थयात्रियों को परिजनों से जुड़े रहने में मदद
चारधाम की यात्रा करने के लिए हर साल देश के कोने-कोने से लोग पहुंचते हैं. बेहतर मोबाइल नेटवर्क नहीं होने की वजह से तीर्थयात्रियों को पहले इस दौरान अपने घर-परिवार से जुड़े रहने में दिक्कत होती थी. अब 5जी नेटवर्क के जाल से चारधाम के तीर्थयात्रियों को अपने परिजनों से जुड़े रहने में काफी मदद मिलेगी. साथ ही स्थानीय लोगों को भी इससे चारधाम यात्रा के दौरान अपने कारोबार को बढ़ाने में सुविधा मिलेगी. साथ ही 5जी हाई-स्पीड नेटवर्क से पहाड़ों पर आपदा प्रबंधन और निगरानी में भी ज्यादा दक्षता आएगी.
साल के आखिर तक बीएसएनएल 5जी सेवा
5जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार देश के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है. इसके अलावा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल भी देश के हर इलाकों में खुद का 4जी नेटवर्क पहुंचाने के लिए दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी है कि देश में ही निर्मित 4जी दूरसंचार उपकरणों को बीएसएनएल ने चंडीगढ़ और देहरादून के बीच 200 स्थानों पर लगाया है और अगले दो हफ्ते में इन इलाकों में बीएसएनएल की 4जी सेवाएं शुरू हो जाएंगी.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ये भी जानकारी दी है कि इस साल के नवंबर-दिसंबर तक बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क को अपग्रेड कर 5जी में बदल दिया जाएगा. बीएसएनएल ने 4जी नेटवर्क की स्थापना के लिए टीसीएस और आईटीआई को 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा एडवांस ऑर्डर दिया हुआ है. इन उपकरणों को देश भर में 1.23 लाख से अधिक जगहों पर लगाया जाएगा. अश्विनी वैष्णव ने भरोसा जताया कि तीन महीने तक परीक्षण चलने के बाद बीएसएनएल एक दिन में 200 जगहों पर नेटवर्क लगाने लगेगा. शुरू में यह नेटवर्क 4जी के तौर पर काम करेगा. उसके बाद नवंबर-दिसंबर तक सॉफ्टवेयर अपडेट के साथ इसे 5जी में बदल दिया जाएगा.
एक अक्टूबर 2022 को 5जी सेवा की शुरुआत
पिछले साल अगस्त में 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी को पूरा कर लिया था. उस वक्त केंद्र सरकार ने नीलामी के लिए 72,098 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम रखा था. इनमें 51,236 मेगाहर्ट्ज 1,50,173 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचा गया. ये कुल स्पेक्ट्रम का 71 फीसदी था. इस नीलामी के जरिए रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया लिमिटेड और अडानी डेटा नेटवर्क्स 5जी स्पेक्ट्रम हासिल किया था. सबसे ज्यादा स्पेक्ट्रम रिलायंस जियो और उसके बाद भारती एयरटेल ने हासिल किए थे. इसके बाद एक अक्टूबर 2022 को दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता समेत देश के 13 शहरों में 5जी सेवा की शुरुआत की गई थी.
5जी सेवा को लेकर कई चुनौतियां
ये जरूर है कि हम 5जी नेटवर्क को पूरे देश में पहुंचाने के मामले में दुनिया में सबसे तेज शुभारंभ करने वाले देशों में से एक हैं, लेकिन 5जी सेवा को लेकर अभी भी कई चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौती है कि तेजी से फाइबर कनेक्टिविटी को बढ़ानी होगी. पिछले साल सितंबर तक फाइवर कनेक्टिविटी से देश के सिर्फ़ 30 फीसदी टेलिकॉम टावर ही जुड़े हुए थे. पूरी तरह से 5जी नेटवर्क की सेवा देश के दूर-दराज इलाकों तक पहुंचाने के लिए इस आंकड़े को 60 से 70 फीसदी के बीच ले जाना होगा. राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन ने ये भरोसा जताया ता कि 2024 तक 70% टावरों को कवर करते हुए देश भर में लगभग 2 मिलियन किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर स्थापित किया जाएगा.
5जी सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए देश के ज्यादातर लोगों के पास 5G-इनेबल्ड मोबाइल हैंडसेट होना भी जरूरी है. भारत को अपने स्थानीय 5G हार्डवेयर निर्माण को अभूतपूर्व दर से प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने की जरूरत है. कंपनियों को 5जी से जुड़े प्लान की कीमतों को लेकर भी कदम उठाने पड़ेंगे. उम्मीद है कि भारत में 2026 तक 30 मिलियन से ज्यादा 5G सब्सक्रिप्शन हो जाएंगे और जिस तेजी से भारत इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है. इस लक्ष्य को हासिल करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.
ये भी पढ़ें:
इंडो-पैसिफिक रीजन में संतुलन, प्रशांत द्वीपीय देशों का भारत के लिए क्यों है इतना महत्व?