अत्याधुनिक सेंसर से लैस, 51KMPH की रफ्तार और दुश्मन की आहट भांपने में सक्षम, जानें स्वदेशी युद्धपोत महेन्द्रगिरी कैसे बढ़ाएगा नौसेना की ताकत
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में ये कहा गया है कि महेन्द्रगिरी का प्रक्षेपण आत्मनिर्भर नौसेना बल के निर्माण में देश की अविश्वसनी प्रगति का उपयुक्त प्रमाण है.
भारतीय नौसेना की ताकत अब और बढ़ने जा रही है. टू फ्रंट वॉर की चुनौतियों के बीच स्वदेशी युद्धपोत महेन्द्रगिरी नेवी की शक्ति बढ़ाने को पूरी तरह से तैयार है. साल 2019 से लेकर 2023 तक 6 युद्धपोत लॉन्च किए गए हैं और इसमें 75 फीसदी इस्तेमाल उपकरण पूर्ण रुप से स्वदेशी है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, 1 सितंबर को वाइस प्रसिडेंट जगदीप धनखड़ मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में इसे लॉन्च करेंगे.
महेन्द्रगिरी युद्धपोत की सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये अत्याधुनिक सेंसर से लैस है और ये दुश्मन की आहट को काफी दूर से ही भांपने में सक्षम है. इसमें लगे टारपीडो लॉन्चर और रॉकेट लॉन्चर जहाज की पनडुब्बी रोधी क्षमताओं को बढ़ाएगा. इसके अलावा, महेन्द्रगिरी युद्धपोत दो रैपिड फायर बंदूक से लैस है, जो दुश्मन की हर साजिश को नाकाम करेगा.
दुश्मन की आहट को दूसरे से भांपने में सक्षम
युद्धपोत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से पूरी तरह लैस है औ दुश्मन को एंटी-शिप क्रूज मिसाइलों और विमानों के संभावित खतरों से लड़ने में पूरी तरह से सक्षम है. इसकी लंबाई 149.02 मीटर लंबा है. 17.8 मीटर चौड़ा है और 2 गैस टर्बाइन लगी हैं. पोत में 2 मेन डीजल इंजन है और इसका वजन 6670 टन से अधिक है. इसके अलावा, 51 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगा.
साल 2019 से लेकर 2023 तक पांच साल में छह युद्धपोत लॉन्च किए गए हैं. महेन्द्रगिरी युद्धपोत में 75 फीसदी इस्तेमाल उपकरण पूरी तरह से स्वदेशी हैं. 17 अगस्त को राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने कोलकाता में छठे युद्धपोत विंध्यगिरी को लॉन्च किया था. इसी कड़ी में अब सातवां युद्धपोत समुद्र में उतरने जा रहा है.
सबसे खास बात इसकी ये है कि ये प्रोजेक्ट 17ए के तहत तैयार स्वदेशी युद्धपोत आत्मनिर्भर भारत का एक प्रतीक है और इसे अत्याधुनिक युद्ध प्रणालियों से लैस किया गया है, जो आत्मनिर्भरत भारत अभियान के तहत तैयार किया गया है.
क्या है ये प्रोजेक्ट?
रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में ये कहा गया है कि महेन्द्रगिरी का प्रक्षेपण आत्मनिर्भर नौसेना बल के निर्माण में देश की अविश्वसनी प्रगति का उपयुक्त प्रमाण है. इसमें आगे कहा गया है कि परियोजना 17ए फ्रिगेट प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक वर्ग) फ्रिगेट का अनुवर्ती है, इसमें बेहतर स्टील्थ विशेषताएं, उन्नत हथियार के साथ ही सेंसर और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट सिस्टम हैं.
दरअसल, हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और निगरानी के लिए बेहद अत्याधुनिक किस्म के फ्रिगेट तैयार करने के लिए ये प्रोजेक्ट किया गया, जिसे 17ए नाम दिया गया है. ओडिशा के पूर्वी घाट की पहाड़ी चोटियों का नाम पर महेन्द्रगिरी इसका नाम रखा गया है. ये युद्धपोत पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान को पस्त करने में पूरी तरह से सक्षम है.
प्रोजेक्ट 17ए के तहत अब सात लड़ाकू जहाज बनाए जाने हैं, जिनमें से इंडियन नेवी की तरफ से जो पांच युद्धपोत लॉन्च किए गए वो हैं- नीलगिरी, उदयगिरी, हिमगिरी, तारागिरी और दूनागिरी. हिंद महासागर में बढ़ते चीन के प्रभाव के बीच भारत लगातार उसकी काट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने में लगा हुआ है.