Chandrayaan 3 to Gaganyaan: साल 2023 भारत के लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में काफी अहम साबित होने वाला है. यह भारत के सुपर पावर बनने कि दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. ऐसे समय में जब दुनियाभर के तमाम देशों के बीच टेक्नोलॉजी वॉर की होड़ सी लगी है, भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (ISRO) ने साल 2022 में अंतरिक्ष में गहरी छलांग लगाई और पांच बड़े मिशन लॉन्च किए गए. इनमें वनवेब की तरफ से तैयार छत्तीस ब्रॉडबैंट सैटेलाइट की लॉन्चिंग भी शामिल है. तो वहीं इस साल इसरो कई बड़े करिश्मे कर सकता है. 


साल 2023 में इसरो आदित्य एल–1 सन के साथ ही चंद्रयान 3 जैसे बड़े इंटरप्लेनेटरी मिशन को लॉन्च करेगा. इसके साथ ही, भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन- गगनयान मिशन भी लॉन्च किया जाएगा. 


चंद्रयान 3 मिशन


ISRO इस साल जून तक चंद्रयान-3 को लॉन्च करने वाला है. 2019 में चंद्रयान-2 सफल नहीं हो पाया था. जिस वक्त रोवर चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला था कि अचानक उसका  लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया गया था, जिसकी वजह से मून मिशन चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर रह गया और अंतिम क्षण में चंद्रयान-2 का सैतालीस दिनों का सफर अधूरा रह गया. हालांकि, ऑर्बिटर अभी भी अपना काम कर रहा है. इसरो के चीफ एस. सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान 3 पहले से कहीं अधिक मजबूत चंद्र रोवर के साथ उड़ान भरेगा जो भविष्य के इंटरप्लेनेटरी मिशन के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग GSLV MK-III से होगी.




इसरो चीफ ने चंद्रयान 3 के बारे में बताया कि इसमें रोवर है और इंजीनियरिंग पहले के मुकाबले काफी अलग है. यह पुराने चंद्रयान की कॉपी नहीं है. एस. सोमनाथ ने कहा कि इसमें बेहतर सॉफ्टवेयर होगा. इसके साथ ही, इम्पैक्ट लैग्स मजबूत और बेहतर उपकरणों से लैस होगा. भारत ने अभी तक किसी दूसरे ग्रह या उसके उपग्रह पर भेजने के लिए रोवर लैंड नहीं कराया है. चंद्रयान-3 एक तरफ से जहां इसरो के लिए आने वाले समय में कई बड़े मिशन के लिए रास्ता तैयार करेगा तो वहीं ये उस सपने को भी पूरा करेगा जो चंद्रयान 2 के दौरान नहीं हो पाया था.


गगनयान मिशन


भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो की इसी साल के आखिर में गगनयान मिशन लॉन्च की योजना है. यह पहला मानव रहित मिशन मानव-रेटेड प्रक्षेपण ऑर्बिट मॉड्यूल सिस्टम के प्रदर्शन के लिए होगा. इसके अलावा, बाद में एक और मानव रहित मिशन और अंत में पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन होगा, जिसमें 3 एस्ट्रोनॉट शामिल होंगे.


आदित्य एल-1 सन मिशन 


सूर्य की स्थिति को बेहतर तरीके से स्टडी करने और स्टार के इवॉल्यूशन के लिए अमेरिका और यूरोप की तरफ से पहले ही सूर्य मिशन पर काम किया जा चुका है. अब भारत ठीक इसी तरह के मिशन के लिए पूरी तरह से तैयार है. आदित्य एल-1 मिशन को 2023 में लॉन्च करने की इसरो की तरफ से योजना बनाई जा रही है. 




अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी सिस्टम के लाग्रेंज प्वाइंट-1 (L1) के चारों ओर एक हेलो आर्बिट में रखा जाएगा. एल-1 प्वाइंट के करीब स्थित एक सैटेलाइट से सूर्य को बिना किसी ग्रहण के ही देखा जा सकता है. इस मिशन में सूर्य के कोरोना, क्रोमोस्फीयर और फोटोस्फीयर, इससे निकलने वाले कण प्रवाह और चुंबकीय क्षेत्र की ताकत का अध्ययन किया जा सकता है. 


गौरतलब है कि जब से केन्द्र में मोदी सरकार सत्ता में आयी है यानि साल दो हजार चौदह से लेकर दो हजार बाइस तक इसको की तरफ से बयालीस लॉन्च वाहन मिशन, चौवालीस अंतरिक्ष यान मिशन और पांच टेक्नोलॉजी दिखाने वाले मिशन लॉन्च किए गए है.


ये भी पढ़ें: एजुकेशन, हेल्थ से एग्रीकल्चर तक… AI का भारतीय सेक्टरों पर कैसा रहा असर, 2023 में क्या हैं उम्मीदें?