परमाणु बम से लैस मिसाइल और फाइटर प्लेन को कैसे रोकेगी भारतीय सेना?
भारत ने 2 नवंबर 2022 को ओडिशा के तट पर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर, एल्टीट्यूड ब्रैकेट वाले दूसरे चरण की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी-1 मिसाइल का सफल परीक्षण किया.
पूरी दुनिया पर इस समय परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है. यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस कई बार परमाणु बमों का इस्तेमाल की धमकी दे चुका है. उसने कई बार चेताया है कि पश्चिमी देश और अमेरिका यूक्रेन की मदद कर रहे हैं और अपनी नीतियां बाकी देशों पर थोपना चाहते हैं.
परमाणु बमों लैस दो दुश्मन भारत के भी सामने हैं. चीन और पाकिस्तान की सेनाएं दोनों ही इन विनाशकारी बमों से लैस हैं. भारत के पास भी परमाणु बम हैं. लेकिन अगर किसी ने भारत पर इन बमों से हमला कर दिया तो इससे बचाव के लिए हमारे पास कितनी क्षमता है? इस सवाल पर अक्सर चर्चाएं सुनने को मिलती हैं. अभी तक कुछ ही देशों के पास इन परमाणु बमों से लैस मिसाइलों और फाइटर प्लेनों को रोकने की क्षमता है. लेकिन भारत भी इन देशों की कतार में खड़ा हो गया है.
भारत ने 2 नवंबर 2022 को ओडिशा के तट पर बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस यानि बीएमडी की फेज़-2 मिसाइल सिस्टम का पहली बार सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल सिस्टम की रेंज एक्सो-एटमेसफियर यानि वायुमंडल के ठीक बाहर तक है और यह इतनी ताकतवर है कि अपनी वायुमंडल में दुश्मन की मिसाइल और फाइटर जेट को घुसने नहीं देगी.
रक्षा मंत्रालय ने इस सफल परिक्षण के बाद एक आधिकारिक बयान जारी कर बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 02 नवंबर को ओडिशा के तट के पास स्थित एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लार्ज किल ऐल्टिट्यूड ब्रैकेट के साथ फ़ेज- II बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी -1 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया. उन्होंने बताया कि उड़ान-परीक्षण विभिन्न भौगोलिक स्थानों पर स्थित सभी बीएमडी हथियार प्रणाली तत्वों की भागीदारी के साथ किया गया है.
India today successfully conducted maiden Flight Test of Phase-II Ballistic Missile Defence (BMD) interceptor AD-1 missile with large kill altitude bracket today from APJ Abdul Kalam Island, Odisha. Flight test was carried out with participation of all BMD weapon system elements. pic.twitter.com/itbRtrsBBp
— ANI (@ANI) November 2, 2022
लंबी दूरी तक मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम
भारत द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित यह मिसाइल लंबी दूरी की इंटरसेप्ट मिसाइल है और टू स्टेज वाली ठोस मोटर से चलती है. ये मिसाइल टारगेट पर सही निशाना लगाने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित एंडवांस कंट्रोल सिस्टम, नेविगेशन और गाइडेंस एल्गोरिदम से लैस है.
इस सिस्टम की खासियत यह है कि ये लंबी दूरी तक मिसाइलों और एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम है. इस सिस्टम का परिक्षण ऐसे समय में किया गया जब चीन और पाकिस्तान की किलर मिसाइलों, फाइटर जेट और विस्फोटकों से लैस ड्रोन विमानों का खतरा बढ़ता जा रहा है.
इन परमाणु बम से लैस मिसाइल और फाइटर प्लेन भारतीय सेना इस सिस्टम की मदद से रोक सकते हैं. बीएमडी की फेज़-2 मिसाइल सिस्टम के रूप में अब भारत भी अभेद्य सुरक्षा कवच हासिल कर रहा है और इजरायल की तरह से अपना 'आयरन डोम' बना रहा है. भारत अपने बीएमडी सिस्टम को रूस से मिले एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम के साथ ही आगे बढ़ा रहा है. 2 नवंबर को किए गए बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (बीएमडी) इंटरसेप्टर एडी -1 को इस तरह से बनाया गया है कि परमाणु हमले को भी विफल किया जा सके.
जानिए क्या है इसकी खूबी
AD-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमान के कम एक्सो-वायुमंडलीय और एंडो-वायुमंडलीय अवरोधन दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह दो चरणों वाली ठोस मोटर द्वारा संचालित है और वाहन को लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन करने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और मार्गदर्शन एल्गोरिदम से लैस है.
एडी-1 एक लंबी दूरी की इंटरसेप्टर मिसाइल है जिसे लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के साथ-साथ विमानों के लो एक्सो-ऐट्मसफेरिक और एंडो-ऐट्मसफेरिक इंटरसेप्टर दोनों के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह द्विस्तरीय सुगठित मोटर द्वारा संचालित है और स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत नियंत्रण प्रणाली, नेविगेशन और मार्गदर्शन एल्गोरिदम से लैस है ताकि वाहन को लक्ष्य तक सटीक रूप से मार्गदर्शन किया जा सके.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उड़ान परीक्षण के दौरान, सभी उप-प्रणालियों ने अपेक्षाओं के अनुसार प्रदर्शन किया और उड़ान डेटा को अपने नियंत्रण में लेने के लिए तैनात रेडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग स्टेशनों सहित कई रेंज सेंसरों द्वारा नियंत्रण में लिए गए डेटा द्वारा विधिमान्य किया गया.
चुनिंदा देशों के पास है ये हथियार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार ये इंटरसेप्टर मिसाइल दुनिया के बहुत कम देशों के पास है. इस मिसाइल की तकनीक यूनीक और हाईटेक है. इसी के साथ ही भारत दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइलों को उड़ा देने की अपनी क्षमता को नेक्स्ट लेवल तक ले गया है.
बता दें कि भारत ने साल 2000 में डीआरडीओ के जरिए एंटी बैलिस्टिक मिसाइल को विकसित करना शुरू किया गया. ये वो समय था जब पाकिस्तान और चीन बैलिस्टिक साजो-सामान तैयार कर रहे थे. भारत ने भी इस फेज को साल 2010 तक हासिल कर लिया. इसी का नतीजा रहा कि भारत ने पृथ्वी मिसाइलों पर आधारित रक्षा कवच तैयार किए.
पहले फेज के बाद भारत ने दूसरे फेज के एंटी बैलिस्टिक मिसाइल को विकसित करना शुरू किया. ये वैसे मिसाइल थे जो इंटरमीडिएट रेंज के बैलिस्टिक मिसाइलों को ध्वस्त कर सकते है.
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