एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

कतर में भारतीय कूटनीति की हुई है जीत, नेहरूवादी विदेश नीति अब इतिहास के हाशियों पर

विश्व राजनीति बहुत ही जटिल और संवेदनशील होती है. इसी कतर में हमने एक राजनीतिक प्रवक्ता के बयान पर बवाल मचते भी देखा है. तो, इस बदलाव के पीछे 9-10 साल की मेहनत है और संबंध सुधारे गए हैं.

भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और वैदेशिक नीति में जीत का दिन है, जश्न का दिन है. कतर ने जिन 8 भारतीय पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुना दी थी, वे आखिरकार रिहा हो गए. न केवल उनकी सजा टाल दी गयी, बल्कि उनमें से 7 की वतन वापसी तक हो गयी है. इसे मोदी सरकार की बदलती और प्रभावी विदेश-नीति का प्रतीक भी कहा जा रहा है. भारत सरकार ने अपने नागरिकों की स्वदेश वापसी पर खुशी जताई है और कतर के अमीर का आभार जताया है. पिछले साल 1 दिसंबर को कॉप28 के दौरान भारत के प्रधानमंत्री और कतर के अमीर की मुलाकात हुई थी और तभी से इन पूर्व नौसैनिकों की सकुशल वापसी के कयास लगाए जाने लगे थे. 

बदली तो है विदेश नीति

पहले की सरकारों में वेस्ट एशिया और पर्शियन गल्फ को कम महत्व दिया जाता था, लेकिन जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हैं, तब से वह बदला है. भारत अपना कूटनीतिक समय और प्रभाव इन जगहों पर खर्च नहीं करता था. अब वह गलती सुधारी जा रही है.  मई 2014 में प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद जो पहला विदेश दौरा नरेंद्र मोदी ने किया, वह भूटान का था और दूसरा दौरा यूएई का किया. शुरू से ही उन्होंने यह स्पष्ट रखा कि पश्चिम एशिया और अरब देशों से संबंधों के मामले में वह नया अध्याय जोड़ने जा रहे हैं. कतर से हमारे संबंध पुराने और बेहतरीन रहे हैं. अगर हम देखें तो कतर की 30 फीसदी जनसंख्या तो भारतीय प्रवासियों की है. वहां जो श्रमिक वर्ग है या ब्लू कॉलर्ड वर्ग है, वह कतर जाते-आते रहते हैं. खासकर राजस्थान, केरल औऱ कर्नाटक से वहां बहुत लोग जाते हैं. अगर हम बारीकी से देखें तो पाएंगे कि यह कूटनीतिक सफलता भारत के लिए आदत बनती जा रही है. अफगानिस्तान से भी भारत ने बड़ी कूटनीति और चालाकी से अपने नागरिकों को निकाला. कीव और मारियोपोल में भी भारतीय नागरिकों को बड़ी चतुराई से भारत ने निकाला. मारियोपोल में पुतिन ने भारतीय विद्यार्थियों को सेफ पैसेज दिया और पोलैंड, लाटविया और लिथुआनिया में हमारे पांच केंद्रीय मंत्री इंतजार कर रहे थे और यूक्रेन-संकट के दौरान भी वे निकाल कर लाए. यह भारत और प्रधानमंत्री की कूटनीतिक चालाकी है. इसमें यह भी एक मुद्दा गौर करने का है कि हमारा पड़ोसी पाकिस्तान इस षडयंत्र में शामिल था, ऐसी भी आशंका जताई गयी है, क्योंकि पाकिस्तान भी कतर में काफी निवेश करता है. उसके पर्व त्योहार और छुट्टियों में भी पाकिस्तानी अधिकारी जाते हैं, साथ ही पाकिस्तान इस तरह के षडयंत्र में रहता भी है. 

बहुत कम समय में मिली सफलता

हम अगर विदेश मंत्रालय के जटिल और उलझे हुए काम करने की दर को देखें तो यह बेहद जल्दी काम हुआ है. नेहरूवादी विदेश-नीति के दौर से हम आगे निकल चुके हैं. पहले हमारी नीति प्रतिक्रियावादी होती थी. जब तक भारत को बिल्कुल ही कोने में धकेला नहीं जाता था. एक शब्द अंग्रेजी का है- प्रीएम्पशन, जिसका अर्थ होता है- पहले से तैयार रहना. नयी दिल्ली पहले इसका इस्तेमाल नहीं करती थी और इसका एक कूटनीतिक शस्त्र की तरह प्रयोग तो बहुत दूर की बात थी. देखा जाए तो मोदी और विदेश मंत्रालय ने प्रयत्न कर अपने संबंध अमेरिका और तेल से ऊपर उठ कर इन देशों से बनाए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कतर उनके दूसरे घर की तरह है. जो पहले की सरकारें थीं, वे तेल और अमेरिका के संदर्भ में ही पश्चिम एशिया औऱ अरब देशों को देखते थे. इसकी पृष्ठभूमि नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज ने तैयार किया. इसके चलते आज हम बहुत आसानी से नौसेना के पूर्व-अधिकारियों को वापस ले आ सके हैं. इन पूर्व-अधिकारियों ने तो प्रोटोकॉल तोड़ते हुए सीधा स्वीकार भी किया है कि अगर पीएम मोदी का सीधा हस्तक्षेप नहीं होता, तो उनकी वापसी मुमकिन नहीं थी. एक बात टाइमलाइन की भी है. इन अधिकारियों की मौत की सजा को पहले विदेश मंत्रालय ने बदलवाकर लंबी कैद में करवाया, फिर इनको वापस लाने में सफल हुए. भारत ने पहले से सोचा कि ऐसी मुश्किलें आ सकती हैं औऱ कतर की सफलता एक मील का पत्थर है. 

विश्व राजनीति बहुत ही जटिल और संवेदनशील होती है. इसी कतर में हमने एक राजनीतिक प्रवक्ता के बयान पर बवाल मचते भी देखा है. तो, इस बदलाव के पीछे 9-10 साल की मेहनत है और सबसे बड़ी बात है कि संबंध सुधारे गए हैं. अमेरिका को इस चर्चा में लाना जरूरी है कि प्रेसिडेंट ट्रंप भारत के लिए बहुत दोस्ताना रवैया देखते थे. उन्होंने मोदी को उलाहना सा देता हुआ कहा था कि भारत को दक्षिण एशिया से ऊपर उठकर वैश्विक राजनीति में अपनी दखल बढ़ाए. अगर हम कतर के संदर्भ में देखें तो तालिबान और पश्चिमी देशों के बीच जो बातचीत हुई, उसमें विदेश मंत्री जयशंकर ने भी एक अहम भूमिका निभाई थी. भारत भी उसमें एक अहम साझीदार रहा. कतर की यह घटना हो, अफगानिस्तान से नागरिकों को निकालना हो, या यूक्रेन से विद्यार्थियों की वापसी हो, भारतीय विदेश नीति रोज नए आयाम गढ़ रही है और ये अच्छा है. 

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

I Want To Talk BO Collection Day 2: अभिषेक बच्चन को मिला वीकेंड का फायदा, दूसरे दिन बढ़ा 'आई वॉन्ट टू टॉक' का कलेक्शन
अभिषेक बच्चन की 'आई वॉन्ट टू टॉक' की बढ़ी कमाई, देखें कलेक्शन
Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण से घुटने लगा दम, सांस लेना मुश्किल, इन इलाकों AQI 400 के पार 
दिल्ली में प्रदूषण से घुटने लगा दम, सांस लेना मुश्किल, इन इलाकों AQI 400 के पार 
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Assembly Election Results: Maharashtra में Modi-Yogi के नारों ने किया कमाल? | BJP | CongressAssembly Election Results: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की जीत पर PM Modi का धमाकेदार भाषणसावधान ! दिल के धोखे के आगे मौत है ? । SansaniMaharashtra Election Result: Loksabha में शिकश्त के बाद किस योजना ने Maharastra में कराया कमबैक?

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
I Want To Talk BO Collection Day 2: अभिषेक बच्चन को मिला वीकेंड का फायदा, दूसरे दिन बढ़ा 'आई वॉन्ट टू टॉक' का कलेक्शन
अभिषेक बच्चन की 'आई वॉन्ट टू टॉक' की बढ़ी कमाई, देखें कलेक्शन
Delhi Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण से घुटने लगा दम, सांस लेना मुश्किल, इन इलाकों AQI 400 के पार 
दिल्ली में प्रदूषण से घुटने लगा दम, सांस लेना मुश्किल, इन इलाकों AQI 400 के पार 
IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए कप्तान रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुए रोहित शर्मा, एडिलेड टेस्ट में लेंगे हिस्सा
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
'मेरे वोट क्यों गिन रहे हो', नोटा से भी कम वोट पाकर एजाज खान चर्चा में, इस अंदाज में दिया ट्रोलर्स को जवाब
Elon Musk: एलन मस्क फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स! टेस्ला सीईओ की नेट वर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार 
एलन मस्क की नेटवर्थ 348 बिलियन डॉलर के पार, फिर बने दुनिया के सबसे अमीर शख्स
CAT Exam 2024: कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
कल होगी कैट परीक्षा, जानिए मेल-फीमेल के लिए ड्रेस कोड और जरूरी गाइडलाइंस
Samsung Galaxy S25 Series: BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
BIS पर लिस्ट हुए दो अपकमिंग फोन्स, जानें कितनी होगी कीमत
Exclusive: 'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने बताई 'आई वॉन्ट टू टॉक' एक्टर से जुड़ी गहरी बातें
'हिट और फ्लॉप से ऊपर उठ चुके हैं अभिषेक बच्चन', शुजित सरकार ने क्यों कहा ऐसा?
Embed widget