स्मार्टवॉच का बाजार भारत में गुलजार, देश के 3 ब्रांड दुनिया के टॉप 5 में शुमार
भारत का स्मार्टवॉच बाजार दुनिया में अपनी धमक दिखाने लगा है. ये ब्रांड दुनिया के टॉप ब्रांड्स में शुमार हो रहे हैं. काउंटरप्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट ने वैश्विक और भारतीय बाजार पर ये खुलासा किया है.
कहते हैं न वक्त कब बदल जाए ये किसी को नहीं पता होता. वक्त की नब्ज पकड़ने वाली परंपरागत घड़ियों का बाजार कम हो रहा है, लेकिन स्मार्टवॉच की धूम पूरी दुनिया में मची है. इसके वैश्विक बाजार में इस वक्त भारत में बनी स्मार्टवॉच धमाल मचा रही हैं. भारत अब दुनिया के नंबर वन स्मार्टवॉच बाजार का शानदार खिलाड़ी है. देश के 3 ब्रांड दुनिया के टॉप 5 ब्रांड में अपनी जगह कायम कर चुके हैं.
वक्त की ये घड़ी कह रही है कि भारत इस बाजार में छा रहा है और वो दिन दूर नहीं जब उसका यहां एकछत्र राज होगा. इस बाजार में भारत ने ड्रैगन के देश चीन को भी पीछे छोड़ दिया है. साल 2022 की तीसरी तिमाही में भारत दुनिया के सबसे बड़े स्मार्टवॉच बाजार के तौर पर उभरा है, यहां तक कि उत्तरी अमेरिका और चीन को भी पीछे छोड़ दिया है.
काउंटरपॉइंट रिसर्च के लेटेस्ट ग्लोबल स्मार्टवॉच मॉडल ट्रैकर के मुताबिक, भारतीय स्मार्टवॉच बाजार ने तीसरी तिमाही में असाधारण बढ़ोतरी दर्ज की, जिसने न केवल इसे वैश्विक बाजारों में टॉप पर पहुंचाया है, बल्कि भारतीय ब्रांडों को कारोबार में सबसे बड़े ओहदे पर पहुंचा दिया. तीसरी तिमाही पर काउंटरप्वाइंट रिसर्च की रिपोर्ट ने भी वैश्विक के साथ ही भारतीय स्मार्टवॉच बाजारों के कई रुझानों और विकास के बारे में बताया है. यहां इस रिपोर्ट की कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बात करेंगे.
बज रही है जीत की धुन: असाधारण बढ़ोतरी से भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टवॉच बाजार बना
काउंटरपॉइंट ने स्मार्टवॉच को दो श्रेणियों में बांटा है. पहली श्रेणी में एचएलओएस (HLOS), जो हाई लेवल ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे वॉच ओएस या वियर ओएस और थर्ड पार्टी ऐप चलाते हैं. दूसरी श्रेणी में बेसिक स्मार्टवॉच आती हैं, जो लाइटर ऑपरेटिंग सिस्टम चलाती हैं और थर्ड पार्टी ऐप का समर्थन नहीं करती हैं. भारत में स्मार्टफोन बाजार भले ही मंदी के दौर से गुजर रहा हो, लेकिन स्मार्टवॉच का बाजार तेजी से फल-फूल रहा है.
भारतीय स्मार्टवॉच बाजार ने 2022 की तीसरी तिमाही में साल दर साल 171 फीसदी की हैरान कर देने वाली बढ़ोतरी दर्ज की है. इसी वजह ने देश के इस कारोबार को पहली बार दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टवॉच बाजार बनने के लिए प्रेरित किया. 2022 की तीसरी तिमाही में भारत की वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार में 30 फीसदी हिस्सेदारी थी, जो कि पिछले साल की समान तिमाही (Q3 2021) में भारत की इस कारोबार में हिस्सेदारी 14 फीसदी रही थी.
वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार में देश की हिस्सेदारी का फीसदी बीते साल की तुलना में दोगुने से भी अधिक रहा. यही वजह है कि भारत आसानी से उत्तरी अमेरिका से आगे निकल गया. साल 2021 की तीसरी तिमाही में स्मार्टवॉच के बाजार में उत्तरी अमेरिका की हिस्सेदारी 25 फीसदी रही. इसी तिमाही में चीन की हिस्सेदारी महज 16 फीसदी दर्ज की गई.
ये दिलचस्प बात है कि वास्तव में इस बाजार के अगुवा रहे उत्तरी अमेरिका ने इस कारोबार में 2022 की तीसरी तिमाही में केवल 21 फीसदी की भागीदारी की, लेकिन यह भारत की दुनिया के स्मार्टवॉच कारोबार में अचानक से हैरान कर देने वाली बढ़ोतरी के सामने बौनी ही साबित हुई.
ब्लूटूथ कॉलिंग और बड़े डिस्प्ले ने बढ़ाई विकास की रफ्तार
काउंटरप्वाइंट के एक वरिष्ठ विश्लेषक के मुताबिक, ब्लूटूथ कॉलिंग और बड़े डिस्प्ले भारत में स्मार्टवॉच बाजार के इस हैरान कर देने वाली बढ़ोतरी की अहम वजह रहे. विश्लेषक कहते हैं कि भारत में साल 2022 की तीसरी तिमाही (Q3 2022) में बाहर भेजी गई 58 फीसदी स्मार्टवॉच में ब्लूटूथ कॉलिंग थी, जबकि आधे से अधिक में 1.5 इंच से 1.69 इंच के आकार के बड़े डिस्प्ले थे.
नॉइज भारत में नंबर वन है और ग्लोबल मार्केट में नंबर 3
भारतीय स्मार्टवॉच बाजार की 171 फीसदी की बढ़ोतरी आश्चर्यजनक रही थी, लेकिन भारतीय ब्रांड नॉइज ने इसे भी पार कर लिया, भारतीय स्मार्टवॉच बाजार में साल दर साल अग्रणी ब्रांड के तौर पर बने रहने के लिए इसने 218 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. इस बढ़ोतरी ने नॉइज को वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार में एप्पल और सैमसंग जैसे दो माहिर खिलाड़ियों के ठीक पीछे लाकर तीसरे स्थान पर खड़ा कर दिया है.
नंबर चार वैश्विक स्मार्टवॉच ब्रांड भी भारतीय है... और इसी तरह छठे नंबर पर भी
वैश्विक स्मार्टफोन बाजार पर भारत के असर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चौथा सबसे अधिक शिपमेंट वाला ब्रांड (Apple, Samsung और Noise के बाद) भी एक भारतीय ब्रांड ही रहा. यह फायर-बोल्ट था. जिसने उल्लेखनीय तौर पर भले ही तिमाही में साल दर साल बढ़ोतरी दर्ज नहीं की, लेकिन फिर भी चौथे नंबर पर रहने के लिए काफी अच्छा किया. वैश्विक रैंकिंग में छठे नंबर पर एक और भारतीय ब्रांड बोट रहा, जिसने तिमाही में 2 मिलियन यानी 20 लाख का शिपमेंट किया.
बेसिक स्मार्टवॉच बढ़ रही हैं, लेकिन एचएलओएस घड़ियां अभी भी हैं हावी
हाई लेवल ऑपरेटिंग सिस्टम -एचएलओएस (HLOS) और बुनियादी स्मार्टवॉच दोनों ने 2022 की तीसरी तिमाही में असरदार वैश्विक बढ़ोतरी दर्ज की है. एचएलओएस (HLOS) शिपमेंट में 23 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, इस तिमाही में बेसिक स्मार्टवॉच में लगभग दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ये इस बात का इशारा है कि स्मार्टवॉच की ग्रोथ किफायती कीमतों की वजह से बढ़ रही है. हालांकि, वैश्विक स्तर पर एचएलओएस स्मार्टवॉच अभी भी बाजार में 65 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ हावी हैं, जबकि इस बाजार में बेसिक स्मार्टवॉच की 35 फीसदी हिस्सेदारी है. इतना ही नहीं, एचएलओएस घड़ियां कीमतों के मामले में भी हावी हैं, उनकी महंगे कीमतों वाले टैग के बाद भी वो बाजार में बेसिक घड़ियों से 10 गुना अधिक है.
भारतीय ब्रांड का है बेसिक स्मार्टवॉच पर राज
भारतीय ब्रांडों ने बेसिक स्मार्टवॉच के सेक्शन में अपना सिक्का जमाया है. दुनिया के बाजार में टॉप 3 ब्रांड भारत से आ रहे हैं. इनमें भारतीय बाजार में नॉइज़ और फायर-बोल्ट में पहले स्थान के लिए कांटे की टक्कर थी. नॉइज़ 25.2 फीसदी की हिस्सेदारी के साथ फायर-बोल्ट के 24.6 फीसदी से थोड़ा आगे था. बोट 16.8 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर रही.
ये ब्रांड मुख्य तौर से भारतीय बाजार में मौजूद हैं, इसलिए बाजार में इनकी ये हिस्सेदारी यह भी बताती है कि वैश्विक स्मार्टफोन बाजार भारत से कितना प्रभावित है. केवल रिकॉर्ड के तौर पर देखा जाए तो वैश्विक बुनियादी स्मार्टवॉच बाजार में 4.2 फीसदी के साथ चौथा स्थान श्योमी का है तो 3.2 फीसदी के साथ हुवाई 5वें स्थान पर है. दिलचस्प बात यह है कि दुनिया के बाजार में चौथे और पांचवें नंबर पर रहने वाले ब्रांड के शेयर मिलाकर 7.4 फीसदी हैं, जो अभी भी बोट के शेयर से आधे से भी कम है, जो कि भारत में तीसरा स्थान पाने वाला ब्रांड है!
एचएलओएस (HLOS) स्मार्टवॉच की दुनिया में कर्टसी एप्पल वॉच सीरीज़ 8 के दम पर एप्पल का जलवा अब भी कायम
ऐसे कई लोग हैं जो स्मार्टवॉच के दुनिया में क्रांति लाने का श्रेय एप्पल को देते हैं. वहीं क्यूपर्टिनो कंपनी वैश्विक एचएलओएस (HLOS) स्मार्टवॉच सेगमेंट में अभी भी अहम खिलाड़ी बनी हुई है, जो इस सेगमेंट में शिप की गई सभी घड़ियों के फीसदी के हिसाब से आधे से थोड़ा अधिक 50.6 फीसदी है. एप्पल वॉच सीरीज़ 8 ने इसमें अहम भूमिका निभाई, जो कि एप्पल के सभी शिपमेंट का 56 फीसदी है. एप्पल ने साल दर साल 48 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है. लेकिन इसकी हिस्सेदारी उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों में मंदी की वजह से वास्तव में साल 2022 की तीसरी तिमाही में (Q2 2022) में 56 फीसदी से नीचे चला गया है.
वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा सैमसंग, लेकिन भारत में सिमट रहा
स्मार्टवॉच सैमसंग का तिमाही कारोबार मिलाजुला सा रहा. वैश्विक स्तर पर इसने गैलेक्सी वॉच 5 सीरीज़ के बल पर कारोबार में साल दर साल 62 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की. इस तरह से 22.3 फीसदी शेयर (तिमाही दर तिमाही में 5 फीसदी की बढ़ोतरी) के साथ वैश्विक एचएलओएस वॉच सेगमेंट में दूसरा स्थान हासिल किया. हालांकि, भारत में स्मार्टवॉच कारोबार में इसका हिस्सा 3 फीसदी से नीचे गिर गया. रिपोर्ट के मुताबिक, ओवरऑल ग्लोबल मार्केट में भी सैमसंग नॉइज से अधिक आगे नहीं रहा.
हुवाई बढ़ रहा और गार्मिन है स्थिर
भले ही हुवाई टॉप स्मार्टफोन ब्रांडों में से एक न हो सके, लेकिन यह स्मार्टवॉच बाजार में ये एक असरदार मौजूदगी बनाए हुए है. चीन का ये ब्रांड साल दर साल 65 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ा और वैश्विक बाजार में 5वां स्थान हासिल किया. वहीं अमेरिकन स्मार्टवॉच ब्रांड गार्मिन ने शिपमेंट के मामले में भले ही कोई बढ़ोतरी दर्ज नहीं की, लेकिन उच्च औसत बिक्री मूल्य (काउंटरपॉइंट के मुताबिक एप्पल वॉच से भी अधिक) की वजह से इसका राजस्व 11 फीसदी बढ़ गया.