एक्सप्लोरर

चुनाव परिणाम 2024

(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)

शोर कम लेकिन भारत-नीदरलैंड दोस्ती की जड़ें हो रही हैं मजबूत, आर्थिक संबंध है वो कड़ी

Indo Dutch: निर्यात के अलावा भारत के लिए डच तकनीकी जानकारी और निवेश बेहद महत्वपूर्ण हैं. नियमित तौर पर उच्च स्तरीय यात्राओं और आपसी बातचीत से हाल के वर्षों में दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ हुए हैं.

India Netherlands Relation: विदेश नीति के तहत कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं, जिनकी जड़े तो बेहद मजबूत होती है, लेकिन जिनका शोर मीडिया में कम सुनाई देता है. भारत का नीदरलैंड से कुछ ऐसे ही करीबी संबंध हैं. भारत-नीदरलैंड के संबंध का मुख्य आधार आपसी व्यापार है और ये आधार वक्त के साथ और भी मजबूत होते जा रहा है.

बीते दो दशक से निर्यात के नजरिए से नीदरलैंड भारत का मजबूत साथी बना हुआ है. यूरोपीय देश नीदरलैंड भारत से बड़े पैमाने पर आयात करता है. बीते कई साल से नीदरलैंड भारत के सबसे बड़े निर्यात गंतव्यों में से एक रहा है. मौजूदा वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 के पहले 9 महीने में नीदरलैंड, भारत का तीसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य बनकर उभरा है. भारत ने इस दौरान सबसे ज्यादा अमेरिका को निर्यात किया है. वहीं भारत से निर्यात के लिहाज से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) तीसरे नंबर पर है. 

नीदरलैंड के साथ बढ़ता निर्यात

मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 के अप्रैल-दिसंबर के आंकड़ों के मुताबिक भारत ने इस अवधि के दौरान नीदरलैंड को 13.67 अरब डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया है. पिछले वर्ष यानी 2021-22 के अप्रैल-दिसंबर के बीच ये आंकड़ा 8.10 अरब डॉलर रहा था. इस अवधि में नीदरलैंड को निर्यात में ये करीब 69 फीसदी का इजाफा है. नीदरलैंड के साथ द्विपक्षीय व्यापार भारत के पक्ष में रहता है. यानी भारत से ज्यादा निर्यात होता है और हम नीदरलैंड से उसके मुकाबले कम आयात करते हैं. मजबूत होते आर्थिक संबंधों की वजह से भारत का नीदरलैंड के साथ का व्यापार अधिशेष भी 2017 के 1.5 अरब डॉलर से बढ़कर 2022 में 12.3 अरब डॉलर हो गया है. वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक नीदरलैंड ने भारत के निर्यात बाजार के रूप में ब्रिटेन, हांगकांग, बांग्लादेश और जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है.

20 साल से निर्यात में तेज़ी से इजाफा

भारत से नीदरलैंड को निर्यात 2000-01 से लगातार बढ़ रहा है. वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत से नीदरलैंड को निर्यात 12.55 अरब डॉलर रहा था. वहीं इसके एक साल पहले 2020-21 में निर्यात 6.5 अरब डॉलर रहा था. 2000-01 की बात करें तो उस वक्त नीदरलैंड को निर्यात 88 करोड़ डॉलर रहा था. मजबूत होते आर्थिक संबंधों की वजह से ही 2022-23 की तीन तिमाही में ही नीदरलैंड, भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया है. दो साल से भी कम वक्त में नीदरलैंड इस मामले में छह पायदान ऊपर आ गया है. नीदरलैंड 2020-21 में भारत का नौवां सबसे बड़ा और 2021-22 में  पांचवां सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य वाला देश था. 

निर्यात में इजाफे की क्या है वजह ?

नीदरलैंड ने 2022 में भारत से बड़े पैमाने पर पेट्रोलियम उत्पादों, इलेक्ट्रॉनिक सामान, रसायन और एल्युमीनियम सामान खरीदा है. इसी वजह से निर्यात में वृद्धि दर्ज की गई है. पट्रोलियम कंपनियां नीदरलैंड को एक डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं. नीदरलैंड यूरोपीय संघ के साथ बंदरगाह और सड़क, रेलवे और जलमार्ग संपर्क के जरिए यूरोप के एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र के तौर पर उभरा है.  2022-23 की अप्रैल-नवंबर की अवधि में नीदरलैंड को भारत से पेट्रोलियम निर्यात  6.4 अरब डॉलर तक हो गया है. ये पिछले साल की इस अवधि में 2.7 अरब डॉलर था. इस दौरान नीदरलैंड ने भारत से एल्युमीनियम, इलेक्ट्रिकल सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान भी खूब खरीदे. इनमें से कुछ सामानों को भारत से खरीदकर नीदरलैंड, जर्मनी और फ्रांस को बेच देता है.

भारत-नीदरलैंड राजनयिक संबंधों के 75 साल

भारत और नीदरलैंड के बीच राजनयिक संबंध 1947 से है. तब से ही दोनों देशों ने मजबूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध स्थापित करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का साथ दिया है. वर्ष 2022 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे हुए. 75 साल की दोस्ती को सेलेब्रेट करने के लिए दोनों ही देशों ने मिलकर मार्च 2022 में एक Logo भी जारी किया था. मौजूदा वक्त में भारत और नीदरलैंड के बीच मजबूत राजनीतिक, आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध हैं. उच्च स्तरीय आपसी आदान-प्रदान ने दोनों देशों के बीच बहुआयामी साझेदारी को विकसित करने में मदद की है. दोनों देशों के आपसी संबंधों में प्रौद्योगिकी और नवाचार के अलावा जल, कृषि और स्वास्थ्य सहयोग के 3 प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं.

व्यापार और निवेश है संबंध का आधार

भारत-नीदरलैंड के बीच आर्थिक संबंध ही द्विपक्षीय संबंधों की आधारशिला रहा है. 1980 में डच सरकार ने भारत को एक महत्वपूर्ण व्यापारिक साझेदार के तौर पर मान्यता दी. नीदरलैंड यूरोप में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. भारत में नीदरलैंड चौथा सबसे बड़ा निवेशक है. वहीं भारत भी नीदरलैंड में शीर्ष निवेशकों के रूप में उभर रहा है. अप्रैल 2000 और जून 2022 के बीच, नीदरलैंड से भारत में 43 अरब डॉलर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था. 2019-20 में तो नीदरलैंड 6.5 अरब डॉलर के साथ भारत के लिए मॉरीशस और सिंगापुर के बाद तीसरा सबसे बड़ा निवेशक था.  2021-2022 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 17 अरब डॉलर रहा. ये अब तक का सबसे ज्यादा द्विपक्षीय व्यापार था. इसमें भारत ने 12 अरब डॉलर का निर्यात किया था और 5 अरब डॉलर का आयात किया था. 2020-21 के दरम्यान द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डॉलर का था. वहीं इसके एक साल पहले यानी 2019-20 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार 11.75 अरब डॉलर तक रहा था. नीदरलैंड को भारत से होने वाले निर्यात में मुख्य रूप से खनिज ईंधन और खनिज आधारित उत्पाद, जैविक रसायन, विद्युत मशीनरी और उपकरण, एल्यूमीनियम, लोहा और इस्पात के साथ ही दवा उत्पाद शामिल हैं.

फास्ट-ट्रैक मैकेनिज्म (FTM) पर सहमति

सितंबर 2022 में दोनों ही देशों के बीच फास्ट-ट्रैक मैकेनिज्म(FTM) को औपारिक रूप देने पर सहमति बनी थी. इसका मकसद भारत में काम कर रहे डच कंपनियों  के निवेश के मामलों का तेजी से समाधान करना है. इस मैकेनिज्म से आपसी निवेश को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में कुछ डच कंपनियां ऐसी हैं, जो 100 से भी अधिक सालों से काम कर रही हैं. फिलहाल भारत में 200 से ज्यादा डच कंपनियां हैं. भारतीय कंपनियां भी बड़े पैमाने पर नीदरलैंड में निवेश कर रही हैं.  200 से ज्यादा भारतीय कंपनियों की मौजूदगी नीदरलैंड में है. निवेश के लिहाज से भारतीय कंपनियों के लिए नीदरलैंड चौथा सबसे पसंदीदा जगह है.

उच्च स्तरीय यात्रा से संबंधों में मजबूती

मार्क रूट (Mark Rutte) अक्टूबर 2010 से नीदरलैंड के प्रधानमंत्री हैं. वे दो बार जून 2015 और मई 2018 में भारत का दौरा कर चुके हैं. भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2017 में नीदरलैंड की यात्रा की थी. दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच 09 अप्रैल 2021 को वर्चुअल रूप में शिखर बैठक का आयोजन किया गया था और तब से दोनों राजनेताओं के बीच नियमित रूप से बातचीत हो रही है. 2022 में 8 मार्च और 13 जुलाई को दो बार दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच टेलीफोन पर वार्ता हुई थी. राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में अप्रैल 2022 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नीदरलैंड की यात्रा की थी. इन उच्च स्तरीय यात्रा और आपसी बातचीत से दोनों देशों के संबंधों को मजबूती मिल रही है.

जल प्रबंधन में बढ़ता सहयोग

नीदरलैंड जल प्रबंधन और वैज्ञानिक जानकारी में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है. इस नजरिए से नीदरलैंड भारत के लिए बहुत ख़ास हो जाता है. भारत-नीदरलैंड के बीच जल पर रणनीतिक साझेदारी है. अप्रैल 2021 में दोनों देशों के प्रधानमंत्री के बीच वर्चुअल शिखर बैठक के दौरान नई दिल्ली और ऐम्स्टर्डैम के बीच 'जल पर रणनीतिक साझेदारी' (Strategic Partnership in Water) की शुरुआत हुई थी. इसी दौरान जल सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह के स्तर को बढ़ाते हुए मंत्री स्तर पर ले जाने का फैसला किया गया था. नीदरलैंड, भारत के कई राज्यों और नगरपालिकाओं के साथ पानी से संबंधित परियाजनाओं से जुड़ा हुआ है. इनमें उत्तर प्रदेश में नमामि गंगा कार्यक्रम, तमिलनाडु के जल प्रबंधन और संरक्षण और केरल के बाढ़ प्रबंधन से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं. इस देश ने कई दशकों में बाढ़ नियंत्रण और जल वितरण  की कला में महारत हासिल कर ली है. जल क्षेत्र में जल प्रौद्योगिकी, समुद्री प्रौद्योगिकी और डेल्टा प्रौद्योगिकी तीन सबसे अहम क्षेत्र हैं. पानी से जुड़ी चुनौतियों की पहचान और समाधान के लिए डच इंडो वाटर 3 एलायंस लीडरशिप इनिशिएटिव (DIWALI) के जरिए दोनों देश सहयोग बढ़ा रहे हैं.

नीदरलैंड में भारतीय समुदाय और छात्र

यूरोप के मुख्य भूभाग में सबसे ज्यादा नीदरलैंड में ही भारतीय मूल के लोग हैं. पूरे यूरोप की बात करें तो यूनाइटेड किंगडम के बाद यहां सबसे ज्यादा भारतीय मूल के प्रवासी ( Indian origin diaspora)हैं. यहां करीब 2, 60,000 भारतीय मूल के लोग हैं, जिनमें 60 हजार भारतीय और दो लाख हिन्दुस्तानी-सूरीनामी समुदाय के लोग हैं. नीदरलैंड विशेष रूप से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय छात्रों के लिए लोकप्रिय शिक्षा गंतव्य है. कई डच विश्वविद्यालयों जैसे टीयू डेल्फ़्ट, लीडेन विश्वविद्यालय और मैस्ट्रिच विश्वविद्यालय का भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ लंबे समय के लिए कलैबरेशन है. वर्तमान में करीब 4 हजार भारतीय छात्र यहां पढ़ रहे हैं. उद्यमियों, डॉक्टरों, बैंकरों और तकनीकी विशेषज्ञों के रूप में भारतीय पेशेवर बड़े पैमाने पर डच समाज और अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दे रहे हैं.

नीदरलैंड के अनुभवों से मिलेगा लाभ

जल प्रबंधन और वैज्ञानिक जानकारी के क्षेत्र में दोनों ही देश कई साझा परियोजनाओं को लागू करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं. इनके अलावा दोनों ही देशों ने कृषि, स्वास्थ्य, बंदरगाह और जहाजरानी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा और शहरी विकास को सहयोग के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया है.  नीदरलैंड भारत के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों जैसे मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, क्लीन इंडिया और डिजिटल इंडिया में प्रमुख भागीदार के रूप में सहयोग कर रहा है. जून 2017 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीदरलैंड की यात्रा की थी, तब उस वक्त उन्होंने कहा था कि  भारत के आर्थिक विकास में, विकास के लिए हमारी प्राथमिकताओं में, नीदरलैंड एक स्‍वाभाविक भागीदार है. पीएम मोदी के इन शब्दों से स्पष्ट है कि नीदरलैंड से भारत का रिश्ता कितना करीब है और उसके अनुभवों से भारत के विकास में भविष्य में काफी मदद मिलेगी. 

अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोनों देशों के विचार काफी हद तक एक जैसे रहे हैं. नीदरलैंड की मदद से ही भारत ने 2016 में एमटीसीआर (Missile Technology Control Regime) की सदस्यता हासिल की थी. नीदरलैंड संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के स्थायी सीट की दावेदारी का भी समर्थन करता है.  भारत-नीदरलैंड संबंध 400 वर्ष से अधिक पुराने हैं. 17वीं शताब्दी ईस्वी में भारत में पहली डच कंपनी स्थापित हुई थी. नीदरलैंड के निवासियों और भाषा दोनों के लिए डच शब्द का इस्तेमाल किया जाता है. नीदरलैंड को हॉलैंड के नाम से भी जाना जाता है. अंग्रेजी में तो ये Netherlands है, लेकिन हिन्दी में नीदरलैंड के रूप में ही ज्यादा लोकप्रिय है. बदलते आर्थिक माहौल में यूरोप से राजनीतिक, आर्थिक, रक्षा और सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के लिहाज से नीदरलैंड का महत्व भारत के लिए बढ़ जाता है. 

ये भी पढ़ें:

India USA Relation: भारत से संबंधों को और मजबूत करना चाहता है अमेरिका, नई दिल्ली की बढ़ती हैसियत है वजह

और देखें
Advertisement

IPL Auction 2025

Most Expensive Players In The Squad
Virat Kohli
₹21 CR
Josh Hazlewood
₹12.50 CR
Rajat Patidar
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rishabh Pant
₹27 CR
Nicholas Pooran
₹21 CR
Ravi Bishnoi
₹11 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Jasprit Bumrah
₹18 CR
Suryakumar Yadav
₹16.35 CR
Hardik Pandya
₹16.35 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Heinrich Klaasen
₹23 CR
Pat Cummins
₹18 CR
Abhishek Sharma
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Ruturaj Gaikwad
₹18 CR
Ravindra Jadeja
₹18 CR
Matheesha Pathirana
₹13 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Shreyas Iyer
₹26.75 CR
Arshdeep Singh
₹18 CR
Yuzvendra Chahal
₹18 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Sanju Samson
₹18 CR
Yashaswi Jaiswal
₹18 CR
Riyan Parag
₹14 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Venkatesh Iyer
₹23.75 CR
Rinku Singh
₹13 CR
Varun Chakaravarthy
₹12 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Rashid Khan
₹18 CR
Shubman Gill
₹16.5 CR
Jos Buttler
₹15.75 CR
View all
Most Expensive Players In The Squad
Axar Patel
₹16.5 CR
KL Rahul
₹14 CR
Kuldeep Yadav
₹13.25 CR
View all
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Maharashtra Election 2024: 363 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा था महाराष्ट्र चुनाव, जीतीं महज 22; जानें महायुति का स्ट्राइक रेट
363 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा था महाराष्ट्र चुनाव, जीतीं महज 22; जानें महायुति का स्ट्राइक रेट
संभल जामा मस्जिद मामले में हिंसा के आरोपियों पर लगेगी रासुका, 2 महिला समेत 21 हिरासत में, 3 की मौत, 2 घायल
संभल जामा मस्जिद मामले में हिंसा के आरोपियों पर लगेगी रासुका, 2 महिला समेत 21 हिरासत में, 3 की मौत, 2 घायल
IPL 2025 Auction, Rishabh Pant: ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
कानून तोड़कर गुरमीत चौधरी ने रचाई थी टीवी की ‘सीता’ से शादी, जानें क्यों मंदिर में सीक्रेटली लिए थे सात फेरे ?
कानून तोड़कर गुरमीत चौधरी ने रचाई थी टीवी की ‘सीता’ से शादी, जानें वजह
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

जानिए कैसे Computer से नफरत करते-करते शुरू की Software Solution Company | ESDE CEO | PIYUSH SOMANISambhal Clash News : संभल में भारी बवाल के बाद अब हालात काबू में | Breaking NewsMaharashtra New CM News : महाराष्ट्र में कल हो सकता है शपथग्रहण समारोह ! | BJP | Shiv SenaTamannaah Bhatia के लिए Vijay Varma हैं Bonus? Jimmy Shergill का Army Exam और Avinash के शानदार Looks पर खास Interview!

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Maharashtra Election 2024: 363 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा था महाराष्ट्र चुनाव, जीतीं महज 22; जानें महायुति का स्ट्राइक रेट
363 महिला उम्मीदवारों ने लड़ा था महाराष्ट्र चुनाव, जीतीं महज 22; जानें महायुति का स्ट्राइक रेट
संभल जामा मस्जिद मामले में हिंसा के आरोपियों पर लगेगी रासुका, 2 महिला समेत 21 हिरासत में, 3 की मौत, 2 घायल
संभल जामा मस्जिद मामले में हिंसा के आरोपियों पर लगेगी रासुका, 2 महिला समेत 21 हिरासत में, 3 की मौत, 2 घायल
IPL 2025 Auction, Rishabh Pant: ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
ऋषभ पंत बन गए IPL इतिहास के सबसे महंगे प्लेयर, लखनऊ सुपर जायंट्स ने 27 करोड़ में खरीदा
कानून तोड़कर गुरमीत चौधरी ने रचाई थी टीवी की ‘सीता’ से शादी, जानें क्यों मंदिर में सीक्रेटली लिए थे सात फेरे ?
कानून तोड़कर गुरमीत चौधरी ने रचाई थी टीवी की ‘सीता’ से शादी, जानें वजह
IBPS PO Mains परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड, जानें किस सब्जेक्ट से आएंगे कितने सवाल
IBPS PO Mains परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, ऐसे करें डाउनलोड, जानें किस सब्जेक्ट से आएंगे कितने सवाल
प्रियंका गांधी की जीत ने कर दिया वो काम, जो आजाद भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ!
प्रियंका गांधी की जीत ने कर दिया वो काम, जो आजाद भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ!
IPL Auction 2025: भारत का स्टार बल्लेबाज गया अनसोल्ड, देवदत्त पडिक्कल को नहीं मिला कोई खरीददार
भारत का स्टार बल्लेबाज गया अनसोल्ड, देवदत्त पडिक्कल को नहीं मिला कोई खरीददार
क्या मंगल ग्रह पर बिना पानी के भी रह सकते हैं लोग? जानिए क्या कहता है साइंस
क्या मंगल ग्रह पर बिना पानी के भी रह सकते हैं लोग? जानिए क्या कहता है साइंस
Embed widget