Semicon India futureDESIGN: सेमीकंडक्टर एक ऐसा सेक्टर है जिसमें भारत तेजी से अपने पैर फैला रहा है. भारत का इरादा है कि वो 2026 तक सेमीकंडक्टर मार्केट हब बन जाए. इसके लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. भारत सेमीकंडक्टर से जुड़े कार्यक्रमों में भारी-भरकम निवेश कर रहा है.
केंद्र सरकार का लक्ष्य सेमीकंडक्टर डिजाइन और नवाचार के लिए भारत को वैश्विक केंद्र बनाना है. इस मकसद को पूरा करने के लिए भारत 100 सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप बनाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है. इसके तहत कई घरेलू स्टार्टअप क्वालीफाई कर चुके हैं. केंद्र सरकार चाहती है कि भारत में तो इस सेक्टर के लिए घरेलू बाजार विकसित हो ही, साथ में भारत की पहल से दुनिया के लिए भी इस सेक्टर में नए डिजाइन विकसित हो.
सेमीकंडक्टर क्षेत्र के लिए पेशेवरों का प्रतिभा पूल
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दिल्ली के एक कार्यक्रम में सेमीकंडक्टर सेक्टर को लेकर भारत की संभावनाओं के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार सेमीकंडक्टर क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की टीम तैयार कर रही है और जल्द ही इसके लिए 85 हजार काबिल पेशेवरों का प्रतिभा पूल बनेगा. उन्होंने जानकारी दी कि भारत ने पिछले 14 महीने में विनिर्माण और डिजाइन में नए अवसर पैदा करने के साथ सेमीकंडक्टर सेक्टर के लिए नए पाठ्यक्रम बनाने पर भी ध्यान दिया गया है. इससे ही भारत जल्द ही 85 हजार पेशेवरों का टैलेंट पूल हासिल करने में कामयाब हो जाएगा.
स्टार्टअप में निवेश के लिए 1,200 करोड़ रुपये
केंद्र सरकार चाहती है कि आने वाले वर्षों में डिजिटल या टेक स्पेस में ऐसा कोई भी पहलू नहीं हो, जिसमें भारत की पुरजोर हिस्सेदारी न हो. इस लिहाज से सेमीकंडक्टर सेक्टर को बढ़ावा देना केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर डिजाइन स्टार्टअप में निवेश के लिए 1,200 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित किया है. इस डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत सेमीकंडक्टर डिजाइन के क्षेत्र से जुड़ी 20 घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उन कंपनियों को 2027 तक 1,500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हासिल करने में मदद मिलेगी.
अनुकूल कानून और नीतियों का ढांचा
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में चीन को जो मुकाम हासिल करने में 30 साल लग गए, भारत उसे एक दशक में हासिल करना चाहता है. इसके लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की ग्लोबल वैल्यू चेन में हाशिये से शीर्ष पर पहुंचने की राह पर कदम बढ़ा रहा है. दुनिया के सेमीकंडक्टर स्पेस में बड़ी ताकत बनने के लिए भारत उसके अनुकूल कानून और नीतियों का ढांचा भी तैयार कर रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार उपभोक्ताओं से लेकर कंपनियों तक, सभी संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श कर रही है.
सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोड शो
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने 12 मई को आईआईटी, दिल्ली में तीसरे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन (DESIGN) रोड शो की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने सेमीकंडक्टर चिप बनाने के लिए डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम का फायदा लेने के लिए स्टार्टअप से पंजीकरण करने का आग्रह किया, जो जनवरी 2022 में आवेदन के लिए खोला गया था. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन और उत्पादन के लिए सब कुछ करेगी. इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में कर्णावती विश्वविद्यालय, गांधीनगर में पहले रोड शो और इस साल फरवरी में आईआईएससी बैंगलोर में दूसरे रोड शो का आयोजन किया गया था. देश भर में अगली पीढ़ी के सेमीकंडक्टर डिजाइनरों को प्रोत्साहित करने, सह-विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने कम्प्यूटिंग रोड शो की एक श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है. इसके जरिए संचार के लिए स्वदेशी रूप से सेमीकंडक्टर चिप्स विकसित करने को प्रोत्साहन देना है.
सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन कार्यक्रम जैसी इन योजनाओं के जरिए अगली पीढ़ी के उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को भारत में डिजाइन और विकसित किया जाना है. केंद्र सरकार सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम को हर छात्र, हर कॉलेज तक ले जाना चाहती है. राजीव चंद्रशेखर ने ये भी जानकारी दी है कि अगला यूनिकॉर्न फैबलेस चिप डिजाइन क्षेत्र से होगा.
2026 तक सेमीकंडक्टर बाजार 64 अरब डॉलर पार
दिसंबर 2021 में केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर सेक्टर में निवेश आकर्षित करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन खर्च के साथ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन ((ISM)) की शुरुआत की थी. इसका मकसद सेमीकंडक्टर के डेवलपमेंट और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को प्रोत्साहन देना है. पिछले साल सितंबर में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा की स्थापना के लिए प्रोजेक्ट लागत के 50% पर वित्तीय सहायता की घोषणा की गई थी.
अनुमान है कि 2026 तक भारत का सेमीकंडक्टर बाज़ार 64 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा. सेमीकंडक्टर चिप की मांग कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और आईटी हार्डवेयर जैसे क्षेत्रों से तेजी से बढ़ रही है. सेंसर, लॉजिक चिप्स और एनालॉग डिवाइस जैसे एप्लिकेशन में घरेलू मांग तेजी से बढ़ रही है. ये देश के सेमीकंडक्टर बाजार को विस्तार देने के लिहाज से महत्वपूर्ण है. 2019 में भारत में सेमीकंडक्टर मार्केट का आकार करीब 23 अरब डॉलर का था.
सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट को सरकारी मदद
हाल ही में इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के सीईओ अमितेश कुमार सिन्हा ने कहा था कि भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में भरोसेमंद साझेदार बनने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए अगले 25 वर्षों को ध्यान में रखकर दीर्घकालिक नीतियों के जरिए काम किया जा रहा है. सेमीकंडक्टर निर्माण से जुड़े प्रोजेक्ट लागत का 70 फीसदी से ज्यादा केंद्र और राज्य सरकारों की ओर वित्तीय प्रोत्साहन के तौर पर दिया जा रहा है. इसमें केंद्र सरकार एडवांस में 50 फीसदी फंडिंग कर रही है.सरकार उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और सेमीकंडक्टर योजना के जरिये प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर सेक्टर की बड़ी कंपनियों को आकर्षित करना चाहती है. इन दोनों योजनाओं के जरिये कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाता है.
वैश्विक कंपनियों के निवेश पर नज़र
सेमीकंडक्टर सेक्टर में बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए बड़े निवेश की भी जरूरत है. वैश्विक कंपनियां निवेश के लिए आकर्षित हों, इसके लिए सरकार की ओर से अमेरिका की जानी-पहचानी प्रौद्योगिकी और सेमीकंडक्टर कंपनियों के साथ भी बातचीत की जा रही है. इनमें एचपी, डेल, इंटेल और गूगल जैसी कंपनियां शामिल हैं. दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी सेमीकंडक्टर कंपनी 'माइक्रॉन टेक्नोलॉजी' का भारत में असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग (ATMP) प्लांट स्थापित करने का एक प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव के तहत 'माइक्रॉन टेक्नोलॉजी' कंपनी दुनिया भर में बन रहे अपने वेफर्स की प्रोसेसिंग के लिए इस प्लांट का इस्तेमाल करेगी. इस पर एक अरब डॉलर का निवेश किया जाना है. उम्मीद है कि भारत सरकार इस प्रस्ताव को जल्द ही मंजूरी दे देगी. कंपनी पिछले एक साल से इस सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्लांट के लिए जगह तलाश रही थी. इस साल मार्च में चिप आपूर्ति श्रृंखला और नवाचार साझेदारी स्थापित करने के लिए भारत ने अमेरिका के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था. ये भारत-अमेरिका वाणिज्यिक संवाद के ढांचे के तहत हुआ था.
10 अरब डॉलर प्रोत्साहन देने की मंशा
केंद्र सरकार की ओर से आने वाले समय में सेमीकंडक्टर योजना के तहत 10 अरब डॉलर प्रोत्साहन देने की मंशा है. इसके तहत देश में सेमीकंडक्टर (चिप) निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकती है. इसके जरिए देश में फैब प्लांट, ATMP, आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट (OSAT) और चिप डिजाइन प्लांट स्थापित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन दिया जाना है.
सेमीकंडक्टर मार्केट हब बनने की राह पर भारत
फॉर्च्यून बिजनेस इनसाइट्स के मुताबिक वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार 2022 में 573.44 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक 1,380.79 बिलियन डॉलर हो जाने का अनुमान लगाया गया था. वहीं इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन के मुताबिक वैश्विक सेमीकंडक्टर राजस्व 2022 में 661 बिलियन डॉलर को पार कर गया. इतने बड़े बाजार में भारत भी अब अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रहा है. 2026 में भारत में घरेलू सेमीकंडक्टर खपत 80 अरब डॉलर से अधिक होने का अनुमान है. सेमीकंडक्टर मार्केट में भारत वैश्विक स्तर पर दबदबा बनाना चाहता है. देश के भविष्य के लिए इस सेक्टर के महत्व को देखते हुए भारत को ग्लोबल सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन में प्रमुख भागीदारों में से एक बनना चाहता है.
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