आज के डिजिटल युग में पलक झपकते ही कोई भी काम हो जाता है.कहीं भी पल भर में पैसे भेज सकते हैं, वीडियो कॉल पर अपने प्यारों की सुध ले सकते हैं, बड़े से बड़ा डॉक्युमेंट पल भर में भेज सकते हैं. इस डिजिटल युग को बढ़ावा मोबाइल ने और कंप्यूटर ने दिया है. एक दौर था जब फोन का शौक हुआ करता था और सिर्फ कुछ अमीर लोगों के घर में फोन नजर आता था. समय बदलता गया और टेक्नोलॉजी का विकास होता गया. इसके साथ ही प्रतियोगिता भी बढ़ती गयी. समय के साथ मोबाइल सस्ते होते चले गए. अब तो आलम ये है कि लगभग ज्यादातर लोगों के पास मोबाइल फोन या स्मार्टफोन मिलेगा. भारत में मोबाइल फोन का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में 2024 में और भी वृद्धि होने की संभावना है. इस वृद्धि में सबसे अधिक योगदान डिजिटलीकरण की प्रक्रिया का है.
डिजिटल युग की ओर बढ़ता भारत
भारत सरकार के डिजिटल भारत अभियान ने गांवों और शहरों को इंटरनेट की दुनिया में लाया है. इसके साथ ही, स्मार्टफोन की कीमतों में भी कमी आने से अधिक लोग स्मार्टफोन का उपयोग करने में सक्षम हो रहे हैं. ये वृद्धि भारतीय डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. डिजिटल अर्थव्यवस्था में वृद्धि से अधिक लोग ई-कॉमर्स, डिजिटल भुगतान और इंटरनेट सेवाओं का उपयोग कर पा रहे है. जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में नई संभावनाएं उत्पन्न हो रही हैं. ये अत्यधिक मोबाइल यूजर्स की संख्या न केवल डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में भी सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है. मोबाइल यूजर्स की संख्या बढ़ने से डिजिटल वित्तीय सेवाओं की मांग में भी वृद्धि हो रही है. भारत ने एक डिजिटल युग की ओर अग्रसर कदम बढ़ाया है. यह सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है.
जागरूकता के बाद बढ़ी मांग
भारतीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार भारत में 1.2 अरब मोबाइल फोन यूजर्स है. जबकि 60 करोड़ लोग स्मार्ट फोन का उपयोग करते हैं. 'मेक इन इंडिया' में बने फोन का अमेरिका तक डंका बजा है. अमेरिका द्वारा वर्तमान में भारत में बने स्मार्ट फोन की मांग खूब है. एक समय था जब भारत खुद दूसरे देशों से मोबाइल फोन का आयात करता था, लेकिन अब भारत मोबाइल का निर्यातक देश बन गया है. मोबाइल के निर्यातक देश के तौर पर भारत के उभरने से चीन और वियतनाम को झटका लगा है.भारत में स्मार्टफोन निर्यात के इजाफे के पीछे की वजह मोबाइल प्रोडक्शन का तेजी से बढ़ना भी बताया जा रहा है. पिछले 10 सालों में इसमें 20 गुना से भी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. लगातार मांग होने के कारण और दुनिया के प्रमुख बाजार में भारत के उत्पाद पसंद किए जाने के कारण भारत में तेजी से फोन का मोबाइल प्रोडक्शन बढ़ा है, इस कारण ही डिजिटल क्रांति देखी जा रही है.
डिजिटल दुनिया की ओर
भारत में मोबाइल फोन के यूजर्स बढ़ने के स्थिति बढ़ने के कारण अमेरिकी कंपनी एपल ने भारत में आईफोन का निर्माण शुरू किया है .एपल के भारत में आने के बाद से भारत में भी स्मार्टफोन के यूजर की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है. स्मार्टफोन के अलावा एंड्रॉयड फोन की भी बाजारों में मांग बढ़ी है. अभी एपल का विनिर्माण उसके कुल उत्पादों का 14 प्रतिशत तक भारत में पहुंच गया है. वर्तमान में भारत स्मार्टफोन के निर्माण करने में अच्छा-खासा स्थान रखता है. भारत में कई सारी मोबाइल की कंपनियां है.कम दाम से लेकर अधिक दाम तक के फोन भारत के बाजारों में उपलब्ध हैं. भारत में कई सारे ब्रांड के फोन मौजूद है. उसमें शियोमी, ओपो, सैमसंग, पोको, एपल, वीवो, गूगल, नथिंग, रीयलमी और वन प्लस सहित तमाम कंपनियों के फोन बाजारों में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं. मोबाइल की उपयोगिता बढ़ने के साथ ही बाजारों में फाेन की डिमांड बढ़ी है.
गांवों तक पहुंचा मोबाइल फोन
वर्तमान समय में फोन की इस कदर मांग बढ़ी है कि गांव से शहर तक फोन की खोज है. मोबाइल बैंकिंग के साथ साथ अन्य सुविधाओं की वजह से मोबाइल की उपयोगिता बढ़ गयी है. 2014 से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल की उपयोगिता सिर्फ फोन मात्र तक ही थी. 2014 के बाद जियो का सिम बाजार में आई. उसके बाद बाजार में डिजिटल क्रांति आई. उसके बाद बाजारों में कई मोबाइल कंपनियों ने इनवेस्ट किया. बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी उसके बाद कम दाम में भी फोन उपलब्ध होने लगे. डिजिटल क्रांति की शुरूआत तब हुई जब नोटबंदी हुई. बाजार में पैसे की कमी महसूस हुई. उसके बाद यूपीआई और मोबाइल बैंकिंग की शुरूआत हुई. उसके बाद से मोबाइल का और भी क्रेज बाजार में बढ़ गया. इसके साथ ही इसको बढ़ावा देने में नेटवर्क कंपनियों ने अहम भूमिका निभाया. फोर जी और फाइव जी आने के बाद युवाओं में मोबाइल का क्रेज और भी बढ़ा है. इसमें मोबाइल कंपनियां भी अहम लुभावने और कई तरह के फीचर देते हैं. जिस वजह से डिजिटल क्रांति आई है.