भारत की बढ़ती रफ्तार को देख कर कोई नहीं कह सकता कि दुनिया मंदी की चपेट में है. जहां एक तरफ कई देश अभी भी मंदी का सामना कर रहें है तो वहीं भारत सभी को पीछे छोड़ते हुए भविष्य में अपने आप को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. भारत के भविष्य को लेकर जो अनुमान सामने आ रहे हैं, उससे देश को अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ने में और बुलंदी हासिल हो रही है और एक अलग जोश देखने को मिल रहा है. 


2031 तक देश उच्च-मध्यम आय


भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. 2031 तक देश अपर मिडिल इनकम स्टेटस का दर्जा हासिल करने में सफल हो सकता है. भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर दुनिया भर की रेटिंग एजेंसियां काफी साकारात्मक नजर आ रही है. अब भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अनुमान लगाया है. रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है. यदि ऐसा होता है तो भारत की अर्थव्यवस्था दोगुनी होकर 7 लाख डॉलर तक पहुंच जाएगी. 


2031 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था


रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने "इंडिया आउटलुक रिपोर्ट" (India Outlook Report) तैयार किया है जिसके अनुसार भारत की आर्थिक तरक्की उसके घरेलू स्ट्र्क्चरल रिफॉर्म्स की दिशा में उठाए गए कदम और दूसरे फैक्टर्स के चलते देखने को मिलेगा. क्रिसिल का अनुमान है कि भारत उनके ग्रोथ के अनुमानों को पार करते हुए 2031 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार अगले 7 वित्त वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा पार कर सात लाख करोड़ डॉलर के नजदीक पहुंच जाएगी.


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकासशील देश से विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. लक्ष्य की प्राप्ति के लिए इकोनॉमी में कई तरह के सुधार किए गए हैं, जिनकी वजह से विकसित भारत बनने के लक्ष्य के सपने को पूरा किया जा सकता है. भारत की अर्थव्यवस्था 2014 में 1.9 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 10वें पायदान पर थी. कोरोना काल की महामारी झेलने के बाद भी वर्तमान समय में भारत की अर्थव्यवस्था 3.7 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के साथ 5वें स्थान पर है. दस वर्षों में हुए बदलाव की यात्रा यह बताती है कि देश में सुधार करने के लिए कितना काम किया गया है. भारत की अर्थव्यवस्था ने 2023 में काफी बेहतर प्रदर्शन किया, जिसकी वजह से 2024 में भी विकास के अनुमान को अधिक रखा गया है. 


 



फिलहाल 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था 


फिलहाल भारत की अर्थव्यवस्था 3.7 करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत से आगे अभी चीन, अमेरिका, जापान और जर्मनी का नाम शामिल है. क्रिसिल की रिपोर्ट से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2030-31 तक भारतीय अर्थव्यवस्था 6.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगी. इतना ही नहीं बल्कि उस वक्त तक देश की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 4,500 अमेरिकी डॉलर हो जाएगी और भारत "उच्च-मध्यम आय" (Upper Middle-Income Status) वाले देशों के समूह में भी शामिल हो जाएगा. विश्व बैंक के अनुसार निम्न आय वाले देश वे है जिनकी प्रति व्यक्ति आय 1 हजार से  4 हजार अमेरिकी डॉलर के बीच है. वहीं उच्च-मध्यम आय वाले देश वे है जिनकी प्रति व्यक्ति आय 4 हजार से लेकर 12 हजार के बीच है. क्रिसिल (Crisil) के मैनेजिंग एडिटर और सीईओ अमीश मेहता भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए बताया है कि घरेलू खपत के लिए इस मील के पत्थर पर जोर देने का काम किया जाता है. उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को उच्च क्षमता उपयोग, ग्लोबल सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन के अवसरों से लाभ होगा. इसके अलावा रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि आगे ढेरों चुनौतियां भी है.


भारत के सामने क्या है चुनौती


वैश्विक चुनौतियों के बाद भी भारत की अर्थव्सवस्था खूब उछाल मार रही है. भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है, लेकिन भारत के सामने कई तरह की चुनौतियां भी है. भारत में प्रति व्यक्ति आय 2,602 डॉलर है, इसके साथ भारत 197 देशों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में 142वें पायदान पर है. वहीं आंकड़ो के मुताबिक साल 2014-15 में सालाना प्रति व्यक्ति आय 86,647 रुपये थी जो कि वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 1,72,000 रुपये हो गई थी. दुनिया के सबसे अमीर देश लग्जमबर्ग में सालाना प्रति व्यक्ति आय 1,43,320 डॉलर है. इसके अलावा भारत में महंगाई बढ़ी है, बेरोजगारी अधिक है और स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बुरा है.


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