मोदी सरकार 3.0 के पहले पूर्ण बजट से अर्थव्यवस्था को रफ्तार, निर्मला सीतारमण का अब तक का सबसे बेहतरीन बजट
पूर्व आईआरएस विनोद सिंह ने बजट पर एबीपी लाइव के साथ बात करते हुए कहा कि ये बजट काफी प्रोग्रेसिव है. इनकम टैक्स में रिलीफ के बाद भारत मांग बढ़ेगी और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा.

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्णकालिक बजट केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी 2025 को पेश किया. इस बजट में जहां एक तरफ सबसे बड़ी राहत मिडिल क्साल को दी गई और 12 लाख तक की उनकी आय को करमुक्त रखा गया तो वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए भी कई एलान किए गए. स्टार्टअप्स से लेकर किसान क्रेडिट कार्ड तक पर लोन की सीमाएं बढ़ा दी गई. इसी तरह वरिष्ठ नागरिकों को ब्याज से होनेवाली आय पर कर कटौती की सीमा को मौजूदा 50 हजार रुपये से दोगुना करके एक लाख रुपये कर दिया गया.
नए बजट के बारे में एबीपी लाइव के साथ बात करते हुए आईआईएमसी के प्रोफेसर शिवाजी सरकार ने साफ किया कि ये पूरी तरह से विकासोन्मुखी कदम है. उन्होंने इस बजट की तारीफ करते हुए कहा कि अब तक निर्मला सीतारमण के जितने भी पिछले सात बजट रहे हैं, उन सभी से इस बार बेहत है. इसकी खास वजह बताते हुए शिवाजी सरकार ने कहा कि खासकर वेतनभोगी लोगों और एमएसएमई का ख्याल रखा गया है.
निर्मला का बेहतरीन बजट
उन्होंने कहा कि न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ के बारे में सोचा गया है बल्कि बिहार और दिल्ली को खास तरजीह दी गई है, क्योंकि उन दोनों ही जगहों पर चुनाव है. मिथिलांचल के मखाना के लिए विशेष एलान, पटना आईआईटी और एयरपोर्ट के लिए एलान... ये सारी चीजें बताती है कि बजट में काफी तवज्जो दिया गया है.
इसके अलावा, अगर टैक्स की बात करे तो पहले सात लाख तक की कमाई को करमुक्त रखा गया था. लेकिन, 12 लाख तक आय पर छूट देने का फैसला ग्रोथ के लिए काफी अच्छा रहेगा, क्योंकि इससे जो कुछ भी लोगों को बचेगा, इससे मार्केट में अच्छा संकेत जाएगा.
कृषि क्षेत्र की अगर बात करें तो ये क्षेत्र काफी दबाव में रहा है. ऐसे में किसान क्रेडिट कार्ड पर पहले लोन 3 लाख तक मिलता था, अब ये बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. साथ ही, फूड प्रोसेसिंग के लिए 60 हजार करोड़ रुपये देने के एलान से काफी फायदा होगा, क्योंके फूड एक्सपोर्ट्स को बढ़ाने पर अब ध्यान दिया जाएगा.
कई सेक्टरों पर फोकस
जबकि, पूर्व आईआरएस विनोद सिंह ने बजट पर एबीपी लाइव के साथ बात करते हुए कहा कि ये बजट काफी प्रोग्रेसिव है. इनकम टैक्स में रिलीफ के बाद भारत मांग बढ़ेगी और प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलेगा. इसका सीधा फायदा ये होगा कि जो भारतीय निवेश के लिए विदेशी बाजार का रुख कर रहे थे, उन्हें अब वहां जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. उसमें कमी आएगी. इसके अलावा, किसानों के लिए खास एलान से उनको काफी फायदा होने वाला है.
विनोद सिंह ने कहा कि आयकरदाताओं को जो 12 लाख रुपये की आय को करमुक्त रखा गया है, इसे दो तरह से देखा जा सकता है. पहला ये कि इससे कई लोग टैक्स के दायरे से बाहर आ जाएंगे. ज्यादातर भारत में जो लोग टैक्स देते हैं वो सर्विस करने वाले ही लोग हैं, उनकी संख्या कम होगी. दूसरी तरफ उनको रिलीफ मिलने के बाद टैक्स से जो पैसा बचेगा वो पैसा निवेश या फिर नौकरी सृजन की तरफ जाएगा. मध्यम वर्ग के लोगों के लिए इसे बहुत बड़ी राहत के तौर पर देखा जा सकता है.
पहले सबसे ज्यादा टैक्स इन्हीं मध्यवर्ग को देना पड़ता था. 12 लाख की लिमिट के बाद का सर्किल भी 15 प्रतिशत का ही है, जो पहले 20 प्रतिशत हुआ करता था. ये भी एक राहत है.
जीडीपी बढ़ाने में मिलेगी मदद
विनोद सिंह बताते हैं कि इस बजट से जीडीपी को एक नई जान फूंकने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, बिजली, खदान, खनिज क्षेत्रों पर भी बजट में खास ध्यान रखा गया है. इससे धीमे रफ्तार में चल रहे कंस्ट्रक्शन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा.
इसके अलावा, पूंजीगत लाभ में भी छूट कर दी गई है. किसान क्रेडिट कार्ड की लोन सीमा का बढ़ाने से ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर कृषि क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा इससे पहुंचने वाला है, ताकि खाद और बीज खरीदने में उन्हें राहत मिलेगी. पूर्व आईआरएस विनिोद सिंह ने बताया कि चूंकि मध्यम वर्ग लोकतंत्र की रीढ़ की हड्डी है, वे देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. सबसे ज्यादा आयकरदाता यही वर्ग है. ऐसे में इन्हें जरूर ये राहत मिलनी ही चाहिए थी.
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