पीएम मोदी की दो दिवसीय मॉरीशस यात्रा: रणनीतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व
भारत और मॉरीशस के बीच संबंध सिर्फ़ ऐतिहासिक या सांस्कृतिक नहीं हैं, बल्कि इसमें भू-राजनीतिक समीकरण भी शामिल हैं. हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, भारत ने SAGAR पहल के तहत मॉरीशस के साथ पिछले कुछ वर्षों में अपने रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 -12 मार्च 2025 को मॉरीशस के दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर थे. यह यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई. इस यात्रा के दौरान, वे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि थे, जहाँ भारतीय नौसेना और वायु सेना के विशेष दस्तों ने भी भाग लिया. साथ ही मॉरीशस के राष्ट्रपति धरमबीर गोखूल ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन’ से सम्मानित किया. पीएम मोदी को मिला यह 21वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है. यह यात्रा केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि इसमें रणनीतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कई पहलू शामिल थे.
भू-राजनीतिक महत्व
भारत और मॉरीशस के बीच संबंध सिर्फ़ ऐतिहासिक या सांस्कृतिक नहीं हैं, बल्कि इसमें भू-राजनीतिक समीकरण भी शामिल हैं. हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच, भारत ने SAGAR (Security and Growth for All in the Region) पहल के तहत मॉरीशस के साथ पिछले कुछ वर्षों में अपने रक्षा और समुद्री सहयोग को बढ़ाया है.
SAGAR पहल के तहत, भारत ने मॉरीशस को गश्ती जहाज़, निगरानी विमान और तकनीकी सहायता प्रदान की है. इसके अलावा, भारत ने मॉरीशस के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी मदद की है. अवैध मछली पकड़ने और समुद्री डकैती जैसी समस्याओं से निपटने में भारत का योगदान मॉरीशस के लिए काफ़ी लाभकारी रहा है.
इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने SAGAR को और आगे बढ़ाते हुए MAHASAGAR (Maritime and Allied Holistic Advancement for Security And Growth of All Regions) की घोषणा की. यह पहल न केवल हिंद महासागर की स्थिरता को सुनिश्चित करेगी, बल्कि छोटे द्वीप देशों को भारत के साथ सहयोग का एक नया अवसर भी प्रदान करेगी. जो की भारत के लिए भू-राजनीतिक समीकरण को अपने पक्ष में रखने में सहायक होगी.
इसके अतिरिक्त, भारत और मॉरीशस के बीच एक महत्वपूर्ण सुरक्षा समझौता हुआ, जिससे मॉरीशस की समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को और अधिक मज़बूती मिलेगी. भारत और मॉरीशस ने व्यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए एक आर्थिक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए, जिससे मॉरीशस की विकासशील अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा.
सांस्कृतिक महत्व
सांस्कृतिक रूप से दोनों देश बहुत करीब है. भारत और मॉरीशस के संबंधों का एक महत्वपूर्ण स्तंभ सांस्कृतिक जुड़ाव है. मॉरीशस में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं, जिनकी जड़ें बिहार, उत्तर प्रदेश और दक्षिण भारत से जुड़ी हुई हैं. प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ गहरा संवाद स्थापित किया गया.
इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी ने रामगुलाम और उनकी पत्नी वीना रामगुलाम को ओसीआई कार्ड सौंपे. साथ ही भारतीय मूल के मॉरीशस निवासियों की सातवीं पीढ़ी के लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड की घोषणा की, जिससे मॉरीशस के भारतीय समुदाय को भारत के साथ अपने सांस्कृतिक और पारिवारिक संबंध बनाए रखने में सहायता मिलेगी.
इसके अलावा, भारत के सहयोग से मॉरीशस में कई सांस्कृतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे को विकसित किया गया. प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरीशस में एक नए सिविल सेवा कॉलेज और स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन किया. भारत द्वारा वित्त पोषित 20 से अधिक विकास परियोजनाओं के उद्घाटन से भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक जुड़ाव को और अधिक गहरा किया गया.
ऐतिहासिक महत्व
भारत और मॉरीशस के संबंधों की जड़ें औपनिवेशिक काल से जुड़ी हैं, जब भारतीय श्रमिकों को मॉरीशस में गन्ने की खेती के लिए ले जाया गया था. आज, मॉरीशस की आबादी का एक बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है, जो भारत और मॉरीशस के बीच अटूट संबंध को दर्शाता है.
इस ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, भारत ने मॉरीशस के विकास में लगातार योगदान दिया है. प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा में, मॉरीशस की सरकार ने उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया, जो दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का प्रतीक है.
इसके अलावा, भारत के सहयोग से मॉरीशस में एक नया संसद भवन बनाया जाएगा, जिससे दोनों देशों के लोकतांत्रिक मूल्यों को और अधिक सशक्त किया जाएगा. भारतीय रिजर्व बैंक और बैंक ऑफ मॉरीशस के बीच एक समझौता हुआ, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को स्थानीय मुद्राओं में करने की सुविधा मिलेगी, जिससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी.
SAGAR से MAHASAGAR तक: संबंधों को नई ऊँचाई देना
SAGAR पहल ने भारत और मॉरीशस के बीच रक्षा, समुद्री सुरक्षा और व्यापारिक संबंधों को मजबूत किया है. इस पहल के तहत, COVID-19 महामारी के दौरान भारत ने मॉरीशस को दवाइयाँ, चिकित्सा उपकरण और खाद्य आपूर्ति प्रदान की थी. यह पहल न केवल मानवीय सहायता तक सीमित थी, बल्कि इसने मॉरीशस को एक विश्वसनीय साझेदार के रूप में भारत की छवि को और मजबूत किया.
अब, MAHASAGAR पहल के तहत, भारत मॉरीशस के साथ अपने सहयोग को और विस्तृत कर रहा है. यह पहल समुद्री सुरक्षा के अलावा व्यापार, विकास और क्षमता निर्माण पर भी केंद्रित होगी. इसका लक्ष्य छोटे द्वीप देशों को सशक्त करना और हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की उपस्थिति को और मजबूत करना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा न केवल प्रतीकात्मक थी, बल्कि इसमें रणनीतिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के कई पहलू शामिल थे. यह यात्रा भारत और मॉरीशस के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई.
SAGAR पहल ने मॉरीशस की सुरक्षा और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया, और अब इसका उन्नत संस्करण, MAHASAGAR, इस संबंध को और अधिक सशक्त बनाएगा. भारत का हिंद महासागर क्षेत्र में यह सक्रिय दृष्टिकोण छोटे द्वीप देशों को यह विश्वास दिलाता है कि भारत एक विश्वसनीय साझेदार है.
पीएम मोदी की यात्रा ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत हिंद महासागर में केवल एक सामरिक शक्ति नहीं, बल्कि एक सच्चा मित्र और सहयोगी भी है. भारत की समुद्री कूटनीति का यह नया दृष्टिकोण सभी देशों के लिए सुरक्षा, विकास और पारस्परिक सहयोग लेकर आएगा.
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