प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेवाई) को मोदी सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है. इस फैसले से 81.35 करोड़ गरीबों को हर महीने पांच किलो मुफ्त खाद्यान्न मुहैया कराया जाएगा. इसका एलान 29 नवंबर यानी बुधवार को किया गया. इससे सरकारी खजाने पर लगभग 11.80 लाख करोड़ रुपये का खर्च आएगा. फैसले के बाद पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि देश में कोई भी भूखा न सोए.
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा- 'देश के मेरे परिवारजनों में से कोई भी भूखा नहीं सोए, हमारी सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है. अपनी इसी भावना को ध्यान में रखते हुए हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच वर्षों तक बढ़ा दिया है।. यानी, मेरे गरीब भाई-बहनों के लिए वर्ष 2028 तक मुफ्त राशन की व्यवस्था निरंतर जारी रहेगी. इसका फायदा करीब 81 करोड़ देशवासियों को मिलेगा. मुझे विश्वास है कि हमारा यह प्रयास उनके जीवन को अधिक से अधिक आसान और बेहतर बनाएगा.’’
पीएम मोदी ने 2024-25 से शुरू होने वाले दो वर्षों के लिए 1,261 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 15,000 प्रगतिशील महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को ड्रोन प्रदान करने की केंद्रीय योजना को मंजूरी देने वाले मंत्रिमंडल के फैसले पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने पोस्ट किया, ‘‘देश में महिला सशक्तिकरण के अपने प्रयासों में हमने एक और बड़ी योजना को मंजूरी दी है, जो हमारे कृषि क्षेत्र को और अधिक समृद्ध बनाएगी. हमारी सरकार ने 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन देने का निर्णय लिया है, जिससे हमारे किसान भाई-बहनों की खेती बहुत आसान होने वाली है.
पीएम मोदी ने कहा कि इससे ‘सेल्फ हेल्प ग्रुप’ से जुड़ी हमारी माताओं-बहनों के साथ ही देश के अन्नदाताओं की आय भी बढ़ेगी और उनके जीवन में नई खुशहाली आएगी.’’ उन्होंने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी की भी सराहना की, जो विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर केंद्रित है. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘आदिवासी समाज के अपने उन भाई-बहनों को भी हम विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कृतसंकल्प हैं, जो सामाजिक-आर्थिक रूप से सबसे निचले पायदान पर हैं.
इसी संकल्प को आगे ले जाते हुए हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान यानि पीएम जनमन को अपनी मंजूरी दी है. इस मिशन से हमारे इन परिवारजनों के लिए न सिर्फ आवास, पेयजल, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी, बल्कि इनका जीवन भी ज्यादा सुगम और सुरक्षित होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के प्रयासों में हमारी सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है. अपनी इसी प्रतिबद्धता के तहत हमने फास्ट ट्रैक विशेष अदालतों को तीन वर्षों का विस्तार देने का फैसला किया है. ये अदालतें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध के मामलों में तेज न्याय दिलाने के साथ ही दोषियों की भी जल्द सजा सुनिश्चित कर रही हैं.’’ केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यौन अपराधों से जुड़े मामलों में त्वरित न्याय देने के लिए त्वरित सुनवायी (फास्ट ट्रैक) विशेष अदालतों को अगले तीन वर्षों तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है.