राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेल के लिए प्रमुख राष्ट्राध्यक्षों का पहुंचना जारी है. उनके स्वागत की एक तरफ जहां शानदार तैयारी की गई है तो वहीं दूसरी तरफ इसके साझा बयान से कई तरह उम्मीदें की जा रही है. इस बीच, जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होने से ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को विश्वास जताया कि ये सम्मेलन मानव केंद्रित और समावेशी विकास में एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा.
पीएम मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि वंचितों, समाज के अंतिम छोर पर खड़े लोगों की सेवा करने के उनके मिशन का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने प्रगति के मानव केंद्रित तरीके पर भारत के जोर को भी रेखांकित किया. पीएम मोदी ने कहा, ‘‘हम सतत भविष्य के लिए सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी), हरित विकास समझौते की प्रगति में तेजी लाना चाहते हैं और 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करना चाहते हैं. हम तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे भविष्य के क्षेत्रों को अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं. हम लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए सामूहिक रूप से काम करेंगे.’’
'चाहते हैं समावेशी विकास का खुले रास्ता'
पीएम मोदी ने ‘एक्स (पूर्व में ट्विटर)’ पर किये गए पोस्ट में कहा, ‘‘भारत को 9-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित भारत मंडपम में 18वें जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की खुशी है. ये पहला जी20 शिखर सम्मेलन है, जिसकी मेजबानी भारत द्वारा की जा रही है. मैं अगले दो दिनों में विश्व के विभिन्न नेताओं के साथ सार्थक चर्चा की उम्मीद करता हूं.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘यह मेरा दृढ़ विश्वास है कि नयी दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन मानव-केंद्रित और समावेशी विकास में एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा.’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश के सांस्कृतिक लोकाचार में निहित, भारत की जी20 अध्यक्षता का विषय 'वसुधैव कुटुम्बकम- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' हमारे वैश्विक दृष्टिकोण के साथ गहराई से मेल खाता है कि पूरा विश्व एक परिवार है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई-उन्मुख रही है. हमने सक्रिय रूप से ग्लोबल साउथ की विकास संबंधी चिंताओं को उठाया.’’
गांधी जी के मिशन का अनुकरण महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए मानव-केंद्रित तरीके पर भी बहुत जोर देता है. वंचितों, कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के गांधी जी के मिशन का अनुकरण करना महत्वपूर्ण है.’’प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान वह ‘एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य’ पर सत्रों की अध्यक्षता करेंगे.उन्होंने कहा कि इसमें विश्व समुदाय के लिए प्रमुख चिंता के विभिन्न मुद्दों को शामिल किया जाएगा और मजबूत, सतत, समावेशी और संतुलित विकास के मुद्दे को आगे बढ़ाया जाएगा.उन्होंने कहा, ‘‘हम सतत भविष्य के लिए सतत विकास लक्ष्यों की प्रगति, हरित विकास समझौते और 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थानों को मजबूत करना चाहते हैं.’’प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे भविष्य के क्षेत्रों को अत्यधिक प्राथमिकता देता है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सामूहिक रूप से लैंगिक समानता, महिला सशक्तिकरण और विश्व शांति सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेंगे.’’मोदी ने कहा कि मित्रता और सहयोग के बंधन को और गहरा करने के लिए वह कई नेताओं और प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे.उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि हमारे मेहमान भारतीय मेहमाननवाजी का आनंद लेंगे.’’प्रधानमंत्री ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नौ सितम्बर को मेहमानों के लिए रात्रि भोज का आयोजन करेंगी और 10 सितंबर को विभिन्न देशों से आने वाले नेता राजघाट पर गांधी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे.उन्होंने कहा कि समापन समारोह में उसी दिन, जी20 देशों के नेता एक ‘स्वस्थ पृथ्वी' के लिए 'एक परिवार' की तरह एक स्थायी और न्यायसंगत ‘एक भविष्य’ के लिए अपना सामूहिक दृष्टिकोण साझा करेंगे.
विपक्ष के निशाने पर पीएम
इधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि जी20 समूह का मंच संयुक्त राष्ट्र से बेहतर है क्योंकि इसमें 20 देश अपने मुद्दों पर चर्चा करते हैं और समाधान तलाशते हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि जी20 की बैठक प्रत्येक सदस्य देश में बारी-बारी से होती है और यह एक सामान्य प्रक्रिया है. उन्होंने कहा, ‘‘क्या जी20 दूसरे देशों में नहीं हुआ? अगले साल इस समूह की बैठक ब्राजील में होगी, फिर इसके बाद इसकी बैठक समूह के किसी अन्य देश में होगी.’’जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रिभोज का निमंत्रण मिला है, तो अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘नहीं’’. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ राष्ट्रपति को मुझे क्यों आमंत्रित करना चाहिए? मुझे समझ नहीं आता कि राष्ट्रपति मुझे क्यों आमंत्रित करेंगी.’’
जबकि, दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि ये इस बात का प्रमाण है कि सरकार देश की 60% आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देती. खरगे ने संवाददाताओं से बातचीत में यह दावा भी किया कि भारत में महात्मा गांधी के दृष्टिकोण और नाथूराम गोडसे के दृष्टिकोण के बीच की लड़ाई है तथा विपक्षी दल यह सुनिश्चित करेंगे कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और आजादी पर हमला बंद हो. राहुल गांधी इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं. जी20 रात्रिभोज के लिए खरगे को आमंत्रित नहीं किए जाने के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘‘इसमें विपरीत बात क्या है? उन्होंने (सरकार) विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करने का फैसला किया है. यह आपको कुछ बताता है. यह आपको बताता है कि वे भारत की 60 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले विपक्ष के नेता को महत्व नहीं देते हैं.