रूस भारत का अब भी सबसे बड़ा हथियारों का आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. लेकिन 2018-2022 की अवधि के दौरान रूस से कुल हथियारों के आयात में जोकि 64 प्रतिशत थी अब वह घटकर 45 प्रतिशत हो गई है. यह बात हथियारों के अंतरराष्ट्रीय हस्तांतरण पर स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) जोकि एक स्वतंत्र अंतर्राष्ट्रीय संस्थान है ने अपने नवीनतम रिपोर्ट में बताई है. बता दें कि सीपरी दुनिया में वॉर, शस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण के लिए अनुसंधान करने वाली संस्था है. सोमवार को SIPRI के द्वारा जारी किए गए के आंकड़ों के अनुसार, भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बना हुआ है और रूसी हथियारों का सबसे बड़ी खेप का खरीदार है.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के कारण भारत में हथियारों की मांग बढ़ रही है. पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के तनाव ने बड़े पैमाने पर हथियारों के आयात की मांग को बढ़ाया है. 2022," 'ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर, 2022' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल वैश्विक हथियारों के आयात के 11 प्रतिशत हिस्से के साथ, भारत 2018-22 में प्रमुख हथियारों का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक रहा.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत द्वारा रूस, फ्रांस, अमेरिका और अन्य विकसित देशों से हथियारों का आयात 2013-2017 की तुलना में 2018-22 में 11 प्रतिशत कम हो गया है. इसके पीछे भारत सरकार के 'आत्मनिर्भर' या रक्षा क्षेत्र में घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा देने के कारण हुआ है. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लक्ष्य, हथियारों की खरीद प्रक्रिया से जुड़े कानूनों को उदार बनाने के प्रयास किया गया है. SIPRI के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि रूस भारत के लिए सबसे बड़ा हथियार विक्रेता बना हुआ है, लेकिन फ्रांस और अमेरिका से कड़ी प्रतिस्पर्धा और हथियारों का स्वदेशी उत्पादन और यूक्रेन युद्ध के कारण इसकी हिस्सेदारी कम हो गई है.
2018-22 में पांच सबसे बड़े हथियार आयातक भारत, सऊदी अरब, कतर, ऑस्ट्रेलिया और चीन थे. SIPRI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन पांच देशों ने मिलकर दुनिया के हथियारों का 36 प्रतिशत तक आयात किया. SIPRI आर्म्स ट्रांसफर प्रोग्राम के वरिष्ठ शोधकर्ता सीमन टी. वेज़मैन ने कहा कि इस बात की संभावना है कि यूक्रेन पर आक्रमण रूस के हथियारों के निर्यात को और सीमित कर देगा. ऐसा इसलिए क्योंकि रूस पहले अपने सशस्त्र बलों की आपूर्ति को प्राथमिकता देगा और उस पर अमेरिका और यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए व्यापार प्रतिबंधों के चलते अमेरिका के सहयोगी देशों पर रूसी हथियार नहीं खरीदने के बढ़ते दबाव बढ़ी है.
फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता
रूस के बाद अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता था लेकिन विगत कुछ वर्षों में फ्रांस ने यह स्थान प्राप्त कर लिया है. दरअसल, फ्रांस से 62 लड़ाकू विमानों और चार पनडुब्बियों के आयात के कारण फ्रांस भारत का दूसरा सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता बन गया है. SIPRI ने अपने रिपोर्ट में आंकड़ों का हवाला देते हुआ कहा है कि 2013-17 और 2018-22 के बीच फ्रांस से भारत के हथियारों के आयात में 489 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. SIPRI के आर्म्स ट्रांसफर प्रोग्राम के वरिष्ठ शोधकर्ता पीटर डी वेज़मैन ने कहा कि फ्रांस वैश्विक हथियार बाजार का एक बड़ा हिस्सा प्राप्त कर रहा है क्योंकि रूसी हथियारों के निर्यात में गिरावट आई है. जैसा कि भारत के केस में देखा गया है और यह आगे भी जारी रहेगा क्योंकि 2022 के अंत तक, फ्रांस के पास हथियारों के निर्यात की तुलना में कहीं अधिक बकाया ऑर्डर रूस के पास थे. 2018-22 की अवधि के दौरान, अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी दुनिया के शीर्ष पांच हथियार निर्यातकों के रूप में उभरे। SIPRI ने कहा, "2013-17 और 2018-22 के बीच अमेरिका और फ्रांस के हथियारों का निर्यात बढ़ा, जबकि रूसी, चीनी और जर्मन हथियारों का निर्यात गिर गया।"
चीन का आधा हथियार निर्यात पाकिस्तान
SIPRI के अनुसार, 2018-22 में चीन के कुल वैश्विक हथियारों के निर्यात का 5.2 प्रतिशत हिस्सा था, लेकिन 2013-17 और 2018-22 के बीच बीजिंग के हथियारों के निर्यात में 23 प्रतिशत की कमी आई है. चीनी हथियारों के निर्यात का अधिकांश हिस्सा (80 प्रतिशत) एशिया और ओशिनिया के राज्यों में जाता है. चीन ने 2018-22 में 46 देशों को हथियार का आपूर्ति किया, लेकिन उसके आधे से अधिक हथियारों का निर्यात (54 प्रतिशत) सिर्फ एक राज्य- पाकिस्तान को किया गया है. 2013-17 और 2018-22 के बीच पाकिस्तान द्वारा हथियारों के आयात में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह कुल आयात का 3.7 प्रतिशत था. रिपोर्ट में दिखाया गया है कि चीन ने 2018-22 में पाकिस्तान के हथियारों के आयात के तीन चौथाई (77 प्रतिशत) से अधिक की आपूर्ति की.
कतर और भारत के बाद यूक्रेन तीसरा सबसे बड़ा आयातक देश बना
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उन्नत हथियारों के घरेलू उत्पादन में तेजी के कारण चीन तेजी से रूसी आयात को कम कर रहा है. यूक्रेन अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बन गया है. SIPRI की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूक्रेन, जिसने 1991 से 2021 के अंत के बीच बहुत कम हथियारों का आयात किया था, रूस के साथ युद्ध के कारण वह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है. 1991 से 2021 के अंत तक, यूक्रेन ने कुछ प्रमुख हथियारों का आयात किया.
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय राज्यों से सैन्य सहायता के परिणामस्वरूप, यूक्रेन 2022 के दौरान (कतर और भारत के बाद) प्रमुख हथियारों का आयातक बन गया और 2018-22 के लिए 14वां सबसे बड़ा आयातक रहा. पांच साल की अवधि में वैश्विक हथियारों के आयात के मामले में यूक्रेन की हिस्सेदारी 2.0 प्रतिशत रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाकू विमानों और लंबी दूरी की मिसाइलों की आपूर्ति यूक्रेन में युद्ध को और बढ़ा सकती है.