भारत में सरकार महिलाओं की स्थिति सुधारने और आधी आबादी को ताकतवर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है. इन प्रयासों और अपनी मेहनत, जिद और असंभव को पाने की आकांक्षा के जरिए महिलाएं भी अपना वर्चस्व स्थापित कर रही है. शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता ने महिलाओं में एक नई चेतना लाने का काम किया है. आज के समय में महिलाएं आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनकर पुरुषों के बराबर मजबूत और हरेक क्षेत्र में कार्यरत दिख रहीं है. चाहे खेल की दुनिया हो या अंतरिक्ष में जाने की, महिलाएं अब कहीं भी पीछे नहीं है. महिलाओं के इसी जज्बे को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीनीत केंद्र सरकार द्वारा बेटियों के लिए एक योजना चलाई जाती है जिसका नाम "सुकन्या समृद्धि योजना" है. इस स्कीम की शुरुआत 22 जनवरी 2015 में की गई थी. यह केंद्र सरकार की एक बचत स्कीम है. इस योजना को  "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" स्कीम के तहत लॉन्च किया गया था. यह योजना सबसे बेहतर ब्याज दर वाली योजना है. 


सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत


केंद्र सरकार द्वारा "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" अभियान के तहत देश की बेटियों के उज्ज्वल भविष्य और उनकी पढ़ाई, उच्च शिक्षा और विवाह आदि में आने वाले खर्चो से निपटने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना बनाई गई है. इस योजना के अंतर्गत 10 वर्ष से कम आयु की बेटी के माता-पिता उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए निवेश कर सकते हैं. इस योजना के तहत आप अपनी लाडली के 15 साल की आयु होने तक पैसा जमा कर सकते हैं. योजना में बच्ची के माता-पिता 250 रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक निवेश कर सकते है. यह योजना केवल बेटियों के लिए ही है.


इस योजना के अंतर्गत न सिर्फ ऊंचा ब्याज मिलता है, बल्कि सरकारी स्कीम होने की वजह से यह पूरी तरह से सुरक्षित भी है. इस योजना के अनुसार आप सलाना 10,000 रुपए की रकम जमा कर सकते है जो मैच्योरिटी के वक्त 4.48 लाख करोड़ रुपए की हो जाती है. कोई भी अभिभावक बच्ची के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है. इस योजना में लंबी अवधि तक राशि निवेश कर इसकी मैच्योरिटी पर एक साथ बड़े अमाउंट में पैसा जुटाया जा सकता है. सुकन्या समृद्धि योजना को किसी भी पोस्ट ऑफीस या अधिकृत बैंक में जाकर खुलवाया जा सकता है. इस योजना में आपकी लाडली की उम्र 18 साल होने पर उसकी शिक्षा के लिए 50% राशि निकालने की सुविधा भी दी गई है. साथ ही आप गोद ली गई बेटी के लिए भी इस योजना के अंतर्गत निवेश कर सकते है.



केंद्र सरकार द्वारा आपकी लाडली को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना में  खाताधारकों को एक वित्त वर्ष में 250 रुपए की न्यूनतम राशि निवेश करना आवश्यक है. सरकार द्वारा वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज के दर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिया गया. इस योजना के अनुसार पहले इसके निवेशकों को 8 फीसदी ब्याज दिया जाता था. सरकार द्वारा दूसरी योजनाओं की ब्याज दरों में किसी प्रकार का कोई बदलाव नहीं किया गया है. 


आयकर से भी मिलती है छूट


सुकन्या समृद्धि योजना टैक्स फ्री योजना है, जिस पर अलग-अलग स्तरों पर तीन प्रकार की टैक्स में छूट दी जाती है. सालाना 1.5 लाख रुपए निवेश करने पर इनकम टैक्स 80सी के तहत छूट दी जाती है. दूसरा यह कि आपको मिलने वाले रिटर्न पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगता और तीसरा यह कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि भी पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है. सुकन्या समृद्धि योजना के तहत अकाउंट का मैच्योरिटी समय 21 साल का है और आपको अपनी लाडली के 15 साल के होने तक इसमें निवेश करना होता है. यानी कि जब आप निवेश करना बंद करते है उसके 6 साल बाद आपका खाता मैच्योर होता है, फिर 6 साल में योजना के अनुसार तय ब्याज मिलता रहता है. साथ ही आपको कंपाउंडिंग का भी फायदा मिलता है.


यदि आप नवजात बच्ची का सुकन्या समृद्धि योजना अकांउट खोलवाते है तो उसके 21 साल होने पर अकाउंट मैच्योर होता है और यदि आपने अपना लाडली के 4 साल होने के बाद अकाउंट खुलवाया है तो बच्ची की उम्र 25 साल पूरे होने पर ही मैच्योरिटी अमाउंट मिलेगा. इसके साथ ही आपकी बेटी अपनी उम्र 18 साल पूरे करने पर अपना अकाउंट खुद ही मैनेज कर सकती है. 


सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट 10 साल से कम उम्र की बेटी के लिए पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते है. इस योजना के अनुसार दो बेटियों के अलग-अलग अकाउंट खोला जा सकता है और जुड़वां बेटियां हो तो दो से अधिक अकाउंट भी खोला जा सकता है. योजना के तहत आप एक वित्त वर्ष के समय कम-से-कम 250 रुपए जमा करना आवश्यक है और पूरे वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपए जमा किया जा सकता है. आप अपनी सुविधा के अनुसार इस रकम को हर महीने बाटकर भी जमा कर सकते है. हर महीने 12,500 रुपए अकाउंट में डालकर भी साल में 1.5 लाख रुपए जमा कर सकते है. यदि एक साल में सुकन्या समृद्धि योजना में 1,11,400 रुपए का निवेश किया जाए तो  मैच्योरिटी पर 50 लाख रुपए की राशि मिलती है.