'2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में तकनीक का होगा सबसे बड़ा योगदान'
Technology India@2047: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा. इसलिए तकनीक के बेहतर इस्तेमाल को सुनिश्चित किए जाने की जरूरत है.
Technology India@2047: भारत फिलहाल आर्थिक तौर से सबसे तेजी से उभरता हुआ विकासशील देश है. 2047 में भारत को आजादी मिले सौ साल पूरे हो जाएंगे और इस वक्त तक भारत एक विकसित राष्ट्र के तौर पर तब्दील हो चुका रहेगा. इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर ही भारत सरकार हर तरह की नीतियों में दीर्घकालिक नजरिए को अपना रही है.
भारत एक विशाल आकार वाला देश है. आकार के हिसाब से भारत दुनिया का 7वां सबसे बड़ा हैं. मानव संसाधन यानी जनसंख्या के मामले में फिलहाल हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े देश हैं और जल्द ही इस मामले में हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे. केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत की अनुमानित जनसंख्या 136.6 करोड़ के आस-पास होनी चाहिए थी. इसमें 15 से 29 वर्ष के युवा वर्ग करीब 27.3% है. ये संख्या करीब 37.14 करोड़ हो जाती है. इतनी बड़ी युवा ताकत का इस्तेमाल करके भारत तेजी से विकसित राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ सकता है.
विकसित राष्ट्र बनाने में तकनीक बड़ी ताकत
2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, वो है तकनीक यानी टेक्नोलॉजी. इसकी मदद से देश के नागरिकों का जीवन सरल और सुगम भी बन रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी कहना है कि प्रौद्योगिकी की मदद से ही भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा. हर साल देश के महान वैज्ञानिक सीवी रमन के सम्मान में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है. इसी दिन 1928 में सीवी रमन ने Raman effect का आविष्कार किया था, जिसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट से जुड़े वेबिनार में शामिल हुए. इस वेबिनार का विषय था,'प्रौद्योगिकी या तकनीक का उपयोग करके जीवन आसान बनाना'. इस दौरान पीएम मोदी ने तकनीक के जरिए भारत कैसे अगले 25 साल में विकसित राष्ट्र बन सकता है, उसकी रूपरेखा रखने की कोशिश की.
आधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में टेक्नोलॉजी हमें बहुत बड़ी ताकत देती है और इसके इस्तेमाल से इस लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि भारत बड़े स्तर पर आधुनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है. तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है. इसके साथ ही सरकार ये भी सुनिश्चित कर रही है कि डिजिटल क्रांति का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे. पीएम मोदी का मानना है कि तकनीक से हर किसी तक सही और सटीक जानकारी पहुंच रही है और इससे सबको आगे बढ़ने का समान अवसर भी मिल रहा है. प्रधानमंत्री का कहना है कि 21वीं सदी का बदलता हुआ भारत, अपने नागरिकों को तकनीक की ताकत से मजबूत और सक्षम बना रहा है. पिछले कुछ सालों में हर बजट में कोशिश की गई है कि तकनीक के जरिए लोगों के जीवन को सरल और सुगम बनाया जाए. इसके लिए प्रावधान भी किए गए हैं. 2023-24 के बजट में भी टेक्नोलॉजी के साथ ह्यूमन टच का ख़ास ख्याल रखा गया है.
तकनीक से लोगों को मिल रहे हैं नए अवसर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि लोगों के अंदर निहित संभावनाओं और क्षमताओं के समुचित विकास के लिए जरूरी है कि लोगों के जीवन में सरकारी दखल और दबाव कम से कम हो और लोग सरकार को रास्ते की रुकावट नहीं मानें. पिछले 8 साल में सरकार इस दिशा में आगे बढ़ी है और अब लोग सरकार को नए अवसरों के उत्प्रेरक के तौर पर मानते हैं. पीएम मोदी का कहना है कि इसमें तकनीक की बहुत बड़ी भूमिका रही है. प्रधानमंत्री ने कुछ उदाहरण का भी जिक्र किया जिसमें तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. तकनीक की वजह से ही वन नेशन-वन राशन कार्ड मुमकिन हो पाया. तकनीक की वजह से ही जनधन खाते, आधार और मोबाइल के जरिए करोड़ों गरीबों के बैंक खातों में सीधे पैसा भेजना संभव हो पाया है. आरोग्य सेतु और कोविन ऐप के लिए तकनीक एक महत्वपूर्ण साधन बनी, जिससे कोरोना महामारी के दौरान ट्रेसिंग और वैक्सीनेशन में बड़ी मदद मिली. कॉमन सर्विस सेंटर का नेटवर्क भी गरीब से गरीब लोगों तक तकनीक के जरिए सरकारी सेवाओं को आसानी से पहुंचा रहा है.
सरकार से संवाद हुआ है आसान
प्रधानमंत्री का कहना है कि तकनीक से आम लोगों का सरकार के साथ संवाद करना आसान हो गया है. उन्होंने उम्मीद जताई कि देश का हर विभाग अपनी सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए मिलकर तकनीक का उपयोग कर सकते हैं. उन्होंने हितधारकों से अपील की कि हमें उन क्षेत्रों की पहचान करनी चाहिए, जहां सरकार से आम लोगों के संवाद को और आसान बनाया जा सकता है. डिजिटल क्रांति का फायदा समाज के हर वर्ग तक पहुंचाकर ही भारत विकसित राष्ट्र बन सकता है. उदाहरण के तौर पर आज GeM पोर्टल से दूर-दराज के छोटे दुकानदार या रेहड़ी-पटरी वालों को ये मौका मिला है कि वे सरकार को सीधे अपना प्रोडक्ट बेच सकें. उसी तरह से e-NAM ने किसानों को अलग-अलग जगहों के खरीदारों से जुड़ने का अवसर दिया है. इससे किसान एक ही जगह रहते हुए अपनी उपज का सबसे अच्छा मूल्य पा रहे हैं.
5G और AI का हो बेहतर उपयोग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5G और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के महत्व और संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि इन दोनों तकनीक से उद्योग, मेडिसिन, शिक्षा, खेती जैसे क्षेत्रों बड़े बदलाव आने वाले हैं. इसको देखते हुए भारत को कुछ ख़ास लक्ष्य तय करने चाहिए. उन तरीकों को ढूंढ़ना होजा, जिससे इस तकनीक का उपयोग आम लोगों की बेहतरी के लिए किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने संबंधित हितधारकों और नागरिकों से से एआई के जरिए समाधान निकाले जाने वाली 10 समस्याओं की पहचान करने का आह्वान भी किया.
तकनीक की मदद से बनेंगे मैन्युफैक्चरिंग हब
विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को हासिल करने के नजरिए से भारत को दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनना होगा. पीएम मोदी का कहना है कि ये तभी संभव है जब हमारी क्वालिटी में कोई कॉम्प्रमाइज नहीं हो और इसमें तकनीक बहुत मदद कर सकती है. तकनीक की मदद से प्रोडक्शन में बहुत बारीकियों का ख्याल रखा जा सकता है, जिससे ग्लोबल मार्केट के हिसाब उच्च गणवत्ता वाले प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं. ऐसा होने पर ही ग्लोबल मार्केट में भारत का कब्जा हो सकता है.
डिफेंस और हेल्थ सेक्टर में आयात कम करने पर ज़ोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन चुनौतियों का भी जिक्र किया, जिसका तकनीक के इस्तेमाल में ध्यान रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि 21वीं सदी टेक्नोलॉजी ड्रिवन है. भविष्य में सभी के जीवन में तकनीक का प्रभाव बढ़ने ही वाला है. उन्होंने आगाह किया कि हम सिर्फ़ खुद को इंटरनेट और डिजिटल टेक्नोलॉजी तक सीमित नहीं रखे. उन्होंने औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से ऑप्टिकल फाइबर की तर्ज पर टेक्नोलॉजी में अपग्रेडेशन के जरिए डिफेंस और हेल्थ सेक्टर में होने वाले देश के आयात को कम करने की दिशा में तेजी से काम करने अपील की. प्रधानमंत्री मोदी ने माना कि तकनीक के जरिए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में जन भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है.
तकनीक से अर्थव्यवस्था को मिल रही है मदद
2023-24 के बजट में अगले 25 साल को अमृत काल माना गया है और इस अमृत काल के विजन में भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रौद्योगिकी-चालित (technology-driven) अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है. बजट में माना गया है कि दुनिया में भारत का कद कई शानदार उपलब्धियों की वजह से बढ़ा है, उनमें से एक उपलब्धि भारत का विश्वस्तरीय डिजिटिल पब्लिक इंफ्रास्ट्रकचर भी है. तकनीक की वजह से ही भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार ज्यादा औपचारिक होते जा रही है. इसके सबसे बड़ा उदाहरण ये हैं कि 2022 में यूपीआई के जरिए 126 लाख करोड़ रुपये के 7,400 करोड़ डिजिटल भुगतान हुए हैं. सुरक्षित तकनीक की वजह से ही डिजिटल भुगतान को देशभर में व्यापक स्वीकृति मिल रही है, जिसकी वजह से साल 2022 में डिजिटल लेन-देन में 76 प्रतिशत की और मूल्य में 91% का इजाफा हुआ है.
विकसित राष्ट्र की दिशा में तकनीक को बढ़ावा
विकसित राष्ट्र की दिशा में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इस बार के बजट में भी कई प्रावधान और घोषणा की गई हैं. सरकार लगातार नए-नए कदम उठा रही है, जिनपर एक नज़र डालते हैं.
- 5जी सेवा आधारित एप्लीकेशन तैयार करने के लिए इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रयोगशालाओं की स्थापना की जा रही है. इससे अनेक नए अवसरों, बिजनेस मॉडलों और रोजगार की संभावनाओं से जुड़ी जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. इन प्रयोगशालाओं के दायरे में स्मार्ट कक्षाएं, सूक्ष्म-कृषि, इंटेलीजेंट परिवहन प्रणालियां और हैल्थकेयर एप्लीकेशन भी आएंगे.
- खेती के लिए डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है. ये एग्री-टेक उद्योग और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के मकसद से बनाया जा रहा है.
- बच्चों और किशोंरो के लिए अलग-अलग इलाकों, भाषाओं, विषयों और स्तरों में अच्छी गुणवत्तापूर्ण किताबें उपलब्ध कराने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय बनाया जा रहा है.
- देश के युवाओं में स्किल डेवलपमेंट में तेजी आए, इसके लिए एकीकृत स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत की जानी है.
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भारत में बनाने और एआई से देश के लिए काम कराने के विजन को साकार करने के लिए भारत के शीर्ष शैक्षिक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए तीन उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे. सरकार देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कारगर इकोसिस्टम बनाना चाहती है.
- फिनटेक सेवाएं तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए डिजीलॉकर में उपलब्ध दस्तावेजों के दायरे में विस्तार किया जा रहा है.
- एमएसएमई, बड़े व्यवसायों और चेरीटेबल ट्रस्टों के इस्तेमाल के लिए एक निकाय डिजीलॉकर (Digilocker for entities) की व्यवस्था बनाई जा रही है. इससे दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन स्टोर करने और जरूरत के हिसाब से अलग-अलग प्राधिकरणों, विनियामकों, बैंकों और अन्य व्यावसायिक निकायों के साथ साझा करने में मदद मिलेगी.
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