2030 तक 40% नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य, हरित ऊर्जा के विकास में इन 3 क्षेत्रों की होगी अहम भूमिका
भारत में हरित उर्जा व नवीकरणीय उर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. भारत की सभ्यता व संसकृति में प्रकृति पूजा करने वाली रही है. आज पूरी दुनिया क्लाइमेट चेंज व ग्लोब वार्मिंग की समस्या से जूझ रही है.
India's potential in renewable energy : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के क्षेत्र में निवेश करने के लिए दुनिया भर के हितधारकों को आमंत्रित किया है. गुरुवार को वो केंद्रीय बजट (2023-24) में हरित उर्जा क्षेत्र (green Energy) को बढ़ावा देने के लिए की गई घोषणाओं पर एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने वैश्विक हरित ऊर्जा बाजार में भारत को सौर, पवन और बायोगैस में निजी क्षेत्र के लिए निवेश किसी सोने या तेल की खदान से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि यह बजट न केवल एक अवसर है बल्कि यह हमारे भविष्य की सुरक्षा की गारंटी भी है. पीएम मोदी ने कहा कि भारत 2014 से नवीकरणीय उर्जा क्षमता की वृद्धि में सबसे तेजी से आगे बढ़ा है. उन्होंने कहा कि भारत हरित उर्जा के क्षेत्र एक महत्वपूर्ण वैश्विक खिलाड़ी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इसलिए, आज, मैं ऊर्जा जगत के वैश्विक हितधारकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता हूं.
हरित उर्जा के विकास के लिए तीन स्तंभों को किया जिक्र
दरअसल, बजट-2022-23 में की गई पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विचारों और सुझावों के लिए पोस्ट-बजट वेबिनार (Post Budget Webinar) की 12 श्रृंखलाओं का आयोजन किया जाना है. गुरुवार को प्रधानमंत्री इसके पहले सीरीज जिसका थीम ग्रीन ग्रोथ 'Green Growth' संबोधित कर रहे थे. जिसमें उन्होंने हरित उर्जा के विकास के लिए तीन स्तंभों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इसमें हमें सबसे पहले नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन में वृद्धि करना; दूसरा अर्थव्यवस्था में जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना और तेजी से गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ना ये तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं, जिस पर हमें आगे बढ़ना है.
इसके अलावा उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों और योजनाओं का जिक्र किया. जिसमें उन्होंने इथेनॉल ब्लेंडिंग, प्रधानमंत्री कुसुम योजना, सौर उर्जा के निर्माण के लिए इंसेंटिव को बढ़ावा देना और बैटरी स्टोरेज के लिए बजट में किए गए प्रावधानों, उद्योगों के लिए ग्रीन क्रेडिट, किसानों के लिए पीएम प्रणाम योजना, ग्रामीण क्षेत्र के लिए गोवर्धन योजना, शहरों के लिए व्हीकल स्क्रैपेज पॉलिसी, ग्रीन हाइड्रोजन और वेटलैंड संरक्षण के लिए इस बार के बजट में किए गए प्रावधानों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 2014 के बाद से अब तक जितने भी बजट पेश किये गए हैं उसमें हमने न्यू एज रिफॉर्म के अलावा वर्तमान समय की चुनौतियों का समाधान ढूंढने का प्रयास किया है.
समय सीमा से पहले लक्ष्यों को हासिल करने का है ट्रैक रिकॉर्ड
प्रधानमंत्री ने वैश्विक स्तर पर उर्जा सप्लाई चेन को दुरुस्त करने के लिए किये जा रहे विविध प्रयासों के बारे बात करते हुए कहा कि इस बजट ने हरित उर्जा के प्रत्येक निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए एक बहुत बड़ा अवसर दिया है. उन्होंने कहा कि यह नवीकरणीय व हरित उर्जा के क्षेत्र में स्टार्टअप के लिए भी बहुत ही उपयोगी साबित होगा. उन्होंने कहा कि जब नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में लक्ष्य को हासिल करने की बात आती है तो यह भारत के ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि उनसे इस क्षेत्र में निर्धारित समय सीमा से पहले अपने लक्ष्यों को हासिल किया है. इस दौरान प्रधानमंत्री ने बजट में किए गए विभिन्न प्रावधानों को हरी झंडी दिखाई जो स्टार्ट-अप और एमएसएमई सहित अन्य हितधारकों को कचरे से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में क्षमता का दोहन करने में मदद करेंगे.
पीएम ने E20 ईंधन की शुरुआत का जिक्र करते हुए जैव ईंधन पर सरकार के जोर का उल्लेख किया और कहा कि यह निवेशकों के लिए नए अवसर लेकर आया है. उन्होंने देश में कृषि-अपशिष्ट की प्रचुरता को देखते हुए निवेशकों से आग्रह किया कि वे देश के हर कोने में इथेनॉल संयंत्र स्थापित करने के अवसर में नहीं चूकें. नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत 5 एमएमटी ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है. हमने इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र के हितधारकों से निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 19,000 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड आवंटन किया गया है.
भारत ने 2030 तक 550 गिगावाट का सौर उर्जा का रखा है लक्ष्य
भारत में सालों भर सूर्य की उर्जा विद्यमान रहती है जो सौर उर्जा के लिए बहुत जरूरी है. इसके लिए भारत सरकार फ्रांस के साथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन नामक एक संस्था भी बना रखा है. जिसका मुख्यालय दिल्ली के गुरुग्राम में स्थित है. अब तक इसमें 160 से अधिक देशों ने अपनी सदस्यता ले रखी है. भारत सौर उर्जा के क्षेत्र में तेजी से अपने लक्ष्यों को हासिल करने की ओर बढ़ रहा है. वर्ष 2030 तक भारत ने नवीकरणीय उर्जा से 40 प्रतिशत उर्जा पैदा करने का लक्ष्य रखा है. जिसमें 550 मेगावाट के सौर उर्जा का भी उत्पादन किया जाना है.