दुनिया भर में रेलवे यातायात का सबसे अच्छा और आसान साधन है. यात्रा के उद्देश्य के अलावा माल की ढुलाई आदि का कार्य भी रेलवे के माध्यम से की जाती है. रेलवे से आसान, सामान ढुलाई और यात्रा के लिए कोई और साधन नहीं हो सकता. भारत के अलावा कई देशों में रेलवे की व्यवस्था है. भारत में सन 1854 में पहली यात्री ट्रेन हावड़ा स्टेशन से 24 मील की दूरी पर हुगली के लिए चलाई गई थी. उसके बाद 1856 को मद्रास रेलवे कंपनी द्वारा रेलवे का इंजन का कारखाना भी खोला गया. उस समय के बाद से लगातार भारतीय रेलवे ने तरक्की की है. वैश्विक स्तर पर देखा जाए ते सबसे अधिक लंबाई रेलवे की संयुक्त राज अमेरिका की है. उसके बाद चीन और रूस क्रमश: दूसरे और तीसरे नंबर पर है. भारत चौथे नंबर पर पूरे विश्व में रेलवे की ट्रैक के लंबाई के लिए जाना जाता है.


संयुक्त राज्य अमेरिका में 220,044, चीन में 150,000, रूस में 105,000 और भारत में 68,043 किलोमीटर रेलवे ट्रैक है. जिसमें से अभी तक भारत ने कुल 90 प्रतिशत रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है. दुनिया में कई महाशक्तियां है. उनके पास उर्जा के तमाम साधन है. इसके बावजूद रेलवे का विद्युतीकरण का कार्य करने में वो पीछे हैं. भारत ने अपने दूर दराज के क्षेत्र में भी विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया है. भारत में 100 प्रतिशत रेलवे के विद्युतीकरण होने के साथ ग्रीन एनर्जी के साथ यात्रा करने वाला दुनिया का पहला देश हो जाएगा.


रेलवे के विद्युतीकरण के मामले में चीन भी काफी पीछे है. चीन में अभी तक 66 प्रतिशत ही रेलवे का विद्युतीकरण कार्य पूरा कर पाया है. महाशक्ति के रुप में देखे जाने वाला रूस में अब तक मात्र 51 प्रतिशत ही रेलवे का विद्युतीकरण कार्य हुआ है. कई ऐसे देश है जहां है रेलवे विद्युतीकरण का कार्य अभी तक नहीं हो पाया है. रेल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के अनुसार भारतीय रेलवे विद्युतीकरण कार्य में सबसे आगे है. जबकि औसतन पूरे विश्व में देखें तो कुल 47 प्रतिशत ही रेलवे का विद्युतीकरण हो पाया है. 



पाकिस्तान और चीन से आगे है भारत


रेलवे ट्रांसपोर्ट नेटवर्क के अनुसार पूरे विश्व भर में औसतन अभी तक कुल 47 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य हुआ है. यूएसए में 220,044 किलोमीटर में से 1,847 किलोमीटर यानी की एक प्रतिशत , चीन में 150,000 किलोमीटर में से 100,000 किलोमीटर यानी की करीब 66 प्रतिशत, रूस में 105,000 किलोमीटर में से 54,054 किलोमीटर यानी की 51 प्रतिशत और भारत में भारत 68,043 किलोमीटर में से  61,508 किलोमीटर यानी की करीब 90 प्रतिशत के आसपास विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ है. हालांकि सबसे अधिक रेलवे की लंबाई के मामले में अमेरिका सबसे प्रथम स्थान पर है लेकिन विद्युतीकरण का कार्य पूरा करने में भारत प्रथम स्थान पर है.


विश्व के अन्य देशों की ओर देखें तो फ्रांस ने 53 प्रतिशत, जापान ने 75 प्रतिशत, इटली ने 64 प्रतिशत, सउदी अरब में 8 प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य पूरा हुआ है. जबकि भारत को गिदड़ धमकी देने वाला पाकिस्तान में यहां करीब 4 प्रतिशत ही रेलवे विद्युतीकरण हो सका है. न्यूजीलैंड ने 12 प्रतिशत का कार्य किया है. एक आंकड़े के मुताबिक पूरी दुनिया में 1,374,001 किलोमीटर रेलवे की लाइन बिछी हुई है. एक आंकड़े के मुताबिक हर साल दुनिया भर में लगभग 10,000 बिलियन से अधिक किलोमीटर की यात्रा की जाती है. इनमें से लगभग एक चौथाई की यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका में , एक चौथाई की चीन में और एक तिहाई की भारत में यात्रा की जाती है.


रेलवे में हुआ है अभूतपूर्व विकास 


भारतीय रेलवे में यकीनन अभूतपूर्व विकास हुआ है. पिछली सरकारों ने भी रेलवे को विकास को पटरी पर लाने के लिए काफी प्रयास किया. पिछले दस सालों में भी रेलवे में काफी विकासात्मक कार्य हुए है. पिछले दस सालों में कई छोटे स्टेशनों को बड़े स्टेशन में तब्दील किया गया. अब कई स्टेशनों से नए ट्रेन भी चलाए जा रहा हैं ताकि यात्रियों को परेशानी ना हो. अब भारत के कई रेलवे स्टेशनों से वंदे भारत ट्रेन खुलती है. वंदे भारत ट्रेन के चलने से जहां एक ओर यात्रा सुगम हुई है,तो दूसरी ओर तय समय से कम वक्त में यात्रा हो रही है.


इसके अलावा, भारत में बड़ी लाइन ट्रेल के अलावा छोटी लाइन की मेट्रो भी चलती है. जिससे छोटी यात्राएं की जाती है. आगामी कुछ सालों में बुलेट ट्रेन आने की भी उम्मीद है. मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहले फेज में कार्य होने है. अब स्टेशनों के अलावा ट्रेनों के कायाकल्प हो चुके हैं. इसके कारण रेलवे विभाग में राजस्व की भी बढ़ोतरी हो रही है वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2.23 लाख करोड़ रूपये का राजस्व आया था. जबकि वित्तीय वर्ष  2.40 लाख करोड़ रूपये का राजस्व आया है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय भारतीय रेलवे स्वर्णिम काल रहने वाला है.