पांच साल तक भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर न लें तनाव, लगातार बढ़ोतरी के हैं संकेत
भारत में बढ़ते मध्यम वर्ग और घटती गरीबी आर्थिक चक्र की महत्वपूर्ण नींव है, लोग गरीबी से निकल रहे है और मध्यम वर्ग की ओर बढ़ रहे है. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 6.7 फीसदी की दर से इकोनॉमी बढ़ेगी
भारत की अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हाल ही में भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि आने वाले सालों में भारत के ऊपर किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है. भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी कहना है कि वित्त वर्ष 2027 - 28 तक भारत 5 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वहीं, 2047 में भारत अपनी 100 साल की आजादी पूरी करने के साथ - साथ 30 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ विकसित राष्ट्र होगा. अभी अगले पांच वर्षों तक कम से कम कोई ढलान भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नहीं दिख रही है.
भारत का सूरज अभी चमक रहा
साल 2023 में भारत ने ढेरों मकाम हासिल किए है, फिर चाहे घरेलू मोरचे पर हो, या फिर विदेशी पिच पर हो. वो जी20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हो या मिशन चंद्रयान. भारत 2023 में खूब चमका है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म जेफरीज के रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले सालों में भारत की अर्थव्यवस्था में 6 से 7 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है. यदि ऐसा होता है तो भारत सबसे तेजी से विकास करेगा और अपनी अर्थव्यवस्था को दुनिया के मुकाबले तेजी से विकास कर सकेगा. ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अर्थव्यवस्था को पूंजीगज व्यय यानी कैपेक्स से मदद मिल रही है. उसका कहना है कि मल्टी इयर कैपेक्स का ऊपरी विकास ही भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए हुए है. केंद्र सरकार का खर्च कुछ कम भी होता है, तो उससे फर्क नहीं पड़ेगा. रिपोर्ट के मुताबिक, अगले दो सालों में वित्तीय संग्रहण के चलते कैपेक्स में कमी आने की संभावना है. आने वाले बजट में कैपेक्स कम होने से भी उसके बृहत्तर चक्र पर खास असर देखने को नहीं मिलेगा, इसकी भरपाई प्राइवेट कैपेक्स से हो जाएगी.
भारत के शेयर बाजार में भी बढ़ोतरी
हाल ही में भारत ने एक और बड़ी छलांग लगाई है. भारत शेयर बाजार की दुनिया में हांगकांग को पीछे छोड़ते हुए चौथा सबसे बडा इक्विटी बन गया है. ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाए गए आंकड़ो के मुताबिक, भारतीय एक्सचेंजों पर लिस्टेड शेयरों का कुल वेल्यू 4.33 ट्रिलियन डॉलर रहा, वहीं हांगकांग के शेयर का कुल वैल्यू 4.29 ट्रिलियन डॉलर रहा. वैश्विक मंदी के दौर में अमेरिका और चीन संघर्ष करते हुए नजर आए तो वहीं भारत सभी चनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ा. भारत दुनिया भर में निवेशकों की पहली पसंद है. आजादी के 75 साल पूरे होने के साथ ही भारत द्वारा अमृत-काल अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के तहत 2047 तक विकासशील देश से विकसित देश बनने की ओर जोर दिया जा रहा है. मौजूदा सरकार द्वारा भरोसा दिलाया गया है कि भारत सबसे तेजी से आगे बढ़ते हुए सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंचेगा. भारत के आर्थिक स्थिति की बात की जाए तो, भारत में बढ़ते मध्यम वर्ग और घटती गरीबी आर्थिक चक्र की महत्वपूर्ण नींव है, लोग गरीबी से निकल रहे है और मध्यम वर्ग की ओर बढ़ रहे है. यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक 6.7 फीसदी की दर से इकोनॉमी बढ़ेगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर होगा मजबूत
भारत इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी खूब तरक्की कर रहा है. इस साल भारत रेलवे सेक्टर की तरफ विशेष ध्यान देने वाला है. नई वंदे भारत ट्रेन बनाने से लेकर रेलवे स्टोशन के पुनर्विकास और साथ ही नई पटरियां विछाने से विकास को तेज रफ्तार दी जायेगी. मौजूदा सरकार द्वारा एक राज्य को दूसरे राज्य को जोड़ने के लिए वंदे भारत पर पहले से ही काम किया जा रहा है. इसके साथ ही रेल यात्रियों के लिए भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे है. रेल मंत्रालय द्वारा स्टेशनों के रेनोवेशन के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना की भी शुरुआत की गई है. भारत में स्थिर सरकार और बढ़ती अर्थव्यवस्था की वजह से विदेशी निवेशकों का भरोसा भारत के प्रति बढ़ रहा है. साल 2023 में भारतीय बाजार में 1.63 लाख करोड़ का निवेश आया था. इसके साथ ही भारतीय शेयर बाजार में दिसंबर महीने में 57 हजार करोड़ से अधिक निवेश किया गया था. भारतीय अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही वृद्धि के वजह से ही विदेशी निवेशकों ने भारत के प्रति अपना भरोसा दिखाया है. इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) भी बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.