देश में बढ़ रहा है पर्यटन का दायरा, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में होगी बड़ी भूमिका
कोरोनो महामारी की वजह से 2020 और 2021 में पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान हुआ था. लेकिन 2022 में इस क्षेत्र में एक बार फिर से तेज़ी देखी गई. विदेशी पर्यटकों के आंकड़ों में भी काफी इजाफा हुआ है.
वैश्विक मानचित्र में भारत के पर्यटन का दायरा लगातार बढ़ रहा है. देश में देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए व्यापक आकर्षण मौजूद है. कोरोना महामारी के दौरान दो साल में जिस उद्योग पर सबसे ज्यादा असर पड़ा था, पर्यटन उनसे सबसे प्रमुख था. कोविड-19 महामारी के दौरान विशेष रूप से पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. लेकिन अब भारत में एक बार फिर से पर्यटन उद्योग तेजी से फलने-फूलने लगा है.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक महामारी के बाद भारत में विदेशी पर्यटकों का आगमन चार गुना बढ़ गया है. दो साल की सुस्ती के बाद 2022 में करीब 62 लाख विदेशी पर्यटकों ने भारत की यात्रा की. यह भारत आए पर्यटकों की संख्या में चार गुना वृद्धि है.
'विजिट इंडिया ईयर 2023'
विदेशी पर्यटकों के आगमन में इस तरह का इजाफा ये बताने के लिए काफी है कि पर्यटन क्षेत्र एक बार फिर से रफ्तार पकड़ने लगा है. केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने ये जानकारी गुजरात में कच्छ के रण स्थित टेंट सिटी में आयोजित पर्यटन कार्यकारी समूह की पहली बैठक में दी. इस बैठक का आयोजन भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत किया गया था. पर्यटन मंत्रालय इस साल को भारत की यात्रा पर फोकस करते हुए 'विजिट इंडिया ईयर 2023' के रूप में मना रहा है.
राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन
केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशों का ही नतीजा है कि पर्यटन उद्योग को धीरे-धीरे कोविड-19 के झटके से महामारी-पूर्व स्तर तक आने में मदद मिली है. पर्यटन उद्योग को तकनीक का फायदा मिले, इसके लिए भी केंद्र सरकार लगातार कोशिश कर रही है. पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी है कि पर्यटन क्षेत्र का 'डिजिटलाइजेशन' किया जाएगा और इसके लिए राष्ट्रीय डिजिटल पर्यटन मिशन चलाने की योजना बनाई जा रही है. इसका मकसद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तर्ज पर पर्यटन इको-सिस्टम में हितधारकों को डिजिटल रूप से जोड़ना है.
नयी पर्यटन नीति 2023 का मसौदा
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने एक नयी पर्यटन नीति 2023 का मसौदा तैयार किया है. इससे भारत में पर्यटन क्षेत्र को नया रूप मिलने की उम्मीद है. इस मसौदे में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इसे उद्योग का दर्जा देने का जिक्र किया गया है. साथ ही होटलों को औपचारिक तौर से बुनियादी ढांचे में शामिल किया गया है. नीति के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था में पर्यटन के योगदान को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. हाल ही में सरकार ने जानकारी दी थी कि संबंधित हितधारकों और दूसरे मंत्रालयों से इस मसौदे पर फीडबैक मिलने के बाद इसे संशोधित किया गया है. सभी पक्षों से जरूरी अनुमति मिलने के बाद इस नीति को अमल में लाया जाएगा.
जी 20 की अध्यक्षता से मिलेगा फायदा
भारत एक दिसंबर 2022 से अगले एक साल के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर आर्थिक मंच जी 20 के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी निभा रहा है. इससे 2023 में भारत के पर्यटन उद्योग को भी काफी लाभ पहुंचने वाला है. अध्यक्षता अवधि के दौरान 30 नवम्बर 2023 तक भारत के 55 स्थानों पर 200 से ज्यादा बैठकें होनी हैं. इनमें से 4 बैठकें पर्यटन मंत्रालय आयोजित कर रहा है. ये पर्यटन क्षेत्र के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है.
अप्रैल में वैश्विक पर्यटन निवेशक सम्मेलन
10 से 12 अप्रैल के बीच नई दिल्ली में देश का पहला 'ग्लोबल टूरिज्म इन्वेस्टर्स समिट' होने वाला है. पर्यटन मंत्रालय इसका आयोजन कर रहा है. इसमें सभी जी 20 सदस्य देशों से लोग हिस्सा लेने आएंगे. इस सम्मेलन का मकसद वैश्विक और घरेलू निवेशकों को भारत के पर्टयन उद्योग में निवेश के आकर्षित करना है. सीआईआई इस आयोजन का उद्योग भागीदार है. मंत्रालय पर्यटन उद्योग को एक मंच मुहैया करने और क्रेताओं-विक्रेताओं के बीच बातचीत को बढ़ावा देने और ज्ञान साझा करने के लिए पर्यटन प्रदर्शनी भी आयोजित करने जा रहा है.
विदेशी नागरिकों को यूपीआई से भुगतान की सुविधा
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने भी एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे विदेशी नागरिकों को अब भारत आने पर पैसों के लेन-देन में सहूलियत होगी. जी20 देशों से भारत आने वाले यात्री यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिये भुगतान कर सकेंगे. इस सुविधा की शुरुआत देश के चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर आने वाले जी-20 देशों के यात्रियों से होगी. बाद में यूपीआई के जरिये भुगतान सुविधा का लाभ भारत आने वाले सभी देशों के नागरिकों को मिलेगा. इस कदम से भी भारत के पर्यटन उद्योग को फायदा मिलेगा. जी-20 दुनिया के विकसित और विकासशील देशों का मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. यूपीआई से भुगतान सुविधा मिलने से इन देशों के नागरिकों के लिए अब भारत में घूमना-फिरना और ज्यादा आसान हो जाएगा.
बजट में रखा गया है ख़ास ख्याल
केंद्रीय बजट 2023-24 में पर्यटन उद्योग का ख़ास ख्याल रखा गया है. आजादी के 100 साल होने के मौके पर विकसित भारत के सपने को धरातल पर उतारने के नजरिए से पर्यटन को 4 परिवर्तनकारी अवसरों में से एक माना गया है. बजट में कहा गया है कि मिशन मोड में सरकार पर्यटन को बढ़ावा देगी. इसके लिए राज्यों की सक्रिय भागीदारी और सार्वजनिक-निजी भादीदारी को बढ़ाने पर ज़ोर होगा. भारत सरकार का मानना है कि पर्यटन उद्योग में युवाओं के लिए नौकरियों और उद्यमिता के बड़े अवसर हैं. इस बार के बजट में पर्यटन मंत्रालय को 2400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसमें से 1742 करोड़ रुपये पर्यटन के बुनियादी ढांचे के विकास पर खर्च किया जाएगा और 242 करोड़ रुपये प्रचार और ब्रैंडिंग पर खर्च होंगे. स्वेदश दर्शन स्कीम के लिए 1412 करोड़ रुपये रखा गया है. इस बार के बजट में 50 गंतव्यों को एक सम्पूर्ण पर्यटन पैकेज के रूप में विकसित करने का भी एलान किया गया है. ये घरेलू और विदेशी पर्यटकों के लिए एक संपूर्ण पैकेज होगा. इन जगहों को स्वेदश दर्शन स्कीम के तहत विकसित किया जाएगा. पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए इस बार के बजट में एक ऐप की भी घोषणा की गई है. इस ऐप से पर्यटकों के अनुभव को बढ़ाने के लिए भौतिक कनेक्टिविटी, वर्चुअल कनेक्टिविटी, टूरिस्ट गाइड, फूड स्ट्रीट और पर्यटकों की सुरक्षा जैसे पहलुओं की जानकारी मिलेगी.
2030 तक पर्यटन में 14 करोड़ नौकरियां
भारत सरकार ने 2030 तक पर्यटन उद्योग के जरिए 56 बिलियन डॉलर विदेशी मुद्रा अर्जित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके साथ पर्यटन में अगले 7 साल में करीब 14 करोड़ नौकरियां सृजित करने का भी लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र सरकार ख़ास तौर से क्रूज पर्यटन, पारितंत्र पर्यटन और साहसिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित कर रही है. सरकार अब स्वदेश दर्शन 2.0 नाम की योजना शुरू कर रही है, जिसके तहत पर्यटन गंतव्यों का सतत विकास सुनिश्चित किया जाएगा.
भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं
भारत में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. बर्फ से ढंके पहाड़ से लेकर महासागर में फैले द्वीप, पर्यटन क्षेत्र को विविधताओं से भर देते हैं. 32,87,263 वर्ग किमी में फैले भारत में समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत मौजूद है. देश में 40 यूनेस्को धरोहर स्थल हैं और हम भारतीय हर साल हजार से ज्यादा त्योहार मनाते हैं. वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) के मुताबिक 2019 में ट्रैवल और टूरिज्म का जीडीपी में योगदान के संदर्भ में भारत का दुनिया के 185 देशों में 10वां रैंक था. 2019 के दौरान भारत की जीडीपी में यात्रा और पर्यटन क्षेत्र का योगदान कुल अर्थव्यवस्था का 5.19 प्रतिशत था. 2019 में, भारत का पर्यटन क्षेत्र 79.86 मिलियन रोजगारों (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार) के लिए उत्तरदायी रहा. भारत के कुल रोज़गार में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 8.78% है. 2027 तक भारत का पर्यटन बाजार 125 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है. 2020 में ये आंकड़ा 75 अरब डॉलर था. पिछले साढ़े आठ सालों में भारत ने 7,000 करोड़ रुपये पर्यटन के बुनियादी ढांचे के निर्माण पर खर्च किए हैं. देश के विकास में तेजी लाने की संभावना रखने वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों के रूप में चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन (हेल्थ टूरिज्म) को मान्यता दिया गया है. पर्यटन मंत्रालय ने भारत को चिकित्सा और स्वास्थ्य पर्यटन गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम भी उठाए हैं. इसके लिए मंत्रालय ने राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है.
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