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देश में सृजित होंगे रोजगार के बड़े मौके, 36% कंपनियां देगी अप्रैल से जून माह के बीच काम

'मैनपावरग्रुप टेस्ट जॉब्स आउटलुक सर्वेक्षण' में बताया गया कि देश की करीब 36 फीसदी घरेलू कंपनियां अप्रैल-जून में कर्मचारियों को भर्ती करेंगी, उम्मीद है. मैनपावरग्रुप ने 42 देशों की कंपनियों से बात की.

अगर आप बेरोजगार हैं और जॉब की तलाश में भटक रहे हैं तो ये खबर आपके लिए खास होने वाली है. देश की 36 प्रतिशत कंपनियां अप्रैल से जून माह के बीच में नौकरियां देने वाली है. इसके लिए कंपनियां भी तैयारी जोरों पर कर रही है. अप्रैल-जून 2024 में नौकरी देने के मामले में भारत दुनिया के देशों में सबसे आगे रहने की उम्मीद लगाई गई है. इस दैरान करीब 36 फीसदी घरेलू कंपनियां तीन महीनों में नौकरियां देंगी. इसके अलावा पुराने स्टॉफ की तनख्वाह में कंपनियां इजाफा भी कर सकती हैं. भारत देश की कई नामी कंपनियां अपना स्टाफ बढ़ाने की योजना में है. वहां पर बहुत से युवाओं को जॉब मिल सकता है. मैनपावरग्रुप टेस्ट जॉब्स आउटलुक सर्वेक्षण में बताया गया है कि देश की करीब 36 फीसदी घरेलू कंपनियां अप्रैल-जून में कर्मचारियों को भर्ती करेंगी, ऐसी उम्मीद है. मैनपावरग्रुप ने 42 देशों की कंपनियों के साथ बातचीत कर के ये सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी की है. अगर ऐसा होता है तो बहुत से लोग बेरोजगारी की श्रेणी से हटकर रोजगार की श्रेणी में आ जाएंगे.

भारत सबसे मजबूत स्थिति में  

मैनपावरग्रुप टेस्ट जॉब्स आउटलुक सर्वेक्षण के मुताबिक पूरे विश्व में सबसे अधिक वैकेंसी भारत में होगी. कुल 42 देशों में से अप्रैल से जून माह तक नौकरी देने के मामले में भारत पहले नंबर पर होगा. क्योंकि भारत में कुल 36 प्रतिशत कंपनियां जॉब देने वाली है. ये कंपनियां विभिन्न सेक्टर की होंगी. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 36 प्रतिशत, अमेरिका में 34%, चीन में 32% , कोस्टारिका में 32%, नीदरलैंड में 32%, साउथ अफ्रीका में 29%, स्विट्जरलैंड में 29% ,मैक्सिको में 27%, यूके में 23 प्रतिशत, कनाडा में 22%, ऑस्ट्रेलिया में 19%, ब्राजील में 18%, नार्वे में 16% , स्पेन में 14% , स्वीडन में 14%, जापान में 11% , इटली में 9% कंपनियां कर्मियों की नियुक्ति करेंगी.

आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक इजरायल में एक प्रतिशत  और रोमानिया में 2% कंपनियों अपने कर्मचारी हटाएंगी. 42 देशों के सर्वे के बाद जारी इन आंकड़ों के मुताबिक सबसे अधिक वैकेंसी भारत की कंपनियों के द्वारा भरी जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक पूरे ग्लोबल स्तर पर 22% कपंनियों के द्वारा नौकरी देने की बात आई है, जबकि उसमें सबसे अधिक भारत में 36% वैकेंसी होने की उम्मीद बताई जा रही है. रोमानिया सबसे कमजोर बताया गया हैं क्योंकि वह अपने कर्मचारियों को हटाएगा. 

ग्लोबल स्तर पर 2 प्रतिशत कम नौकरियां 

मैनपावर ग्रुप की रिपोर्ट के मुताबिक ग्लोबल स्तर पर 2023 से 2% नौकरियां इस बार कम हुई है. 2023 में अप्रैल से जून माह के बीच ये आंकड़ा 24 प्रतिशत था, लेकिन इस बार मात्र 22 प्रतिशत रहा है. वहीं दूसरी ओर भारत में 6% कंपनियां अधिक नौकरियां देने की उम्मीद में है. यानी कि इस बार भारत की कंपनियों ने नौकरी में इजाफा किया हुआ है. भारत में 6% अमेरिका में 4% चीन में तीन प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका में तीन प्रतिशत तो इंग्लैंड में एक प्रतिशत की बढ़ोतरी काम के मोर्चे पर हुई है, अगर पिछले साल की तुलना में देखा जाए. नौकरियों के ना होने से भारत के अलावा ग्लोबल स्तर पर बेरोजगारी का दंश सभी देश झेल रहे हैं. आज के समय में नौकरी पाना काफी मुश्किल हो गया है.

अलग-अलग क्षेत्र में नौकरियां

मैनपावर ग्रुप के रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक नियुक्तियां सूचना एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में यानी 34% होगी. वित्तीय और रीयल इस्टेट के क्षेत्र में 29% , स्वास्थ्य और लाइफ साइंस में 26% ,उद्योग और सामग्री में 21%,  उपभोक्ता सामग्री व सेवा में 18%, एनर्जी एंड यूटिलिटीज में 18% , संचार सेवाओं में 16%,  यातायात में 16% और अन्य क्षेत्रों में 15% वैकेंसी होने के पूरे विश्व में आसार हैं. इसके अलावा अन्य क्षेत्रों में भी नौकरी के मौके मिलने के आसार हैं. दरअसल, मार्च के बाद सभी कंपनियां अपने स्टॉफ को अप्रैल में अप्रैजल देते हैं. अगर अप्रैजल नहीं मिलता तो वो अपनी नौकरी स्विच करते हैं. ऐसे में जिनको ज्यादा अप्रैजल नहीं मिलता, उनमें से कुछ लोग नौकरियां भी छोड़ देते हैं. और उनकी जगह पर नये लोगों को भी कपंनियां मौका देती है.

चीन और अमेरिका को भारत ने छोड़ा पीछे 

आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक वैकेंसी के मामले में भारत ने चीन और अमेरिका को भी पीछे छोड़ दिया है. अप्रैल से लेकर जून के महीने में भारत की कंपनियां 36 प्रतिशत नियुक्तियां लेंगी, जबकि चीन 32% और अमेरिका 34% वैकेंसी बनाएगा. यानी कि नौकरी देने के मामले में भी भारत चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ देगा. इसका एक असर ये भी देखा जा सकता है कि देश में बहुत सारे स्टार्टअप शुरू हुए हैं. उसमें कई कंपनियों के लोगों को नौकरी मिलने वाली है. ऐसे में ये उम्मीद लगाई जा सकती है कि नये लोगों को नौकरी नये स्टार्टअप के कंपनियों में भी दी जा सकती है. नये स्टार्टअप और इंडस्ट्रीज कपंनियों के इनवेस्टमेंट से एक नई क्रांति आई है. उसके वजह से ही भारत एक बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. कंपनियों के इनवेस्टमेंट से रोजगार के अवसर बढ़ने के भी आसार हैं.   

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