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पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत बन रहा है वैश्विक पटल का 'बड़ा खिलाड़ी', जापान में दिखी ताकत, बाइडेन भी हुए मुरीद

पीएम मोदी ने जी 7 सम्मेलन में कहा कि यथास्थिति बदलने के एकतरफा प्रयासों के खिलाफ आवाज उठानी होगी. सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और एक-दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.

PM Modi Japan Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल विदेश दौरे पर हैं. उन्होंने जापान में जी7 देशों की बैठक में हिस्सा लिया. जापान यात्रा के बाद 21 मई को वे पापुआ न्यू गिनी की यात्रा के लिए रवाना हो गए. वहां से पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया भी जाएंगा.

सिडनी में पहले क्वाड समूह की बैठक होनी थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के मना कर देने के बाद क्वाड समूह के शीर्ष नेताओं की बैठक हिरोशिमा में जी7 की पृष्ठभूमि में ही हो गई. हालांकि, पीएम मोदी इसके बाद भी ऑस्ट्रेलिया की अपनी यात्रा पहले की तरह ही जारी रखेंगे. हिरोशिमा में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात और बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य खूब प्रसिद्ध और लोकप्रिय हो रहा है. 

चर्चा में है प्रधानमंत्री का युद्ध संबंधी वक्तव्य

जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए 19 मई को हिरोशिमा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण फिर से चर्चा में है. इससे पहले पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री मोदी का वक्तव्य वैश्विक स्तर पर चर्चा में आया था, जब उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को कहा था कि यह 'युद्ध का युग नहीं है.' तब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ पीएम मोदी ने अपनी टेलीफोनिक बातचीत में रूस के राष्ट्रपति को कूटनीतिक रूप से हिंसा की समाप्ति की सलाह दी थी. मोदी ने सभी पक्षों को वार्ता की मेज पर लौटने की सलाह भी दी. उन्होंने यह भी कहा था कि दिल्ली फिलहाल यथार्थवादी दुनिया की जटिलताओं और क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर अपनी विशिष्ट सोच पर कायम रहेगी. 

यूक्रेन युद्ध मानवता से जुड़ा मुद्दा है

20 मई को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से बातचीत में पीएम मोदी ने युद्ध को मानवता की समस्या बताया और उनका यह बयान खासा चर्चित हो रहा है. उन्होंने युद्ध के बारे में भारत की स्थिति को साफ करते हुए कहा, 'यूक्रेन में युद्ध दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता है और इसने पूरे विश्व को प्रभावित किया है, लेकिन मैं इसे राजनीतिक या आर्थिक मुद्दा नहीं मानता, यह मेरे लिए मानवता, मानवीय मूल्यों का मुद्दा है.'

प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेनी नेता के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि भारत उनकी पीड़ा और तकलीफ को समझ सकता है, क्योंकि भारत भी इस अनुभव से गुजर चुका है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह युद्ध का दर्द क्या होता है, बेहतर जानते हैं. पिछले साल जब भारतीय बच्चे यूक्रेन से आए और वहां अपने अनुभव साझा किए, तो उनको यूक्रेन के लोगों के दर्द के बारे में पता चला. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस वक्तव्य की वैश्विक पटल पर काफी प्रशंसा हो रही है.  

भारत की कूटनीति फिलहाल बेहद असरदार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान में हैं. वह अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर पूर्वी एशियाई देश का दौरा कर रहे हैं. जापान इस शक्तिशाली समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, जबकि भारत अभी जी20 की अध्यक्षता कर रहा है और पूरे भारत में इससे जुड़ी बैठकें आयोजित की जा रही हैं.

पीएम मोदी 19 मई से 21 मई तक G7 शिखर सम्मेलन के लिए हिरोशिमा में हैं. वहां भारत के वैश्विक राजनीति में बढ़ते कद का भी अंदाजा लगाया जा सकता है, क्योंकि हिरोशिमा में जी7 बैठक से इतर ही क्वाड शिखर सम्मेलन का भी आयोजन किया गया. पहले क्वॉड शिखर बैठक का आयोजन 24 मई को आस्ट्रेलिया में किया जाना निर्धारित था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश में उत्पन्न गंभीर आर्थिक संकट पर ध्यान केंद्रित करने के मकसद से अपनी ऑस्ट्रेलिया यात्रा स्थगित कर दी थी.

इस वजह से सिडनी में प्रस्तावित क्वॉड देशों के नेताओं की बैठक रद्द कर दी गई थी. बाद में, जी7 बैठक की पृष्ठभूमि में ही क्वाड की भी बैठक हुई और प्रधानमंत्री मोदी ने वहां भी प्रभावशाली वक्तव्य दिया. उन्होंने हिन्द प्रशांत क्षेत्र को वैश्विक कारोबार, नवाचार और विकास का ‘इंजन’ करार दिया. बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस ने हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने कहा, ‘क्वॉड हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है.’ उन्होंने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सफलता और सुरक्षा पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है. मोदी ने कहा कि सभी देश रचनात्मक एजेंडे और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के आधार पर आगे बढ़ रहे हैं.

वैश्विक नेताओं के बीच लोकप्रिय मोदी, भारत की बढ़ती साख

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा से भी जी7 शिखर सम्मेलन से अलग द्विपक्षीय बातचीत की और दोनों नेताओं ने ग्रीन हाइड्रोजन, उच्च प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया. दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विकास और  हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत होते सहयोग पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा, ‘दोनों नेताओं ने जी20 और जी7 की अपनी-अपनी अध्यक्षता के तहत किए गए प्रयासों को समन्वित करने के तरीकों पर चर्चा की.

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ग्लोबल साउथ’ की चिंताओं और प्राथमिकताओं पर जोर देने की आवश्यकता का उल्लेख किया. उन्होंने समकालीन क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर विचार साझा किए और हिंद-प्रशांत में सहयोग गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की. साथ ही, दोनों नेताओं ने विशेष द्विपक्षीय सामरिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर सहमति भी जताई.’

इस यात्रा के दौरान भारत के साथ ही भारतीय नेतृत्व की लोकप्रियता भी परवान पर है. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज दोनों ने अपनी अजीबोगरीब चुनौतियों के बारे में पीएम मोदी से शिकायत की. हल्के-फुल्के क्षणों में राष्ट्रपति बाइडेन ने पीएम मोदी से यह भी कहा कि उनको मोदी का ऑटोग्राफ लेकर रखना चाहिए. अगले महीने मोदी वाशिंगटन की यात्रा पर हैं और उसी संदर्भ में बाइडेन ने कहा कि उनके कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए प्रतिष्ठित नागरिकों से बड़ी संख्या में अनुरोध मिल रहे हैं, जिस वजह से उन्हें एक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज ने भी इसी तरह की बात कही जहां पीएम 23 मई को एक बैठक में हिस्सा लेंगे. 

जेलेंस्की को दी गई सलाह हो या बाइडेन के साथ हल्के-फुल्के पल. भारतीय विदेश नीति अब फ्रंटफुट पर खेल रही है. भारत इस बार जी20 और एससीओ दोनों ही समूहों की अध्यक्षता कर रहा है. चीन की विस्सेतारवादी नीतियों से दुनिया के कई देश दिक्कत में हैं और इंडो-पैसिफिक रीजन में भारत को एक बड़ी ताकत के तौर पर आंका जा रहा है. भारत भी इसका पूरा फायदा उठाकर जी7 हो या क्वाड, अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने की मांग भी कर रहा है और अपनी विदेश नीति की वकालत भी. भारत का वैश्विक रंगमंच पर बड़े खिलाड़ी के तौर पर आगमन हो चुका है. 

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