दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था, चंद्रयान की सफलता और IMF का अनुमान... दुनिया में भारत के बढ़ते दबदबे के ये हैं 5 बड़े संकेत
केंद्रीय मंत्री ने देश में तेजी के साथ बढ़ते निवेश और मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि भारत एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है, जो एप्पल-फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार भारत का दबदबा बढ़ता जा रहा है. विश्व बैंक और आईएमएफ के अनुमान से लेकर बढ़ते जीडीपी इस बात के प्रमाण हैं. भारत अभी दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसका लक्ष्य साल 2027 तक तीसरी बड़ी इकोनॉमी बनने का लक्ष्य रखा है. ब्रोकरेज फर्म मार्गन स्टेनली ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि 2027 तक सांकेतिक जीडीपी पांच लाख करोड़ डालर तक पहुंच जाएगी और इस तरह भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा.
इन सबके बीच, अगले कुछ महीनों में लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है और केन्द्र सरकार अपनी इन उपलब्धियों को लगातार लोगों के बीच गिना रही है. केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मंगलवार को कहा कि पीएम मोदी के नेृत्व में भारत का कद वैश्विक स्तर पर बढ़ा है. इसके साथ ही, दुनिया नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के नेतृत्व को पहचानने लगी है.
हाल में चंद्रयान मिशन में भारत की मिली कामयाबी को बड़ी सफलता बताते हुए भूपेन्द्र यादव ने कहा- ‘‘भारत सिर्फ 615 करोड़ रुपये खर्च कर चंद्रमा पर सफलतापूर्वक पहुंच गया. चंद्रयान-3 के साथ भारत की अंतरिक्ष यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण बातों में से एक आत्मनिर्भरता का महत्व है जबकि इसके शुरुआती मिशन अंतरराष्ट्रीय साझेदारी पर निर्भर थे, चंद्रयान 3 आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम था.’’
कामयाबी से आगे बढ़ता भारत
अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में देश की तरक्की से लेकर कोरोना के दौरान देशभर में मोदी सरकार की तरफ से लगाए गए वैक्सीनेशन कार्यक्रम का जिक्र करते हुए केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक (World Bank) और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने चीन-अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत के उल्लेखनीय आर्थिक सुधार को स्वीकार किया है.
उन्होंने कहा, ‘‘जब कोविड महामारी आयी उस वक्त दुनिया ने सोचा था कि भारत धराशायी हो जाएगा. लेकिन, कोविड के प्रति इसकी प्रतिक्रिया दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गई. इस आपदा की स्थिति में भारत ने न सिर्फ सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाया, बल्कि दुनिया का सबसे तेज ऐसा अभियान भी चलाया. और क्या है? टीके भारत में बनाए गए. देश के कोविड वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम ने 100 से अधिक देशों की सहायता की.’’
ब्रिटेन को पीछे छोड़ 5 बड़ी अर्थव्यवस्था
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि साल 2022 में भारत ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया और वो दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. उन्होंने कहा कि वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की GDP दर 6.3% रहने का अनुमान जताया है. इसके साथ ही, भारत की वृद्धि दर अमेरिका (2.1%) और चीन (4.4%) जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से आगे है. भूपेन्द्र यादव ने अनुमान जताया कि भारत 2025 में GDP के मामले में जर्मनी और 2027 में जापान को पीछे छोड़कर अमेरिका-चीन के बाद तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
केंद्रीय मंत्री ने देश में तेजी के साथ बढ़ते निवेश और मेक इन इंडिया का हवाला देते हुए कहा कि भारत एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभरा है, जो एप्पल-फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक पहचान और कद हासिल किया है.’’ केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि ‘एलीफेंट व्हिस्परर्स’ जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित डॉक्यूमेंट्री भारत की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करती हैं.
भूपेन्द्र यादव ने आगे कहा कि पीएम मोदी को दुबई जलवायु सम्मेलन में उद्घाटन भाषण देने के लिए संयुक्त अरब अमीरात की तरफ से आमंत्रित किया गया. भारत की स्टार्ट-अप संस्कृति फल-फूल रही है, जिसमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और रोजगार में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है.
उन्होंने कहा कि भारत यूनिकॉर्न के मामले में आज दुनिया में तीसरे स्थान पर है. भारत ने ही दुनिया के सामने ‘लीड-इट’ जैसी जलवायु कार्रवाई पहल को प्रस्तुत किया. केन्द्रीय मंत्री ने आगे कहा कि भारत ने आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन की शुरुआत की और भूमि क्षरण का मुकाबला करने के लिए ग्रीन क्रेडिट पहल शुरू की. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान लक्ष्यों को, निर्धारित समय से पहले पूरा करना तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. इसके साथ ही, उन्होंने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के प्रभाव और उपस्थिति में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो इसकी बढ़ती विकास गाथा पर जोर देती है.’’