अगर आपको एक सफल व्यक्ति बनना है, तो सबसे पहले एक कुशल व्यक्ति बनना होगा. कुशल यानी की स्किल्ड, यानी कि किसी भी विषय का एक अच्छा ज्ञान. आज कल सफलता की राह देश के युवा कुशलता से सीख रहे हैं. दरअसल कुशलता के लिए सरकार की ओर से भी कई कार्यक्रम चलाए गए, जिसमें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, नई शिक्षा नीति, कुशल युला कार्यक्रम, शोध एवं नवाचार जैसे बहुतेरे कार्यक्रम कुशलता सिखाने में कारगर सिद्ध हो रहे हैं. कुशलता सीखने के बाद युवा खुद का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं. इससे आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिल रहा है .भारत युवाओं का देश है. सबसे अधिक संख्या भारत में युवाओं की है, तो उनके नियोजन से लेकर उनके रोजगार तक के लिए सरकार को चिंता है. इसको ध्यान में रखकर कौशल सिखाने के लिए कई कार्यक्रमों की शुरूआत की गई. अब उनके कारण बहुत से युवाओं को जॉब मिलने में आसानी हो रही है. विभिन्न मंत्रालयों के अनुसार करीब 29 लाख युवाओं ने अप्रेंटिस करने के बाद नौकरी पाई.
ग्रामीण क्षेत्रों में स्किल इंडिया का कमाल
ग्रामीण क्षेत्रों में स्किल इंडिया ने खूब कमाल दिखाया. शहरी क्षेत्रों में स्कूल के अलावा अन्य संस्थानों में ट्रेनिंग की व्यवस्था थी, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा नहीं था. जब स्किल इंडिया की शुरुआत हुई तो ग्रामीण क्षेत्रों में इसका फायदा जमकर देखा गया. सबसे 2017-18 से लेकर 2022-23 तक ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं ने स्किल सिखी. बाद में नियोजन मेला व अन्य कंपनियों में नौकरी मिली. कहीं न कहीं स्किल इंडिया की वजह से बहुत से युवाओं ने जॉब पाई. जो पहले स्किल और कुशल जानकारी ना होने की वजह से नौकरी से पीछे रह जाते थे. आज के समय में तो शिक्षा के साथ-साथ कौशल होना जरूरी है. देश की आबादी में करीब 40 फीसद युवा हैं. जो देश की शक्ति भी हैं. इनका रोजगार एक समस्या बना हुआ है. राजनीतिक मुद्दे से हटकर देखें तो बेरोजगार एक तरह से सर्वव्यापी है. हर किसी को नौकरी मिल पाना भी इतना आसान नहीं. इसी परेशानी को दूर करने के लिए कुछ युवाओं ने कुशलता सीखने की राह अपनाई. सरकार ने भी इसमें मदद की.
नई शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत स्किल इंडिया, मिशन डिजिटल फाउंडेशन जैसी कई स्कीम शुरू की गयीं. इन सब में कहीं ना कहीं डिजिटल शिक्षा ने भी काफी मदद की. उसके बाद से बहुत से युवाओं ने खुद का नया स्टार्ट-अप शुरू किया है. स्टार्ट-अप इंडिया के अनुसार 124049 लोगों ने अपना स्टार्ट-अप शुरू किया है.जबकि 698902 लोगों ने स्टार्ट-अप के पोर्टल का उपयोग किया है. भारत का मौजूदा वक्त स्टार्टअप्स की ओर अग्रसर है. देश में बिजनेस और कारोबारियों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिक तंत्र दिन-प्रतिदिन बनते जा रहा है. भारत अब एक स्टार्टअप हब के तौर पर देखा जा रहा है.
क्या है स्टार्टअप इंडिया
16 जनवरी, 2016 को लॉन्च किया गया स्टार्टअप इंडिया एक तरह से ऐसा इनिशिएटिव है जो उद्यमियों को समर्थन देने, एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम का निर्माण करने और भारत को नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी पैदा करने वालों के देश में बदलने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. इन कार्यक्रमों का प्रबंधन स्टार्टअप इंडिया टीम द्वारा किया जाता है, जो उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग को जानकारी उपलब्ध कराती है. जिसका मकसद भारत में इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देते हुए स्टार्टअप ईकोसिस्टम को मजबूत बनाना है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में 1.24 लाख से ज्यादा स्टार्टअप हैं. जिसमें हजारों युवा नौकरी भी कर रहे हैं. देश को आर्थिक विकास और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न के उद्देश्य के लिए स्टार्टअप इंडिया की शुरूआत की गई थी. भारत को विश्व पटल पर मजबूत करने में स्टार्टअप जैसे कदम महत्वपूर्ण हो जाते है.
शिक्षा के साथ स्किल भी जरुरी
अब के समय में शिक्षा के साथ-साथ स्किल भी सीखने की जरूरत है. शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार से जुड़ी पहल के लिहाज से देखें तो पिछले सात से आठ सालों में भी खूब काम हुआ है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति करने और लागू करने से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजूबती देने का भी काम किए गए. जो युवा सोच और उनकी जरूरत के अनुसार था. इसमें ऑनलाइन व डिजिटल शिक्षा भी एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. इसके जरिए दूर-दराज के युवाओं को भी शिक्षा मिल पा रही है. डिजिटल शिक्षा को बढ़ाने की कोशिश पहले से चल रही थी, लेकिन इसको रफ्तार कोविड के समय में मिली. एआई, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में तेजी से युवाओं के कदम बढ़ रहे हैं. नई पीढ़ी को बेरोजगारी से बचाने के लिए सरकार ने कौशल से जोड़ने की मुहिम शुरू की थी. उसके बाद कौशल विकास व उद्यमिता नाम से एक अलग मंत्रालय भी बनाया गया है. अनुमान है कि साल 2030 तक देश के 50 फीसद युवाओं को किसी न किसी कौशल से जोड़ा जाएगा. आइटीआई और अन्य जगहों से भी युवाओं को कौशल सिखाने का काम किया गया है. शार्क टैंक जैसे टीवी कार्यक्रम में भी देखा जा सकता है कि नए युवा कई स्टार्टअप करने के बाद विशेषज्ञों को बताते हैं और अपने स्टार्टअप को ग्लोबल बनाने के लिए इन्वेसटमेंट मांगते हैं.