...क्योंकि तस्वीरें बोलती हैं; 16वीं लोकसभा की 16 अनोखी कहानियां
मोदी सरकार के राज में 16 वीं लोकसभा कामकाज के मामले में बहुत आगे रही. मई 2014 से शुरु हुई लोकसभा में 8 जनवरी 2019 तक 16 सत्रों में 321 बैठकें हुईं. इस दौरान लोकसभा में 216 बिल लाए गए जिसमें से 200 बिल पास भी हुए. 16 वीं लोकसभा में चर्चा के दौरान सांसदों ने 77,365 प्रश्न पूछे गए. जीएसटी, राफेल और तीन तलाक जैसे अहम मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को कई बार घेरा जिसकी वजह से लोकसभा में कई बार कार्यवाही रोकनी भी पड़ी. औसतन 70 दिनों तक लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
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View In Appलोकसभा में अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने UPA सरकार की शुरू की गई मनरेगा योजना पर सवाल उठाए थे. उन्होंने यह कहा था कि इसे कांग्रेस के स्मारक के रूप में याद किया जाएगा और वो उसे गाजे बाजे के साथ बचाकर रखेंगे. हालांकि अब सरकार ने इसी योजना के लिए सबसे ज्यादा बजट आवंटित किया गया है.
बजट से जुड़ा मोदी सरकार का एक और कदम संसद में यादगार रहेगा। 21 सितंबर 2016 को मोदी सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ लाने का ऐलान कर दिया इससे पहले संसद में आम बजट और रेल बजट अलग-अलग पेश किया जाता था, जो परंपरा पिछले 92 साल से देश में चल रही थी। मोदी सरकार ने रेल बजट को आम बजट के साथ लाने का फैसला कर एक और उपलब्धि अपनी सरकार के नाम कर ली.
मोदी सरकार ने देश का बजट एक फरवरी को पेश करने की परंपरा शुरू की. 26 अक्टूबर 2016 को पीएम मोदी ने ऐलान किया था कि अगले साल से बजट एक फरवरी को पेश किया जाएगा. पीएम मोदी ने इसके पीछे तर्क दिया था कि इस बदलाव से विकास की योजनाओं को गति मिलेगी. पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद साल 2017-18 से बजट एक फरवरी को पेश किया जाता है. इस साल का अंतरिम बजट भी एक फरवरी को ही पेश किया गया.
इस बार बजट के दौरान आम आदमी को टैक्स स्लैब में बदलाव की काफी उम्मीद थी. इस बीच जैसे ही कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने ऐलान किया कि 5 लाख रुपये तक की आय पर किसी तरह का आयकर नहीं लगेगा, तो एनडीए के सांसदों सदन में मोदी मोदी के नारे के साथ मेज थपथपाना शुरू कर दिया. काफी देर तक सदन में मोदी-मोदी के नारे का शोर गूंजता रहा. बता दें कि इससे पहले टैक्स स्लैब ढाई लाख रुपये तक था.
फरवरी 2018 में राज्यसभा में पीएम मोदी के भाषण के दौरान कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी की हंसी पर भी भारी विवाद हुआ था. मोदी के भाषण के दौरान रेणुका चौधरी जोर जोर से हंसने लगीं थीं. वेंकैया नायडु रेणुका चौधरी को बीच में टोक ही रहे थे कि मुस्कुराते हुए मोदी ने कहा कि सभापति जी रेणुका जी को आप कुछ मत कहिए रामायण सीरियल के बाद सभी को ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है.
लोकसभा में पिछले पांच साल में सूट-बूट की सरकार की काफी चर्चा रही. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सूट-बूट की सरकार का हवाला देते हुए सरकार पर किसानों और गरीबों की अनदेखी का आरोप लगाया. राहुल गांधी के सूट बूट की सरकार के कटाक्ष का कड़ा जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि निश्चित रूप से सूट बूट, सूटकेस की तुलना में ज्यादा स्वीकार्य है. मोदी का इशारा UPA सरकार के दौरान हुए घोटालों से था.
मोदी सरकार पर कई बार विपक्षी पार्टियों ने सांप्रदायिकता के आरोप लगाए. जिसका जवाब देते हुए मोदी ने लोकसभा में कहा कि मेरी सरकार का एक ही धर्म है, भारत सबसे पहले. मोदी ने संसद में कहा कि किसी को भी धर्म के आधार पर भेदभाव करने या कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. देश संविधान के दायरे में चलेगा और ये मेरी जिम्मेदारी है कि सरकार किस तरह से चले.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने मास्टरस्ट्रोक चलते हुए सवर्ण गरीबों के लिए 10 फीसदी आरक्षण का ऐलान कर दिया. जिसके तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक तौर पर पिछड़े सवर्णों को आरक्षण की व्यवस्था की गई. सवर्ण आरक्षण के ऐलान के मोदी सरकार के कदम का विरोध कांग्रेस जैसी विरोधी पार्टियां भी नहीं कर सकीं. देश के कई राज्यों ने सवर्ण आरक्षण का कानून प्रदेश में लागू कर दिया है.
तीन तलाक का मुद्दा भी 16वीं लोकसभा में छाया रहा. अगस्त 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोदी सरकार तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया. बिल के कुछ बिंदुओं पर विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में 28 दिसंबर को 2017 को तीन तलाक बिल पास किया गया, जिसमें तीन तलाक को आपराधिक माना गया है. हालांकि विपक्ष के विरोध के चलते अब तक राज्यसभा से ये बिल पास नहीं हो सका है.
गुड्स एंड सर्विसेट टैक्स मोदी सरकार की ओर से लाई गई बहुत महत्वपूर्ण कर व्यवस्था है. जीएसटी को एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था. जिसे सरकार और कई अर्थशास्त्रियों ने आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया. 30 जून की आधी रात संसद के सेंट्रल हाल में विशेष सत्र बुलाकर मोदी सरकार ने देश में जीएसटी लागू कर दिया था. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इसे गब्बर सिंह टैक्स बताकर इस पर सवाल उठाते आ रहे हैं.
संसद के सेंट्रल हॉल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पोट्रेट लगाया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने अटल बिहारी को याद करते हुए भावुक हो गए और उन्हें पिता तुल्य बताया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का यह पोर्ट्रेट लाइफ साइज का है. वृंदावन के चित्रकार कृष्ण कन्हाई ने इस फोटो को तैयार किया है. संसद भवन के सेंट्रल हॉल का खासा महत्व है.
बहुमत से सत्ता में आई मोदी सरकार का दबदबा संसद में दिखाई दिया. यही वजह है कि पिछले साल जुलाई में मोदी सरकार के खिलाफ लिए गए अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी. अविश्वास प्रस्ताव पर मत-विभाजन में कुल 451 सदस्यों ने हिस्सा लिया. जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 126 जबकि विरोध में 325 वोट पड़े. TDP ने आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर NDA से अलग होने के बाद ये अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था.
मोदी के गले लगाकर राहुल अपनी सीट पर बैठे ही थे कि उन्होंने कुछ ऐसा कर दिया जिससे वो विरोधियों के निशाने पर आ गए. मोदी को लगे लगाने के बाद राहुल ने अपनी सीट के बगल में बैठ ज्योतिरादित्य सिंधिया को ओर देखते हुए आंख मारी. जिसके बाद विरोधी नेताओं ने राहुल पर हमला बोल दिया और संसद में उनके इस आचरण पर सवाल खड़े किए. इस बाद राफेल पर बहस के दौरान भी राहुल के आंख मारने की तस्वीर सामने आई थी.
16वीं लोकसभा का वो दृश्य लंबे समय तक याद रखा जाएगा, जब अविश्वास प्रस्ताव पर अपने भाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सदन में पीएम मोदी की सीट तक जा पहुंचे और फिर उन्हें उठने का इशारा किया. जब मोदी से राहुल से वजह पूछी तो राहुल ने बिना कुछ बोले उन्हें गले लगा लिया. हालांकि बाद में पीएम मोदी ने राहुल गांधी को पास बुलाकर उनकी पीठ थपथपाई.
संसद में मोदी का आगाज भी यादगार रहा. 20 मई 2014 को बीजेपी संसदीय दल और सहयोगी दलों की बैठक में शामिल होने के लिए जब पीएम मोदी संसद पहुंचे तो उन्होंने संसद भवन की जमीन पर झुककर प्रणाम किया, जैसे श्रद्धालु पवित्र मंदिर में करते हैं. संसद भवन के इतिहास में उन्होंने ऐसा करके सभी सांसदों के लिये उदाहरण पेश किया. बैठक में नरेन्द्र मोदी को सर्वसम्मति से बीजेपी और एनडीए का नेता चुना गया था.
16वीं लोकसभा के सत्र का आज आखिरी दिन है, अप्रैल मई में लोकसभा चुनाव हैं और उससे पहले संसद के बजट सत्र में आज आखिरी कामकाजी दिन होगा. पिछले पांच साल में संसद में कई अहम वाकये हुए, इस दौरान कौन से मुद्दे छाए रहे, कौन से बयान चर्चित हुए, और कौन सी हस्तियों ने सुर्खियों बटोरी. इन सभी लम्हों को समेटे 16वीं लोकसभा की 16 कहानियों वाली ये विशेष फोटो गैलरी देखिए.....
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