ABP न्यूज़ का सर्वे: चुनाव में कैसी रहेगी तस्वीर, यहां जानिए सर्वे की A टू Z बातें

2014 के मुकाबले इस बार मोदी लहर फीकी पड़ती दिख रही है. पिछली बार जिन-जिन राज्यों में एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया था वहां इस बार सीटों का बड़ा नुकसान होता दिख रहा है.

ABP News Bureau Last Updated: 24 Jan 2019 08:36 PM
एबीपी न्यूज, सी वोटर के सर्वे में साफ हो गया है कि 2014 में जो मोदी मैजिक चला था वो अब फीका पड़ता दिख रहा है. बहुमत के आंकड़े से एनडीए 39 सीटों से दूर दिखाई दे रहा है. इसके अलावा कई राज्यों में एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है जो उसके लिए किसी झटके से कम नहीं है. सबसे ज्यादा नुकसान एनडीए को यूपी में होता दिख रहा है. यहां 2014 में बीजेपी नीत एनडीए के हाथ 73 सीटें लगी थीं जबकि इस बार के सर्वे के मुताबिक एनडीए को यहां सिर्फ 25 सीटें मिलती दिख रही हैं. साफ-साफ तौर पर यहां बीजेपी को 48 सीटों का नुकसान होता दिख रहा है जो उसके बहुमत से दूर रहने का मुख्य कारण माना जा सकता है.



देश का मूड की फाइनल तस्वीर सामने आ चुकी है और इसमें किसी दल को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. एनडीए को 233 सीटें, यूपीए को 167 सीटें और अन्य को 143 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं वोट शेयर की बात करें तो एनडीए को 38 फीसदी वोट शेयर, यूपीए को 32 फीसदी वोट शेयर और अन्य को 30 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है. इस तरह देखा जाए तो अन्य के हाथ में केंद्र की सत्ता की चाबी लग सकती है.

दक्षिण भारत में लोकसभा की कुल 129 सीटें हैं. इसमें तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक और तेलंगाना राज्य शामिल हैं. सर्वे के मुताबिक यहां इस तरह सीटों का आंकड़ा आ सकता है. यूपीए को 69 सीटें, एनडीए को 14 सीटें और अन्य को 46 सीटें मिल सकती हैं.

राजस्थान में बीजेपी ने साल 2014 के लोकसभा इलेक्शन में क्लीन स्वीप किया था और यहां की 25 की 25 सीटें जीती थीं. हालांकि साल 2019 के चुनाव में बीजेपी का वैसा जलवा नहीं दिख रहा है और जीत का सिलसिला कम होता दिख रहा है. राजस्थान की कुल 25 सीटों में से एनडीए यानी बीजेपी को 18 सीटें मिलती दिख रही हैं और यूपीए को 7 सीटें मिलने का अनुमान है.

छत्तीसगढ़ में लोकसभा की कुल 11 सीटें हैं. सर्वे के मुताबिक, यहां बीजेपी नीत एनडीए को 5 सीटें और कांग्रेस नीत यूपीए को 6 सीटें मिल सकती हैं. सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में यूपीए को 41.3 फीसदी, एनडीए को 43.4 फीसदी तो वहीं अजीत जोगी की पार्टी को 7.5 फीसदी वोट मिल सकते हैं. राज्य में अन्य के खाते में 8.1 फीसदी वोट जा सकते हैं.

देश का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में लोकसभा की कुल 29 सीटें हैं. यहां बीजेपी के हाथ अच्छी सफलता लग सकती है और इसे 23 सीटें मिल सकती हैं. इसके अलावा यूपीए को 6 सीटें मिल सकती हैं. सर्वे से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में यूपीए को 44.1 फीसदी, बीजेपी को 48.4 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है तो वहीं अन्य के खाते में 7.5 फीसदी वोट जा सकते हैं.


पूर्वोत्तर में कुल 25 सीटें हैं और एनडीए को यहां 14 सीटें मिलती दिख रही हैं. यहां यूपीए के खाते में 9 सीटें जाती दिख रही हैं. अन्य को 2 सीटें मिलने का अनुमान है. पूर्वोत्तर के लिहाज से ये एनडीए का अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है.

ओडिशा के पुरी से इस बार पीएम मोदी के लोकसभा चुनाव लड़ने की खबरें जोरों पर थीं लेकिन फिलहाल इसको लेकर कोई एलान नहीं हुआ है. ओडिशा में कुल 21 लोकसभा सीटें हैं और यहां बीजेपी का प्रदर्शन पिछली बार से अच्छा रह सकता है. ओडिशा में बीजेपी कुल 12 सीटें जीत सकती हैं और बीजू जनता दल 9 सीटों पर कब्जा जमा सकती है. ओडिशा का मुकाबला इस बार दिलचस्प हो सकता है और बीजेपी यहां से शानदार प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है.


'दीदी' यानी ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में उनका दबदबा कायम है. पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीटें हैं जिनमें से तृणमूल कांग्रेस को 34 सीटें मिलती दिख रही हैं और बीजेपी जो यहां अकेले चुनाव लड़ रही है वो केवल 7 सीटें हासिल करती ही दिख रही है. यूपीए को सिर्फ 1 सीट मिलती दिख रही है. साफ है कि बीजेपी की लाख कोशिशों के बावजूद यहां उसे ज्यादा सियासी फायदा होने की संभावना बेहद कम है.
गोवा में दो लोकसभा सीट है और इसमें एक सीट कांग्रेस के खाते में जाती दिख रही है. वहीं एक सीट पर बीजेपी कब्जा करती दिख रही है.



पिछले कई सालों से बीजेपी का गढ़ बने हुए राज्य गुजरात में इस बार भी बीजेपी नीत एनडीए को भारी सफलता मिलने का अनुमान है. यहां पर लोकसभा की 26 सीटें हैं और एबीपी न्यूज, सी वोटर के सर्वे के मुताबिक इनमें से एनडीए को 24 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है. इससे जाहिर है कि गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा कायम है. यहां 2017 में विधानसभा चुनाव हुए थे. गुजरात में यूपीए की स्थिति की बात करें तो यहां इसे सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ सकता है.

देश के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में भी एनडीए को नुकसान होता दिख रहा है. यहां की 48 सीटों में से एनडीए सिर्फ 20 सीटों पर ही जीतता दिख रहा है और यूपीए के हाथ 28 सीटें जाती दिख रही हैं. यहां पर भी एनडीए पिछले बार के प्रदर्शन को दोहराने में असफल साबित होता दिख रहा है. महाराष्ट्र में एनडीए में बीजेपी को 16 सीटें और शिवसेना को 4 सीटें मिलती दिख रही हैं.

एबीपी न्यूज़-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक अगर बिहार की 40 सीटों पर अभी चुनाव होते हैं तो एनडीए को 35 और महागठबंधन को महज पांच सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं अन्य अपना खाता भी नहीं खोलते दिख रहे हैं. यानी सर्वे में जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वो ये साफ बता रहे हैं कि नीतीश कुमार के वापस आने से एनडीए को फायदा हो रहा है.

इस तरह यूपी की सभी 80 लोकसभा सीटों को देखें तो यहां महागठबंधन को 51 सीटें और एनडीए को 25 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं यूपीए को सिर्फ 4 सीटों से संतोष करना पड़ सकता है. यूपी में कुल वोट शेयर देखें तो महागठबंधन को 43 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है और एनडीए को 42 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है. इसके अलावा यूपीए को 12.7 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है.

मध्य यूपी-बुंदेलखंड रीजन की बात करें तो इसमें कुल 15 लोकसभा सीट हैं और यहां मुख्य सीट-इलाहाबाद, कानपुर, मैनपुरी, झांसी हैं. इसमें एनडीए को 6 सीट, यूपीए को 1 सीट और महागठबंधन को 8 सीट मिलती दिख रही है.


पश्चिमी यूपी का हाल देखें तो पश्चिमी यूपी में कुल 26 सीटें हैं और यहां मुख्य सीट- आगरा, मेरठ, रामपुर, मुरादाबाद हैं. यहां महागठबंधन का वर्चस्व दिख रहा है और ये 15 सीटें जीतती दिख रहा है. इसमें एनडीए को 10 सीटें और यूपीए के हाथ सिर्फ 1 सीट जाती दिख रही है.

यूपी के अवध में वोट शेयर देखें तो महागठबंधन को 40.8 फीसदी, एनडीए को 40.6 फीसदी और यूपीए को 18 फीसदी का वोट शेयर मिलता दिख रहा है. इस तरह वोट शेयर के मोर्चे पर भी सबसे आगे महागठबंधन ही है. यूपी में इस क्षेत्र में पिछले चुनाव में एनडीए को भारी सफलता हाथ लगी थी.
सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े रीजन की बात करें तो अवध रीजन में 18 सीटें हैं जिसमें मुख्य सीट- लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, फैजाबाद हैं. इस चुनाव में महागठबंधन को अवध रीजन में 18 में से 13 सीटें मिलती दिख रही हैं और एनडीए के खाते में 3 सीटें और यूपीए को 2 सीट मिलती दिख रही हैं.
वोट प्रतिशत के हिसाब से देखें तो पूर्वांचल में महागठबंधन को 43.9 फीसदी और एनडीए को 39.6 फीसदी, यूपीए को 11.9 फीसदी और अन्य को 4.6 फीसदी वोट शेयर मिलता दिख रहा है.

पूर्वांचल में कुल 21 सीटें हैं जिसमें से मुख्य सीट- वाराणसी, आजमगढ़, गोरखपुर, गाजीपुर, बलिया हैं. यहां एनडीए को 6 सीटें और महागठबंधन को 15 सीटें मिलने का अनुमान है. इस रीजन में यूपीए यानी कांग्रेस और इसके साथ के दलों को एक भी सीट मिलती नहीं दिख रही है.


बैकग्राउंड

ABP News- C Voter Survey: लोकसभा चुनाव होने में लगभग 73 दिनों का समय बचा है. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को राजनीति के मैदान में प्रत्यक्ष रूप से उतारकर अपना सबसे बड़ा दांव चल गया है. यूपी में एसपी-बीएसपी का गठबंधन हो चुका है और इसके चलते वहां का समीकरण भी बदल चुका है. वहीं केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी काफी पहले से ही आम चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है और भरोसा दिला रही है कि इस बार भी मोदी सरकार आएगी.



जनता के मन में ये सवाल पूरी तरह छाया हुआ है कि देश में इस वक्त चुनाव हुए तो केंद्र की सत्ता की चाबी किसके हाथ लगेगी. एक ओर जहां बीजेपी एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर 'एक बार फिर मोदी सरकार' के नारे के साथ केंद्र में काबिज होने की तैयारी में है. वहीं विपक्ष गठबंधन के सहारे 5 साल बाद केंद्र की सरकार में आने की कोशिश में है.



ऐसे माहौल में एबीपी न्यूज़ ने 'देश का मूड' जानने की कोशिश की है. ये सर्वे देश भर में सभी 543 लोकसभा सीटों पर किया गया. सबसे बड़े सर्वे में एबीपी न्यूज़ ने देश का मूड जानने की कोशिश की है. देश में अगर अभी लोकसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो तो कौन बाजी मारेगा?

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