ABP न्यूज़ का सर्वे: राफेल विवाद से पीएम मोदी की छवि को ज्यादा नुकसान नहीं, लोगों ने दिया ये जवाब

देश का मूड के दूसरे भाग में पीएम मोदी की लोकप्रियता, राम मंदिर, ट्रिपल तलाक, सवर्ण आरक्षण बिल और किसानों की कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर देश के लोगों की राय ली गई है.

ABP News Bureau Last Updated: 25 Jan 2019 08:23 PM

एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे से जो सबसे बड़ी बात निकलकर सामने आई है कि विपक्ष के लगातार हमलों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश के लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं. हालांकि राहुल गांधी की लोकप्रियता में इजाफा हुआ है लेकिन इसके बावजूद वो दूसरे स्थान पर हैं. इसके अलावा एक और खास बात ये सामने आई है कि विपक्ष के लगातार पीपीएम मोदी को राफेल विवाद में चोर बताए जाने के बावजूद करीब आधी फीसदी जनता के लिए उनके प्रति कोई सवाल नहीं है. देश के 45 फीसदी लोगों ने कहा है कि इस विवाद से उनकी छवि पर कोई असर नहीं हुआ है. वहीं ट्रिपल तलाक बिल पर समर्थन न करने से विपक्ष को भारी नुकसान होगा. इसके अलावा एक और तथ्य जो चौंकाने वाला है वो ये है कि
राम मंदिर को लेकर करीब 50 फीसदी जनता मानती है कि ये मुद्दा बीजेपी के लिए सिर्फ एक चुनावी मुद्दा है.

ABP न्यूज़-सी वोटर सर्वे के मुताबिक, 44.9 फीसदी लोगों का मानना है कि इस मुद्दे से पीएम मोदी की छवि को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. वहीं 24.8 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे पीएम मोदी की छवि को बहुत नुकसान हुआ है. 21.7 फीसदी लोगों का मानना है कि कुछ हद तक पीएम मोदी की छवि को नुकसान हुआ है. जबकि 8.6 फीसदी लोगों ने इस मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया.
राफेल डील को लेकर कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस डील को लेकर मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुके हैं और पीएम मोदी को चोर तक कह चुके हैं. लोकसभा चुनाव में अब सिर्फ दो महीने बचे हैं. ऐसे में इस मुद्दे को कांग्रेस किसी भी हाल में छोड़ने के मूड में नहीं है. ऐसे में लोगों का इस डील को लेकर क्या कहना है, इस पर ABP न्यूज़-सी वोटर ने सर्वे किया है.

ABP न्यूज़-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, जब लोगों से पूछा गया कि तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए विपक्ष एकजुट नहीं है. लोकसभा चुनाव में विपक्ष को इसका फायदा होगा या नुकसान? ऐसे में 49 फीसदी लोगों का मानना है कि विपक्ष के इस कदम से उसे नुकसान होगा. वहीं, 30.1 फीसदी लोगों ने कहा कि विपक्ष को इससे फायदा मिलेगा. 7.7 फीसदी लोगों का मानना है कि इससे विपक्ष पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जबकि 13.1 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस मामले पर कुछ नहीं कह सकते.
इस कानून के तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा. केंद्र सरकार की नौकरियों में गरीब सवर्णों को एक फरवरी से 10 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा. इससे पहले 10 फीसदी आरक्षण देने का कानून गुजरात और झारखंड में लागू हो गया है.

सर्वे में जनता से पूछा गया है कि क्या गरीब सवर्णों को आरक्षण देने से बीजेपी को फायदा होगा? इस सवाल के जवाब में 36.9 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी को चुनाव में काफी हद तक इसका फायदा होगा. वहीं, 25.2 फीसदी लोगों का मानना है कि बीजेपी को थोड़ा बहुत फायदा हो सकता है. बड़ी बात यह है कि 28.6 फीसदी लोगों का मानना है कि इस फैसले से बीजेपी को बिल्कुल फायदा नहीं होगा. 9.2 फीसदी लोगों ने इस फैसले पर कुछ कहने से इनकार कर दिया.

अगर राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में हल नहीं हुआ और मोदी सरकार इसपर अध्यादेश भी नहीं लाई तो क्या आप बीजेपी को वोट देंगे? इस सवाल के जवाब में 50.4 फीसदी लोगों ने कहा कि वह बीजेपी को बाकी मुद्दों पर वोट करेंगे. वहीं 25 फीसदी लोगों ने कहा कि वह बीजेपी को कभी वोट नहीं देंगे. जबकि 15.6 फीसदी लोगों ने कहा कि अगर मोदी सरकार अध्यादेश नहीं लाई तो वह बीजेपी को वोट नहीं करेंगे. 9 फीसदी लोगों ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी गंभीर है या नहीं इस पर एबीपी न्यूज़ और सी वोटर ने जब देश की जनता से राय ली तो 49.3 फीसदी लोगों ने कहा कि बीजेपी सिर्फ चुनावों के लिए राम मंदिर मामले का इस्तेमाल करती है. वहीं, 39.1 फीसदी लोगों का मानना है कि बीजेपी राम मंदिर निर्माण के लिए बहुत गंभीर है. जबकि 11.6 फीसदी लोगों ने कहा कि वह इस मामले पर कुछ नहीं कह सकते.
वहीं, राहुल गांधी को 2017 में 26 फीसदी लोग पीएम देखना चाहते थे, लेकिन जनवरी 2018 में उनकी लोकप्रियता 28 फीसदी, सितंबर 2018 में 34 फीसदी, अक्टूबर 2018 में 36 फीसदी, नवंबर 2018 में 37 फीसदी, दिसंबर 2018 में 34 फीसदी और जनवरी 2019 में 39 फीसदी है. यानी 2017 की तुलना में पीएम पद के लिए राहुल गांधी की लोकप्रियता 13 फीसदी बढ़ी है.

2017 की तुलना में अब पीएम मोदी की लोकप्रियता घटी है. 2017में पीएम मोदी को 2017 में 69 फीसदी लोग फिर से पीएम देखना चाहते थे, लेकिन जनवरी 2018 में उनकी लोकप्रियता 66 फीसदी, सितंबर 2018 में 60 फीसदी, अक्टूबर 2018 में 56 फीसदी, नवंबर 2018 में 55 फीसदी, दिसंबर 2018 में 55 फीसदी और जनवरी 2019 में भी 55 फीसदी है. यानी 2017 की तुलना में पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता 14 फीसदी घटी है.



अब से 10 मिनट बाद एबीपी न्यूज का सर्वे यानी देश का मूड पेश होगा. इसमें देश की जनता क्या चाहती है, जैसे सवालों के जवाब आपको मिलेंगे.

बैकग्राउंड

देश का मूडः एबीपी-न्यूज सी-वोटर के सर्वे में लोकसभा चुनाव 2019 में किसी दल या गठबंधन को बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. कोई भी गठबंधन बहुमत के जादुई आंकड़े 272 के करीब पहुंचता नहीं दिख रहा है. सर्वे में एनडीए को 233 सीटें, यूपीए को 143 सीटें और अन्य को 143 सीटें मिलती दिख रही हैं.


 


एनडीए को सबसे तगड़ा झटका उत्तर प्रदेश से लगा है जहां इसे 25 सीटें मिलती दिख रही हैं. पिछली बार यानी 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन को 73 सीटें मिली थीं. यानी सीधे तौर पर एनडीए को 48 सीटों का नुकसान हो रहा है. वहीं बहुमत से भी एनडीए 39 सीटों से दूर दिख रहा है जिसका साफ मतलब है कि यूपी में 2014 जैसा जादुई प्रदर्शन न दोहरा पाने की स्थिति में एनडीए को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.


 


देश का मूड के दूसरे भाग में पीएम मोदी की लोकप्रियता, राम मंदिर, ट्रिपल तलाक, सवर्ण आरक्षण बिल और किसानों की कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर देश के लोगों की राय ली गई है. जिससे पता चलेगा कि क्या राम मंदिर पर अध्यादेश न ला पाने की स्थिति में भी लोग बीजेपी को वोट देंगे. क्या आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का मोदी सरकार को फायदा मिलेगा. इसके अलावा ट्रिपल तलाक और किसानों की कर्ज माफी जैसे मुद्दों पर भी लोग किसका साथ देते दिख रहे हैं, इसका जवाब इस सर्वे में मिल जाएगा.


 


एबीपी न्यूज-सी वोटर के सर्वे में ये भी पता चलेगा कि लोग प्रधानमंत्री पद की दौड़ में पीएम मोदी बनाम राहुल गांधी में से लोग किसे आगे देख रहे हैं. इन जैसे सब सवालों के जवाब आज शाम 7 बजे आपको मिल पाएंगे.

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