महिलाओं के प्रति कब बदलेगी हमारे नेताओं की संवेदनहीन सोच?
नई दिल्ली: आजादी के 68 साल बाद भी हमारा समाज महिलाओं को लेकर कितना बदला है, खासकर देश को दिशा देने वालों नेताओं की सोच कितनी बदली है, वक़्त-वक़्त पर उनके संवेदनहीन बयान इसकी चुगली करते हैं. ताज़ा बयान यूपी बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की है जिन्होंने बीएसपी अध्यक्ष मायावती को लेकर बेहद ही आपत्तिजनक टिप्पणी की. उनके बयान ने नेताओं के संवेदनहीनता को जग जाहिर कर दिया है. हालांकि बीजेपी ने सख्त कार्रवाई करते हुए दयाशंकर सिंह को न सिर्फ पार्टी पद से हटाया है, बल्कि पार्टी से भी छह साल के लिए बाहर का रास्ता दिखा दिया है. बदकिस्मती ये है कि ये पहला मामला नहीं है जब राजनेताओं ने महिलाओं के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया हो. आइए नजर डालते है कुछ ऐसे नेताओं पर जिन्होंने समय-समय पर महिलाओं के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया है.
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View In Appदिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव: महिलाओं के लिए गंदी टिप्पणी में कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह भी पीछे नहीं रहे हैं. मध्यप्रदेश के मंदसौर से सांसद मीनाक्षी नटराजन को दिग्विजय सिंह ने सौ टंच माल कहा था. कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, हमारी सांसद मीनाक्षी नटराजन गांधीवादी, सीधी और ईमानदार नेता हैं. वो सबके पास जाती हैं. गांव-गांव जाती हैं. मुझे भी राजनीति का अच्छा- खासा अनुभव है. मीनाक्षी सौ टंच माल हैं.
संजय निरुपम- कांग्रेस नेता: साल 2012 के गुजरात विधानसभा की चुनावी मुहिम के दौरान कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने बीजेपी नेता स्मृति ईरानी को ‘ठुमकेवाली’ कहा था. संजय निरुपम ने कहा था, आपको राजनीति में आए चार दिन ही हुए हैं और आप राजनीतिक विशेषज्ञ बन गई हैं. आप तो टीवी पर ठुमके लगाती थी, आज चुनावी विश्लेषक बन गई.
मुलायम सिंह यादव, यूपी के पूर्व सीएम और एसपी अध्यक्ष: मुरादाबाद में एक रैली में मुलायम सिंह ने कहा कि बलात्काेर (रेप) के मामलों में फांसी की सजा देना गलत है। लड़कों से गलतियां तो हो जाती हैं।. उनका दूसरा बयान था, एक महिला के साथ चार लोग कैसे बलात्कार कर सकते हैं, ये व्यावहारिक नहीं है. सपा प्रमुख का तर्क था कि कई बार बलात्कार एक शख्स करता है और उसमें चार लोगों को नामजद कर दिया जाता है. ऐसा बदले की भावना से किया जाता है. उन्होंने कहा था, 'ऐसे उदाहरण भी हैं, जिनमें निर्दोषों को फंसाया गया है.
अनिल बासू, सीपीएम नेता: साल 2011 में सीपीएम नेता अनिल बासू ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के प्रति शर्मनाक टिप्पणी की थी. सीपीएम नेता ने ममता की तुलना सोनागाछी की सेक्स वर्कर से की थी.
अभिजीत मुखर्जी, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी ने भी दिल्ली में गैंगरेप का विरोध कर रही लड़कियों को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी. मुखर्जी का कहना था कि कैंडल लेकर मार्च करना आज कल की लड़कियों का फैशन बन गया है, जो लड़कियां दिन में अच्छे से सज धज कर हाथ में मोमबती लेकर प्रर्दशन करने आती हैं, वही लड़कियां रात को डिस्को चली जाती है. मुखर्जी ने कहा की लड़कियां सच्चाई से रुबरु नहीं हैं और इन्हें बस दिखावा करना आता है और इस तरह से सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने से कुछ नहीं होता है.
शरद यादव, सांसद और पूर्व जेडीयू अध्यक्ष: साल 2015 में जेडीयू नेता शरद यादव ने राज्यसभा में दक्षिण भारतीय महिलाओं के लिए अशोभनीय टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, दक्षिण भारत की महिलाएं सांवली तो ज़रूर होती हैं, लेकिन उनका शरीर खूबसूरत होता है. उनकी त्वचा सुंदर होती है. वे नाचना भी जानती हैं. दुख की बात ये है कि शरद यादव जब ये बातें राज्यसभा में कह रहे थे तो उस दौरान कई सांसद हंसते हुए भी दिखाई दिए. दिल्ली के 16 दिसंबर गैंगरेप कांड की पीड़ित निर्भया पर डाक्यूमेंट्री बनाने वाली लेस्ली अडविन पर भी शरद यादव ने भद्दी टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था, अडविन की डाक्यूमेंट्री को भारत में दिखाने की इजाजत उनकी गोरी चमड़ी की वजह से मिली.
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