Budget 2019: किसी ने लिखा 'नोट फॉर वोट' तो किसी ने बताया Daylight Bribery, देखिए देश के प्रमुख अखबारों की सुर्खियां
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कल मोदी सरकार ने अपना अंतरिम बजट पेश किया. इसमें सरकार ने मध्यम वर्ग और आम नौकरी पेशा तबके की पांच लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करने तथा दो हेक्टेयर तक की जोत वाले किसानों को साल में 6,000 रुपये का नकद देने का वादा किया. साथ ही असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिये तीन हजार रुपये मासिक पेंशन योजना की भी घोषणा की. अपने बजट के जरिए सरकार करीब 25 करोड़ लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने का वादा किया है. आपको यहां बताते हैं कि मोदी सरकार के इस बजट को देश के अखबारों ने कैसे पेश किया है.
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View In Appअंग्रेजी अखबार इकोनोमिक टाइम्स ने लिखा है कि सरकार ने चुनावों से पहले पेश हुए इस बजट को Vote-on-Account बना दिया है.
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ ने इस बजट को सीधे तौर पर मतदाओं को घूस देने जैसा बताया है.
इंडियन एक्सप्रेस ने इसे डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर बताया है.
वहीं हिंदुस्तान अखबार ने लिखा है कि सरकार ने उन लोगों को टारगेट किया है जो लोकसभा चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाएंगे.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने इसे चुनावों से पहले पेश किया गया फाइनल पिच बताया है.
हिंदी अखबार दैनिक जागरण ने लिखा है कि आखिरी बजट में मोदी ने लोकलुभावन होने की कोशिश की लेकिन इस बात का भी ख्याल रखा कि उनकी छवि खराब ना हो.
अमर उजाला ने सियासी स्ट्राइक बताते हुए लिखा है कि सरकार को पांच साल बाद मध्यम वर्ग की याद आई है.
दैनिक भास्कर ने मोदी सरकार के इस बजट के लिए हेडलाइन दी है- नोट फॉर वोट.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा है कि मोदी सरकार ने चुनावों से पहले पेश किए इस बजट में शहरी और ग्रामीण दोनों तरह के वोटर्स को खुश करने की कोशिश की है.
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