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IN PICS: अटल बिहारी से लेकर मोदी के चहेते थे अरुण जेटली, ऐसा था उनका राजनीतिक सफर

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मोदी सरकार के दोबारा स्त्ता में आने के बाद जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दरख्वास्त की कि उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत है. इसलिए उन्हें इस दफा मंत्रीपद के भार से मुक्त रखा जाए.
मोदी सरकार के दोबारा स्त्ता में आने के बाद जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर दरख्वास्त की कि उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त समय की जरूरत है. इसलिए उन्हें इस दफा मंत्रीपद के भार से मुक्त रखा जाए.
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साल 2018 में वह एक बार फिर राज्यसभा के लिए चुने गए. इस बार वह गुजरात से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से चुने गए थे. 2019 के आम चुनावों में जब एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आई तो उम्मीद यही की जा रही थी कि उन्हें एक बार फिर सरकार में अहम पद दिया जाएगा.
साल 2018 में वह एक बार फिर राज्यसभा के लिए चुने गए. इस बार वह गुजरात से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश से चुने गए थे. 2019 के आम चुनावों में जब एक बार फिर मोदी सरकार सत्ता में आई तो उम्मीद यही की जा रही थी कि उन्हें एक बार फिर सरकार में अहम पद दिया जाएगा.
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अरुण जेटली शुरू से ही बीजेपी में एक ताकतवर नेता रहे. जेटली सिर्फ मोदी सरकार में ही नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी के भी करीबी और विश्वसनीय थे. अरुण जेटली ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत छात्र के रूप में की थी. साल 1974 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष बने.
अरुण जेटली शुरू से ही बीजेपी में एक ताकतवर नेता रहे. जेटली सिर्फ मोदी सरकार में ही नहीं बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी के भी करीबी और विश्वसनीय थे. अरुण जेटली ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत छात्र के रूप में की थी. साल 1974 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र संगठन के अध्यक्ष बने.
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   23 जुलाई 2000 को उनको एक और जिम्मेदारी सौंपी गई. जेटली को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला.
23 जुलाई 2000 को उनको एक और जिम्मेदारी सौंपी गई. जेटली को कानून, न्याय और कंपनी मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में राम जेठमलानी के इस्तीफे के बाद मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला.
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अरुण जेटली की पार्टी में महत्वता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मोदी सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. 2014 में अरुण जेटली अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए थे. इसके बावजूद  जब बीजेपी सत्ता में आई तो उन्हें 26 मई 2014 को वित्त मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई.
अरुण जेटली की पार्टी में महत्वता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मोदी सरकार में उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया. 2014 में अरुण जेटली अमृतसर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह से चुनाव हार गए थे. इसके बावजूद जब बीजेपी सत्ता में आई तो उन्हें 26 मई 2014 को वित्त मंत्रालय की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई.
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देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता रहे अरुण जेटली अब हमारे बीच नहीं रहे. अरुण जेटली ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में  24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर आखिरी सांस ली. जेटली 9 अगस्त से ही अस्पताल में भर्ती थे और उनकी तबीयत लगातार खराब हो रही थी. लंबी बीमारी के बाद उन्होंने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के बड़े नेता रहे अरुण जेटली अब हमारे बीच नहीं रहे. अरुण जेटली ने दिल्ली के एम्स अस्पताल में 24 अगस्त को 12 बजकर 7 मिनट पर आखिरी सांस ली. जेटली 9 अगस्त से ही अस्पताल में भर्ती थे और उनकी तबीयत लगातार खराब हो रही थी. लंबी बीमारी के बाद उन्होंने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
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इसके बाद साल 1999 में उन्हें  पार्टी में पहली बार बड़ी जिम्मेदारी आम चुनावों से पहले मिली. उस वक्त उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता बनाया गया था. इसके बाद इसी साल अटल जी की सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी सौंपी गई.
इसके बाद साल 1999 में उन्हें पार्टी में पहली बार बड़ी जिम्मेदारी आम चुनावों से पहले मिली. उस वक्त उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता बनाया गया था. इसके बाद इसी साल अटल जी की सरकार में उन्हें सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी सौंपी गई.
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जेटली को 29 जनवरी 2003 को फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग और कानून और न्याय मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. मई 2004 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हार के साथ जेटली पार्टी के महासचिव के रूप में सेवा करने लगे. साल 2009 में जेटली को राज्यसभा में विपक्ष का नेता चुना गया.
जेटली को 29 जनवरी 2003 को फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में वाणिज्य, उद्योग और कानून और न्याय मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया. मई 2004 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की हार के साथ जेटली पार्टी के महासचिव के रूप में सेवा करने लगे. साल 2009 में जेटली को राज्यसभा में विपक्ष का नेता चुना गया.
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अरुण जेटली के बिगड़े स्वास्थ्य को देखते हुए मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सितारमण को दी गई. (सभी तस्वीरें- Getty Images))
अरुण जेटली के बिगड़े स्वास्थ्य को देखते हुए मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी निर्मला सितारमण को दी गई. (सभी तस्वीरें- Getty Images))
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