IN PICS: गिव इट अप की बात करने वाली सरकार के सांसदों को मिल रही हैं इतनी सुविधाएं, हैरान रह जाएंगे

सांसदों के घर पर 1 जनवरी से शुरु होकर एक साल में 4000 किलोलीटर पानी और 50,000 बिजली की यूनिट उन्हें फ्री मिलती है. अगर एक साल में इतने यूनिट और पानी का इस्तेमाल नहीं हो पाता है तो ये अगले साल में जुड़ जाता है.
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हर साल एक लोकसभा सांसद पर 71.29 लाख रुपये का खर्च हो रहा है. एक लोकसभा सांसद पर हर महीने 5.94 लाख रुपये का खर्च हो रहा है. वहीं राज्यसभा सांसदों की बात करें तो एक राज्यसभा सांसद पर 44.33 लाख रुपये सालाना और हर महीने 3.69 रुपये खर्च हो रहे हैं.

2014 से 2018 के चार सालों के दौरान लोकसभा और राज्यसभा सांसदों की सैलरी और अन्य भत्तों पर होने वाला खर्च 1997 करोड़ रुपये पहुंच गया था. इसमें से लोकसभा सांसदों पर 1554 करोड़ रुपये का खर्च पिछले 4 सालों के दौरान किया गया और राज्य सभा सांसदों पर कुल 443 करोड़ रुपये का खर्च किया गया.
टेलीफोन फैसिलिटी के रूप में देखें तो एक फोन पर सांसदों को 50 हजार मुफ्त कॉल मिलती हैं और सांसदों को तीन फोन मिलते हैं तो इस तरह एक साल में उन्हें 1.5 लाख कॉल्स मुफ्त मिलती हैं.
अब रेलवे में भी गिव इट अप सब्सिडी की बात हो रही है. यात्रियों से उनके टिकट पर मिलने वाली सब्सिडी को उनकी मर्जी से छुड़वाने की सरकार की ये कवायद कितनी सफल होगी ये तो वक्त ही बताएगा. हालांकि सरकार को इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि उसके खुद के सांसदों को जितने फायदे मिल रहे हैं उसमें से वो कितना फायदा कम करने को तैयार है. यहां जानें सांसदों को सैलरी के अलावा कितने तरह के भत्ते और अन्य खर्चे और सब्सिडी मिलते हैं-
सांसदों का टैक्स देखें तो सैलरी और अन्य भत्ते 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के तहत इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. सांसदों के इनकम के सोर्स पर कोई टैक्स नहीं लिया जाता है. वहीं इनका रोजाना का भत्ता और संसदीय क्षेत्र के लिए मिला भत्ता भी इनकम टैक्स से फ्री होता है.
अन्य भत्तों की बात करें तो एयर ट्रेवल के लिए 34 यात्रा एक साल में मुफ्त मिलती हैं और एक साल में 34 यात्रा पूरी नहीं होने पर दूसरे साल में जुड़ जाती हैं. सांसदों को किसी भी रेलवे में एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा करने की सुविधा मिलती है. इसके अलावा सड़क से यात्रा करने पर 16 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से उन्हें मिलते हैं.
साांसदों का वेतन देखें तो 1 लाख रुपये महीना उन्हें सैलरी मिल रही है. संसद सत्र के दौरान सांसदों को 2000 रुपये रोजाना का भत्ता मिलता है. संसदीय क्षेत्र के लिए 70 हजार रुपये, ऑफिस के लिए 45 हजार रुपये भत्ता, फर्नीचर के लिए 60 हजार रुपये मिलते हैं.
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