राज्यसभा में गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण बिल पास हुआ, पीएम मोदी ने जताई खुशी

General Category quota: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले विधेयक के राज्य सभा में पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई दी और इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया है.

ABP News Bureau Last Updated: 09 Jan 2019 11:31 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि संविधान (124वां संशोधन बिल) 2019 के संसद के दोनों सदनों से पास होना सामाजिक न्याय की बेहद बड़ी जीत है. ये हमारी युवा शक्ति को उनके कौशल को दिखाने और भारत के ट्रांसफॉर्मेशन में उनके योगदान को दिखाने के लिए बड़ा मंच प्रदान करेगा.

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि संविधान (124वां संशोधन बिल) 2019 को पास करके हम अपने संविधान निर्माताओं और उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने एक मजबूत और समावेशी भारत की कल्पना की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि संविधान (124वां संशोधन बिल) 2019 के संसद के दोनों सदनों से पास होना सामाजिक न्याय की बेहद बड़ी जीत है. ये हमारी युवा शक्ति को उनके कौशल को दिखाने और भारत के ट्रांसफॉर्मेशन में उनके योगदान को दिखाने के लिए बड़ा मंच प्रदान करेगा.

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि संविधान (124वां संशोधन बिल) 2019 को पास करके हम अपने संविधान निर्माताओं और उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने एक मजबूत और समावेशी भारत की कल्पना की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बिल को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि राज्यसभा में संविधान संशोधन बिल के पास होने से खुश हूं. बिल के लिए इतने विशाल समर्थन को देखकर प्रसन्न हूं. सदन में काफी अच्छी चर्चा हुई जहां कई सदस्यों ने अपना व्यावहारिक मत दिया.



बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को आरक्षण देने वाले विधेयक के राज्य सभा में पास होने पर प्रधानमंत्री मोदी जी को हार्दिक बधाई दी और इसका समर्थन करने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया है.


गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का संविधान संशोधन बिल राज्यसभा से पास हो गया है. इसके पक्ष में 165 वोट और विरोध में 7 वोट पड़े हैं.
राज्यसभा में इस वक्त संविधान संशोधनों पर वोटिंग चल रही है. गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण बिल के ऊपर अलग-अलग संविधान संशोधनों को लेकर जारी वोटिंग में सांसदों का अलग-अलग रुख सामने आ रहा है.

गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण बिल सेलेक्ट कमेटी को नहीं जाएगा. 174 में से 155 सांसदों ने कहा कि बिल सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजा जाना चाहिए. वहीं 18 सांसदों ने कहा कि बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाना चाहिए.
गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण बिल सेलेक्ट कमेटी को नहीं जाएगा, इसको लेकर हुई वोटिंग में सेलेक्ट कमेटी को बिल भेजने वाला प्रस्ताव गिर गया है.
गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के संविधान संशोधन बिल पर राज्यसभा में वोटिंग शुरू होने वाली है. इस समय राज्यसभा में वोटिंग की कार्यवाही के बारे में बताया जा रहा है.
पीठासीन उपसभापति ने सदन में सूचना दी कि 8 बजे तक का समय इस मामले पर चर्चा के लिए तय किया गया था लेकिन अब ये चर्चा 9.15 बजे तक चलेगी. लिहाजा बचे हुए सांसदों को बोलने के लिए 3-3 मिनट का समय दिया जाएगा.
अमर सिंह ने कहा कि 3 राज्यों के चुनाव से पहले मोदी सरकार ये बिल लाती तो कहा जाता कि राज्यों के चुनाव के पहले ये बिल चुनावी फायदा लेने के लिए लाया जा रहा है. अब जब ये बिल लाया जा रहा है तो कहा जा रहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर ये बिल लाया जा सकता है. यानी चित्त भी मेरी और पट भी मेरी को सार्थक करने की कोशिश की जा रही है. इस बिल को लाए जाने का वो समर्थन करते हैं.
सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण के मुद्दे पर सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने जवाब देते हुए कहा कि लगभग सभी पार्टियों के सांसदों ने इस बिल का स्वागत किया है. पीएम मोदी की सरकार सवर्णों को आरक्षण देने का काम कर रही है जो सरकार की तरफ से काफी बड़ा काम है. कांग्रेस ने आरक्षण की व्यवस्था प्रारंभ की लेकिन इस काम को आगे बढ़ाने का काम मोदी सरकार कर रही है.


कांग्रेस के पी एल पुनिया ने कहा कि संविधान के आर्टिकल 15 और 16 में संशोधन के जरिए सरकार आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को आरक्षण दिलाने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि वैसे तो सरकार कांग्रेस पार्टी के हर कदम का विरोध करती है लेकिन आर्थिक आधार पर कमजोरों को आरक्षण दिलाने की कांग्रेस पार्टी की मुहिम को ही आगे बढ़ा रही है. कानून मंत्री ने कहा कि उदार मन से इस बिल का स्वागत कीजिए. हम इस बिल का उदार मन से स्वागत करते हैं और समर्थन करते हैं.




सीपीआई के डी राजा ने कहा कि ये एक संविधान संशोधन बिल है और इसे लेकर सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि सरकार संसद और संविधान को कमतर करने की कोशिश कर रही है. इस तरह आनन-फानन में बिल लाकर और राज्यसभा का कार्यकाल बढ़ाकर बिल को पास कराने की कोशिश करना सरकार की नीयत को दिखाता है. इस बिल को पास कराने की कोशिश करना गलत है और इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजे जाने की सिफारिश को मंजूर कराया जाना चाहिए.

कुमारी शैलजा ने सरकार पर आरोप लगाए कि सरकार नौकरियों के मुद्दे पर तो जवाब देती नहीं है और आरक्षण के मुद्दे पर लोगों को सपने दिखा रही है. ये सरकार पूरी तरह आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है और धीरे-धीरे आरक्षण को खत्म करना चाहती है. साफ बात ये है कि ये सरकार आरक्षण के जरिए अपना संरक्षण करने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने कहा कि ये बिल राज्यसभा से पास हो जाए तो भी आप ये नहीं समझ सकते कि ज्यूडिशियल इंक्वॉयरी नहीं आएगी. सरकार लोगों को गुमराह कर सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट को क्या जवाब देगी. केंद्रीय सरकार लाखों नौकरियों को खत्म कर रही है और आरक्षण के लॉलीपॉप के जरिए लोगों को बेवकूफ बना रही है.
सतीश चंद्र मिश्रा ने आगे कहा है कि सरकार ने नौकरियां देने के बजाय नौकरियां छीन ली हैं. मोदी सरकार को एससी-एसटी का ख्याल रखना चाहिए. सरकार आरक्षण के जरिए सिर्फ बेवकूफ बना रही है. आखिर सरकार अखिरी दिन बिल क्यों लाई? आज हर वर्ग इस सरकार से परेशान है.
बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा है कि मोदी सरकार मायावती और अखिलेश यादव की मुलाकात की वजह से ये बिल लेकर आई है. उन्होंने कहा है कि दोनों नेताओं की मुलाकात से मोदी सरकार डरी हुई है. सरकार को सपने में भी हाथी दिख रहा है. ये हाथी अब बीजेपी को डराने लगा है. सतीश चंद्र मिश्रा ने मांग की है कि अल्पसंख्यकों को आरक्षण मिलना चाहिए.
राज्यसभा में एलजेपी अध्यक्ष और कैबिनेट मंत्री रामविलास पासवान बोल रहे हैं. रामविलास पासवान ने कहा कि संविधान में 50 फीसदी तक आरक्षण के मामले के तहत पिछड़ों को आरक्षण दिया गया है. अब सरकार इसमें आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की जो बात कह रही है उसके लिए इस संविधान संशोधन बिल को लाया गया है. अब बिल असंवैधानिक नहीं रहेगा. जितनी भी राजनीतिक पार्टियां हैं वो इस बात पर एकमत हैं कि आर्थिक आधार पर कमजोरों को आरक्षण दिया जाना चाहिए.


कपिल सिब्बल ने कहा कि इस बिल को पास भी करा लिया जाए तो इसको लागू करने में काफी दिक्कतें हैं जिसके बारे में सरकार ने सोचा नहीं है.

50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण का फायदा सरकार कैसे पहुंचा पाएगी जब 8 लाख सालाना इनकम को तय करने का फार्मूला ही तय नहीं है. जब सरकार पहले ही कह चुकी है कि इनकम टैक्स फाइल करने वालों की संख्या 6 करोड़ है तो इनकम टैक्स फाइल न करने वाला इस बात को कैसे साबित करेगा कि उसकी आय कितनी है. सरकार के पास ऐसी कोई मशीनरी है जिससे पता लगाया जा सके कि किसी परिवार या सदस्य की आय कितनी है.
कपिल सिब्बल ने सदन में सरकार से कुछ सवाल पूछते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक आधार पर आरक्षण को असंवैधानिक कहा है तो इस बारे में फैसला क्यों लिया गया? एससी, एसटी, ओबीसी के तहत जिन गरीबों को नौकरी नहीं मिली उनका क्या होगा?


कपिल सिब्बल ने कहा कि मोदी सरकार में हर साल सिर्फ 45 हजार लोगों को नौकरियां मिली हैं, जब नौकरियां हैं ही नहीं तो 10 फीसदी आरक्षण का फायदा किसे मिलेगा? सदन में टॉयलेट बनाने के आंकड़ों पर चर्चा क्यों की गई? जितनी नई नौकरियां मिली हैं उससे कई गुना ज्यादा नौकरियां छीन ली गई हैं.
दलित का परिवार जो 5000, 10,000 रुपये कमाता है वो गरीब नहीं है बल्कि जो साल में 8 लाख रुपये कमाता है वो गरीब है? क्या सरकार इस आरक्षण बिल के जरिए वास्तविक
वंचितों को फायदा पहुंचा पाएगी? क्या इस बिल के जरिए सरकार बेवकूफ बना रही है?


कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल इस समय राज्यसभा में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि 5 साल सरकार के पास थे तब ये बिल लेकर नहीं आए. बिल आता, उस पर पूरी तरह चर्चा हो जाती, बिल सेलेक्ट कमिटी के पास जाता. लेकिन अब बिल लेकर आए हैं और जल्दबाजी में इसे पास कराने की कोशिश सरकार की मंशा पर सवाल उठाता है. सरकार बिना किसी डेटा, बिना किसी रिपोर्ट के संविधान में इतना बड़ा संशोधन लाने की बात कर रही है. सरकार ने कोई डेटा इकट्ठा करने की कोशिश की है या नहीं कि कितने लोगों के पास 5 एकड़ जमीन है, कितने लोगों के पास 1000 वर्गफीट का घर है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने 33 करोड़ बैंक अकाउंट खोले और लोगों के खाते में सीधा पैसा पहुंचाया. 6 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को उज्ज्वला स्कीम के तहत गैस मिली है. रोजगार के आंकड़ों को लेकर उन्होंने कहा कि मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग की संख्या 2 से सैंकड़ों तक पहुंच गई है. इसके जरिए कई लोगों को रोजगार मुहैया कराया जा रहा है. जितने शौचालय पहले की सरकार ने कुल मिलाकर बनाए थे उससे कई गुना ज्यादा शौचालय केंद्र की सरकार ने बनाए हैं.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर मान लिया जाए कि सरकार देरी से आई लेकिन दुरुस्त तो आई. आज का दिन ऐतिहसिक दिन है और बदलाव का दिन है. अगर समर्थन कर रहे हैं तो पूरी तरह कीजिए, इसमें लेकिन का क्या स्थान है. आज से 15-20 साल बाद इस दिन को लेकर चर्चा की जाएगी. सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत जो काम किए हैं उनको सम्मान मिलना चाहिए. इस देश की विदेश मंत्री महिला हैं. एयरफोर्स में महिला पायलटों के उड़ान भरने का काम इस सरकार के दौरान हुआ है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर मान लिया जाए कि सरकार देरी से आई लेकिन दुरुस्त तो आई. आज का दिन ऐतिहसिक दिन है और बदलाव का दिन है. अगर समर्थन कर रहे हैं तो पूरी तरह कीजिए, इसमें लेकिन का क्या स्थान है. आज से 15-20 साल बाद इस दिन को लेकर चर्चा की जाएगी. सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत जो काम किए हैं उनको सम्मान मिलना चाहिए. इस देश की विदेश मंत्री महिला हैं. एयरफोर्स में महिला पायलटों के उड़ान भरने का काम इस सरकार के दौरान हुआ है.
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूरी चर्चा में लोगों ने कई बातों पर चर्चा की लेकिन इस बिल में सरकार मौलिक अधिकारों के तहत 2 बदलाव कर रही है. सरकार अभी मौजूदा आरक्षण की व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं कर रही है. इसके तहत देश के उन गरीबों की चिंता कर रहे हैं जिनको आरक्षण का लाभ नहीं मिला. कई मामलों को लेकर सरकार ने पूरा विचार किया है और ये सच्चाई है कि अगड़े वर्ग के लोग गरीब हैं और उनको भी आरक्षण का फायदा मिलना चाहिए.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद राज्यसभा में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि आरक्षण बिल पर कई पार्टियों ने सरकार के बिल का समर्थन दिया है. टीएमसी के डेरेक ओब्राइन और कनिमोझी को छोड़कर लगभग सभी पार्टियों ने बिल का समर्थन किया है. सरकार देश के सभी लोगों के लिए समान असवर की बात कर रही है.
डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि सरकार के पास ये आंकड़ा कहां से आया कि 10 फीसदी आरक्षण देने से आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को पूरा फायदा मिल पाएगा. आर्थिक आधार पर आरक्षण देने से सरकार किस तरह वास्तविक फायदा पहुंचा पाएगी. जब कनिमोझी को बोलने से रोकने के लिए पीठासीन उपसभापति ने कहा तो इसको लेकर राज्यसभा में हंगामा हुआ. जया बच्चन समेत कई सांसदों ने कनिमोझी को बोलने की अनुमति देने के लिए कहा.
आरजेडी के प्रो मनोज कुमार झा ने कहा कि कौन से ऐसे दस्तावेज हैं जिन्होंने आपको बता दिया कि 1000 वर्ग फीट से कम एरिया वाला आर्थिक रुप से कमजोर है. क्यों न सदन ऐसी व्यवस्था पर काम करे कि जातिगत व्यवस्था के आरक्षण को ही खत्म कर दिया जाए. बैकवर्डनेस को कैसे परिभाषित किया जाए इसको लेकर आज तक कुछ ठोस नहीं कहा गया. ये पूरी सरकार व्हॉट्सएप पर चल रही है. सरकार जातिगत जनगणना के आंकड़ों को क्यों सामने आने नहीं दे रही है. इसके साथ ही प्रो मनोज कुमार झा ने कहा कि सरकार एंटी बैकवर्ड. एंटी दलित है. इसमें कोई संदेह नहीं है. मनोज कुमार झा ने सदन में झुनझुना दिखाते हुए कहा कि ये बिल ऐसा झुनझुना है जो दिखता तो है पर बजता नहीं है.
आरजेडी के प्रो मनोज कुमार झा ने कहा कि कौन से ऐसे दस्तावेज हैं जिन्होंने आपको बता दिया कि 1000 वर्ग फीट से कम एरिया वाला आर्थिक रुप से कमजोर है. क्यों न सदन ऐसी व्यवस्था पर काम करे कि जातिगत व्यवस्था के आरक्षण को ही खत्म कर दिया जाए. बैकवर्डनेस को कैसे परिभाषित किया जाए इसको लेकर आज तक कुछ ठोस नहीं कहा गया. ये पूरी सरकार व्हॉट्सएप पर चल रही है. सरकार जातिगत जनगणना के आंकड़ों को क्यों सामने आने नहीं दे रही है. इसके साथ ही प्रो मनोज कुमार झा ने कहा कि सरकार एंटी बैकवर्ड. एंटी दलित है. इसमें कोई संदेह नहीं है. मनोज कुमार झा ने सदन में झुनझुना दिखाते हुए कहा कि ये बिल ऐसा झुनझुना है जो दिखता तो है पर बजता नहीं है.
टीडीपी ने सरकार के सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़ों को नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने के बिल को समर्थन देने का एलान किया है. पार्टी के सांसद वाई चौधरी ने कहा कि हम लोग अलग पार्टियों, अलग विचारधारा के हैं लेकिन जहां तक लोगों के कल्याण की बात है तो वहां पार्टियां एकसाथ मिलकर सामने आती हैं. हालांकि इस बात पर संदेह कायम है कि इसका फायदा वास्तविक रूप से मिल पाएगा या नहीं क्योंकि ये कदम सरकार का चुनावी लाभ लेने की कोशिश ज्यादा लग रहा है.
राम चंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए. 59.5 फीसदी आरक्षण के दायरे में निजी यानी प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों को भी लाना चाहिए. सामान्य वर्ग के आर्थिक रुप से कमजोरों को आरक्षण का फायदा मिले इसके लिए सरकार को पूरा प्रयत्न करना चाहिए. इस बिल को राज्यसभा में हम अपना समर्थन देते हैं और आशा करते हैं कि इसको जल्द से जल्द लागू करवाने का रास्ता साफ हो सके.
राज्यसभा में जेडीयू सांसद राम चंद्र प्रसाद सिंह बोल रहे हैं और उन्होंने जेडीयू के इस आरक्षण बिल को समर्थन देने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार भले ही इस बिल को देरी से लाई है लेकिन देर आए दुरुस्त आए. आरक्षण की पहले की व्यवस्था में क्रीमी लेयर का भी प्रावधान है और आज भी आरक्षण की व्यवस्था का पूरा फायदा आरक्षित वर्ग को नहीं मिल पा रहा है.
राज्यसभा में जेडीयू सांसद राम चंद्र प्रसाद सिंह बोल रहे हैं और उन्होंने जेडीयू के इस आरक्षण बिल को समर्थन देने का एलान किया है. उन्होंने कहा कि सरकार भले ही इस बिल को देरी से लाई है लेकिन देर आए दुरुस्त आए. आरक्षण की पहले की व्यवस्था में क्रीमी लेयर का भी प्रावधान है और आज भी आरक्षण की व्यवस्था का पूरा फायदा आरक्षित वर्ग को नहीं मिल पा रहा है.
प्रसन्न आचार्य ने कहा कि लगभग हर पार्टी इस बिल का सपोर्ट कर रही है क्योंकि आर्थिक रुप से पिछड़ों को आगे लाने के लिए हर पार्टी प्रतिबद्ध है. हालांकि राज्यसभा से भी ये बिल पास होने की पूरी उम्मीद है लेकिन सरकार इस बिल को देर से लाई है. हो सकता है कि कोर्ट इस बिल को रिजेक्ट कर दे. जब तक इस देश में राजनीतिक पार्टियां दोहरे स्टैंडर्ड को नहीं छोड़ेंगी किसी भी बिल, किसी भी कानून के जरिए लोगो को वास्तविक फायदा नहीं मिल पाएगा. सरकार की इस नीति पर हमें कोई विरोध नहीं है लेकिन सरकार की नीयत पर हमें पूरा संदेह है.

बीजू जनता दल के प्रसन्न आचार्य ने कहा कि हमारी पार्टी सरकार के आरक्षण बिल का समर्थन करती है. हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार बीमारू है और इसी बिल के जरिए ऑक्सीजन हासिल करने की कोशिश कर रही है. अब जब चुनाव में तीन महीने का वक्त बचा है और सरकार आईसीयू में है तो आरक्षण की बैसाखी का सहारा लेकर सुरक्षित रहना चाहची है.
आरक्षण के जरिए सरकार कमजोर वर्गों को वास्तविक रूप में फायदा नहीं पहुंचा पाएगी तो ये बिल लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए एक कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं है.
डेरेक ओब्रॉइन ने कहा कि सरकार इस आरक्षण बिल को अपनी ग्लानि दूर करने के लिए लाई है. सरकार को इस बात का पछतावा है कि उसने युवाओं को रोजगार नहीं दिया, नोटबंदी, जीएसटी से अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया. सरकार के कई कार्यक्रमों को चीट इंडिया कार्यक्रम कहा जाए तो बेहतर है. नोटबंदी सदी का सबसे बड़ा मानवनिर्मित डिजास्टर है. स्किल इंडिया भी चीट इंडिया का ही दूसरा स्वरूप है.
तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रॉइन राज्यसभा में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने जब साढ़े चार सालों में कुछ नहीं किया तो सोचा कि चलो संविधान बदलते हैं. ये बिल वास्तव में आरक्षण या नौकरियों के बारे में नहीं है बल्कि चुनाव के बारे में सोचकर लाया गया है. ये गरीबों, युवाओं और आम आदमी को धोखा देने के लिए हैं. सरकार संसद का अपमान कर रही है और इसको इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.
राज्यसभा में बोलते हुए रामगोपाल यादव ने कहा कि हम इस बिल का समर्थन कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने हालांकि ये भी कहा कि बिल का निशाना गरीब नहीं बल्कि चुनाव है. कितने लोगों को इससे रोजगार मिलेगा इसका कोई हिसाब नहीं है, देश में नौकरियां तो हैं नहीं. वहीं कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 4 साल 7 महीने में बिल क्यों नहीं लाया गया. इस समय बिल लाने का मकसद चुनावी फायदे से ज्यादा कुछ नहीं है.
बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा कि बिल करोड़ों युवाओं की आवाज है. 95 फीसदी आबादी इस बिल के दायरे में आ जाएगी और सभी को इसका लाभ मिलेगा. बिल लागू होने के बाद सिर्फ 5 फीसदी लोग ही इस दायरे बाहर होंगे.
राज्यसभा में सामान्य वर्ग को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा कि देश की 95 प्रतिशत लोग आरक्षण के दायरे में हैं. सबका साथ, सबका विकास का ध्येय पूरा हो रहा है.
सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा और रोजगार में दस प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में थोड़ी देर में होगी चर्चा. इससे पहले चर्चा बार बार बाधित हुई थी और सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई थी. अब दोबारा कार्यवाही शुरू हो चुकी है और गृहमंत्री राजनाथ सिंह नागरिकता बिल पर बयान दे रहे हैं. राज्यसभा में आज इस मुद्दे पर भी हंगामा देखने को मिला.
सामान्य वर्ग आरक्षण के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राकेश सिन्हा, अजय प्रताप सिंह बीजेपी की ओर से राज्यसभा में बोलेंगे. इसके अलावा जीवीएल नरसिम्हा राव, प्रभात झा भी बीजेपी की तरफ से राय रख सकते हैं. रामविलास पासवान पर अपनी पार्टी की तरफ से बोलेंगे.
सामान्य वर्ग आरक्षण बिल पेश होने के बाद अलग-अलग मुद्दों पर राज्यसभा में जमकर हंगामा. कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित. विपक्षी पार्टियां बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग कर रही है.
राज्यसभा में सामान्य वर्ग आरक्षण बिल पेश किया गया है. सदस्य अपनी-अपनी राय रख रहे हैं. विपक्षी दलों के सदस्य अलग-अलग मुद्दों पर जमकर हंगामा कर रहे हैं. बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग उठी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश में आरक्षण के नाम कुछ लोगों द्वारा झूठ फैलाया जाता था कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को मिले आरक्षण को कम कर दिया जाएगा लेकिन हमनें कुछ कम किए बिना अतिरिक्त 10% आरक्षण देकर सबके साथ न्याय करने का काम किया है.
सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा में अपनी बात कही है. उन्होंने महाराष्ट्र के सोलापुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कहा कि कल लोकसभा में एक ऐतिहासिक बिल पास हुआ. सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगाकर सबका साथ-सबका विकास के मंत्र को और मजबूत करने का काम किया गया. हर वर्ग को आगे बढ़ने का मौका मिले और अन्याय की भावना खत्म हो इस संकल्प के साथ हम जनता के उज्जवल भविष्य के लिए समर्पित है.
पूर्वोत्तर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि कांग्रेस के सांसद जिस मुद्दे को उठा रहे हैं उसपर गृहमंत्री 2 बजे सदन में जवाब दे सकते हैं. संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कांग्रेस के सांसदों से आरक्षण बिल को पारित कराने की अपील की.
सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सामान्य वर्ग आरक्षण बिल राज्यसभा में पेश किया. बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग की. राज्यसभा में हंगामा जारी. कुछ सांसद सिटीजनशिप बिल का मुद्दा उठाया है. इस बिल के विरोध में असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं.
विपक्षी दलों के हंगामे पर राज्यसभा में वित्त मंत्री और नेता सदन अरुण जेटली ने कहा कि देश चाहता है संसद चले. अहम विधेयकों के लिए सत्र को एक दिन के लिए बढ़ाया गया है और विपक्षी दलों के सरकार का साथ देकर विधायी कामकाज पूरा कराना चाहिए.

शीतकालीन सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही बढ़ाए जाने को लेकर विपक्षी दलों का विरोध. कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित. स्थगित होने से पहले संसदीय कार्यमंत्री विजय गोयल ने कहा कि सवर्णों को आरक्षण देने से जुड़ा जो 124वां संशोधन बिल आया है उस पर चर्चा कर पारित करना चाहिए. क्योंकि इस बिल पर सभी दलों ने अपनी सहमति जताई है.
जिग्नेश मेवाणी की बात आगे बढ़ाते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि मेरी कई लोगों से बात हुई. सब लोगों को लग रहा है कि बीजेपी कि यही चाल है. बेहद खतरनाक.

गुजरात से निर्दलीय विधायक और एससी कार्यकर्ता जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि सवर्ण समुदाय के गरीबों को लाभ मिले उस बात की तकलीफ हरगिज नहीं, लेकिन जिनकी नियत हमेशा से संविधान और आरक्षण विरोधी रही है उन बीजेपी वालों का यह पैंतरा बड़ा खरनाक लग रहा है. कल को बाबा साहब और संविधान निर्माताओं ने जिस तर्ज़ पर आरक्षण दिया उसी को खत्म न किया जाए - असली खतरा तो यही है.
जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि RSS के लोगों से बात हुई- बीजेपी 10% ग़रीबों को आरक्षण क्यों दे रही है? जो पता चला वो बेहद खतरनाक है. RSS जाति आरक्षण के हमेशा से खिलाफ रही है. अभी पहले चरण में संविधान संशोधन करके आर्थिक आधार शुरू करेंगे. फिर SC, ST और OBC का सारा आरक्षण खत्म करके केवल आर्थिक आधार रखेंगे.

आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला संविधान संशोधन बिल आज राज्यसभा में दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा. कल लोकसभा से इसे मंजूरी मिली थी.

बैकग्राउंड

General Category quota: मोदी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़ों को शिक्षा और नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर संविधान संशोधन बिल लाई है. कल लोकसभा में ये बिल पास हो चुका है और आज राज्यसभा में इस बिल को पास कराने की सरकार कोशिश कर रही है.


राज्यसभा में इसे पास कराने के लिए सरकार को 163 मतों की जरूरत है. वहीं एनडीए के पास कुल 88 सांसद राज्यसभा में हैं. सरकार को उम्मीद है कि कल लोकसभा की तरह आज राज्यसभा में भी इस बिल को पास कराने के लिए विपक्षी पार्टियों का सहयोग मिलेगा.


कल लोकसभा में ये बिल 323 मतों के साथ पास हुआ था और इसके विरोध में 3 वोट पड़े थे.

- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -

TRENDING NOW

© Copyright@2024.ABP Network Private Limited. All rights reserved.