IN PICS: कुछ यूं सजा है भोपाल का दशहरा ग्राउंड, अभी नए कूलर के प्राइस टैग भी नहीं हटे
पुलिस का काम शांति बनाए रखना है. किसानों को शांत कराने वाली पुलिस अब भारी तादाद में सीएम साहिब के उपवास स्थल पर तैनात है.
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View In Appदिलचस्प बात ये है कि उपवास के शुरू होने से पहले सीएम साहिब ने किसानों को राहत देने का एलान किया.. अभी किसानों के पास रात पहुंची या नहीं पहुंची...लेकिन अपनी राहत के लिए एक दम नए कूलरों पर भी भरोसा किया गया... अभी इन कूलरों पर प्राइस टैग भी लगे ही हुए हैं...
सूबे में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में किसानों के आंदोलन को हवा देने में कांग्रेस भी पेश-पेश है. किसान कांग्रेस के हिमयती बने, उससे पहले शिवराज ने उपवास का दांव चल दिया.
सूबे के कामकाज़ को भी देखना है... इसलिए अधिकारियों से बैठक के लिए भी केबिन बनाए गए. उपवास स्थल पर ही सरकारी कामकाज होगा.. ऐसे में थकेंगे ही... इसलिए थक जाने के बाद आराम के लिए भी केबिन बनाए गए... फिर पलंग गद्दे लाए गए... सजा गए... शिद्दत की गर्मी है इसलिए नए-नए कूलर मंगवाए गए, ताकि बिना दिक्कत चलते रहें. शौचालय की भी व्यवस्था की गई.
अब क्या था, लोकतंत्र के बादशाह के उपवास के लिए भूपाल का दशहरा ग्राउंड चुना गया. बरसात का मौसम है.. ऐसे में साहिब के लिए रातों रात वाटरप्रूफ पंडाल डाला गया...सीएम का दरबार सही से चले, इसलिए 160 फिट लम्बा और 60 फ़ीट चौड़े पंडाल में 400 कुर्सियां सजाई गईं. मंच के पीछे केबिन बनाए गए.
मध्य प्रदेश में किसान आंदोलनरत हैं, अपनी फसल की वाजिब कीमत और कर्जे की माफी की मांग पर अड़े हुए हैं. लेकिन इन आंदोलनों के दौरान किसानों को अपने छह बेटों की कुर्बानी देनी पड़ी है. पांच किसान पुलिस की गोली से मारे गए.
ये तस्वीर सूब के बिगड़े हालात की चुगली कर रहे हैं.
किसान नाराज़ हैं. उग्र प्रदर्शन पर उतारू हैं. सूबे का मंदसौर आंदोलन की धूरी है तो धीरे-धीरे पूरा प्रदेश इस आग की लपेट में है. बिगड़े हालात का संभालने के लिए अब सीएम शिवराज सिंह चौहान खुद ही मैदान में कूद पड़े हैं.
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